नई दिल्ली : बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि प्रशासकों की समिति (सीओए) के दौरान वित्तीय ढांचे में हुए बदलाव एक बड़ा कारण है कि जिसके चलते बोर्ड को कुछ मुश्किल फैसले लेने पड़ रहे हैं और वित्तीय ढांचे को दोबारा देखना पड़ा रहा है.
सीओए का फैसला
उन्होंने कहा, "ये सीओए द्वारा लिए गए फैसलों का नतीजा है, जिन्होंने बीसीसीआई के पैसे को बिना सोचे इसलिए खत्म किया, ताकि वो दुनिया के एक निश्चित हिस्से की नजरों में अच्छा बन सकें. सीओए कर विभाग के लिए काम करते नजर आ रहे था ना कि बीसीसीआई के लिए, जिसके लिए उन्हें काम करना था."
यहां तक की सीओए की विफलता के कारण बोर्ड को जो भारी भरकम करों का भुगतान करना पड़ा रहा, उसके चलते बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली और उनकी टीम को घरेलू खिलाड़ियों की फीस को बढ़ाने को लेकर भी परेशानी आ रही है.
आईपीएल में टीमों को मिलने वाली राशि
बहरहाल आईपीएल पर लौटें तो, जो ई-मेल आठ फ्रेंचाइजियों को भेजा गया है, उसके मुताबिक आईपीएल-2020 के विजेता को 10 करोड़ रुपये, उप-विजेता को 6.25 करोड़ रुपये, तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 4.375 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं 2019 में विजेता को 20 करोड़ रुपये दिए गए थे. उपविजेता के हिस्से 12.5 करोड़ रुपये आए थे. तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 8.75 करोड़ रुपये दिए थे.
आईपीएल जीतने वाली फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी से जब इसे लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इससे फ्रेंचाइजी को फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि यह पैसा वो खिलाड़ियों के बीच बांट देती है.
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अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "देखिए, रकम हमारे लिए चिता की बात नहीं है, क्योंकि अपने अतीत में भी हमने यह पैसा खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ में बांट दिया है। हो सकता है कि आईपीएल की गर्विनंग काउंसिल की अगली बैठक में कुछ फ्रेंचाइजियां इस मुद्दे को उठाएं."