क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्लेन टर्नर ने क्रिकेट के बाकी के प्रारूपों पर टी-20 के पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई है. न्यूजीलैंड के चयन पैनल के पूर्व अध्यक्ष भी रहे 72 साल के टर्नर के मुताबिक क्रिकेट प्रशासन अब पूंजीवाद की राह चल रहा है.
एक वेबसाइट ने टर्नर के हवाले से कहा, 'पैसे का बोलबाला है और आपने टी20 का इतना दबदबा बना दिया है कि इसने खेल के अन्य प्रारूपों को शायद पीछे धकेल दिया है जिन्हें मैं अधिक वाजिब मानता हूं.'
उन्होंने कहा, ‘ऐसा सिर्फ इससे मिलने वाले पैसे के चलते हो रहा है और बेशक इसके लिए तर्क है कि यह अधिक लोगों की क्रिकेट में रूचि जगा रहा है.'
72 साल के टर्नर को लगता है कि कोविड-19 के कारण जो समय मिला है, उसमें इस स्थिति की समीक्षा की जानी चाहिए और भविष्य को लेकर गहराई से सोचना चाहिए.
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और कोच ने कहा, ‘शीर्ष स्तर पर ज्यादा पैसा जा रहा है और यह समाज की तरह है जहां अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ रहा है. उम्मीद करते हैं कि इस महामारी के बाद चीजों का पुन: विश्लेषण किया जाएगा.'
उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को पूरे 12 महीने की रिटेनर राशि मिल रही है जबकि वे बाकी लोगों से जितने मर्जी अनुबंध कर सकते हैं और न्यूजीलैंड के लिए पूरे समय उपलब्ध भी नहीं हैं जो मेरी नजर में गलत है.'
टर्नर पिछले साल विश्व कप फाइनल में निर्धारित ओवरों और फिर सुपर ओवर में मुकाबला टाई रहने के बाद बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित करने से भी खुश नहीं हैं.
इंग्लैंड की पारी के दौरान अंतिम ओवर में मार्टिन गप्टिल की थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री के लिए चली गई थी जिससे इंग्लैंड मैच को सुपर ओवर में खींचने में सफल रहा था. टर्नर का हालांकि मानना है कि स्टोक्स को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिया जाना चाहिए था.