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बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन बनेंगे आईसीसी प्रमुख ? - एन श्रीनिवासन

खबरों के मुताबिक, बीसीसीआई के सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को एक बार फिर आईसीसी में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर नामित किया जाए.

N Srinivasan
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Published : Oct 24, 2019, 10:58 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 11:20 PM IST

हैदराबाद: बीसीसीआई की एक नई टीम के साथ भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला, इसी के साथ बीसीसीआई की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में अपनी खोई हुई साख को वापस पाने की उम्मीद जगी है.


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैनल के सदस्यों ने बुधवार को बीसीसीआई मुख्यालय में हुई जनरल बोर्ड मीटिंग में इसी बात पर चर्चा की, जिसमें सभी का एक मत था कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई की ओर से आईसीसी के लिए नामित किया जाना चाहिए.

देखिए वीडियो

कौन हैं एन श्रीनिवासन?

  • नारायणस्वामी श्रीनिवासन एक भारतीय उद्योगपति और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष हैं. आईपीएल मैच फिक्सिंग प्राकरण के चलते 2014 में वो अपने पद से हटाए गए थे जिससे पहले वो बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके थे.
  • श्रीनिवासन को क्रिकेट प्रशासन में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए.सी. मुथैया ने परिचित करवाया था. वो 2011 में आईसीसी के अध्यक्ष पद संभालने से पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव के रूप में भी अपनी सेवांए दे चुके थे.
  • वो इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक भी हैं.
  • श्रीनिवासन की बेटी को हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में शामिल होने के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे हैं.

दिलचस्प बात ये है कि बीसीसीआई प्रमुख और आईसीसी अध्यक्ष रहने के बावजूद, श्रीनिवासन को 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई में कोई भी पद संभालने से रोक दिया गया था क्योंकि उनके सीएसके के साथ व्यावसायिक हित थे.

बीसीसीआई मुख्यालय में इस बात को लेकर खबरें उड़ रहीं हैं कि 74 वर्षीय श्रीनिवासन पर दागी होने के बावजूद, आईसीसी में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में देखे जा रहे हैं.

ये देखा गया था कि श्रीनिवासन के आईसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान "बिग थ्री" मॉडल में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को विश्व क्रिकेट में स्वीकार किया गया था. सूत्रों के अनुसार, इन तीनों देशों के बीच कुल राजस्व का लगभग 80 प्रतिशत बटना था.



यदि इसे लागू किया जाता तो बीसीसीआई का विश्व क्रिकेट में 22 प्रतिशत का हिस्सा होता लेकिन श्रीनिवासन की जगह आईसीसी के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर ने इस पूरे प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया.

एन श्रीनिवासन, N Srnivasan
एन श्रीनिवासन



यही कारण है कि श्रीनिवासन को सीओए से उनके कार्यकाल के दौरान हितों की रक्षा नहीं करने के लिए दोषी ठहराया था जिसके कारण बीसीसीआई को काफी नुकसान उठाना पड़ा था.



सूत्रों के हवाले से ये पता चला है कि बीसीसीआई के सदस्यों ने अनौपचारिक रूप से बुधवार को जनरल बोर्ड मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की थी. श्रीनिवासन अधिकारियों से कहते नजर आए, 'भारत का आईसीसी में एक बड़ा शेयर क्यों नहीं होना चाहिए". मैं जब भारत को राष्ट्रों की समिति में उचित मान्यता दिलाने के लिए आईसीसी के सामने गया तब मेरे इस प्रस्ताव को सबने माना लेकिन दुर्भाग्य से बाद में आए लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया. आप भारत से कुछ भी स्थायी रूप से नहीं ले सकते क्योंकि आपको ये मानना होगा कि भारत सचमुच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में राजस्व के रूप में सबसे बड़ा भागीदार है. भारत विश्व क्रिकेट को नियंत्रित कर रहा है इसलिए, मुझे चिंता नहीं है इसमें समय तो लग सकता है, लेकिन हमें आखिर में हमारा हक मिलेगा."



इस बीच, बीसीसीआई के नए अध्यक्ष गांगुली प्रेस कॉनफ्रेंस में आईसीसी से राजस्व मामले में श्रीनिवासन की बात से सहमत नजर आए.



गांगुली ने कहा, “आईसीसी का ये मामला सभी के लिए जानना महत्वपूर्ण है. बीसीसीआई को आने वाले पांच सालों में आईसीसी से 372 मिलियन डॉलर मिलने हैं क्योंकि हमे अभी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी हैं. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि हमें हमारा हक मिले. हम आईसीसी के साथ काम करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे."



ये अलग बात है कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने आईसीसी के लिए बीसीसीआई के प्रतिनिधि के बारे में अपनी पसंद को सार्वजनिक करने से दूर रहना सही समझा.

गांगुली ने कहा, "नहीं, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है पर आईसीसी का ये मामला हम सबके लिए जानना जरूरी है. आप लोग कही - सुनी बातों पर ध्यान न दें."

हैदराबाद: बीसीसीआई की एक नई टीम के साथ भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला, इसी के साथ बीसीसीआई की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में अपनी खोई हुई साख को वापस पाने की उम्मीद जगी है.


एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैनल के सदस्यों ने बुधवार को बीसीसीआई मुख्यालय में हुई जनरल बोर्ड मीटिंग में इसी बात पर चर्चा की, जिसमें सभी का एक मत था कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई की ओर से आईसीसी के लिए नामित किया जाना चाहिए.

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कौन हैं एन श्रीनिवासन?

  • नारायणस्वामी श्रीनिवासन एक भारतीय उद्योगपति और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष हैं. आईपीएल मैच फिक्सिंग प्राकरण के चलते 2014 में वो अपने पद से हटाए गए थे जिससे पहले वो बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके थे.
  • श्रीनिवासन को क्रिकेट प्रशासन में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए.सी. मुथैया ने परिचित करवाया था. वो 2011 में आईसीसी के अध्यक्ष पद संभालने से पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव के रूप में भी अपनी सेवांए दे चुके थे.
  • वो इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक भी हैं.
  • श्रीनिवासन की बेटी को हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में शामिल होने के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे हैं.

दिलचस्प बात ये है कि बीसीसीआई प्रमुख और आईसीसी अध्यक्ष रहने के बावजूद, श्रीनिवासन को 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई में कोई भी पद संभालने से रोक दिया गया था क्योंकि उनके सीएसके के साथ व्यावसायिक हित थे.

बीसीसीआई मुख्यालय में इस बात को लेकर खबरें उड़ रहीं हैं कि 74 वर्षीय श्रीनिवासन पर दागी होने के बावजूद, आईसीसी में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में देखे जा रहे हैं.

ये देखा गया था कि श्रीनिवासन के आईसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान "बिग थ्री" मॉडल में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को विश्व क्रिकेट में स्वीकार किया गया था. सूत्रों के अनुसार, इन तीनों देशों के बीच कुल राजस्व का लगभग 80 प्रतिशत बटना था.



यदि इसे लागू किया जाता तो बीसीसीआई का विश्व क्रिकेट में 22 प्रतिशत का हिस्सा होता लेकिन श्रीनिवासन की जगह आईसीसी के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर ने इस पूरे प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया.

एन श्रीनिवासन, N Srnivasan
एन श्रीनिवासन



यही कारण है कि श्रीनिवासन को सीओए से उनके कार्यकाल के दौरान हितों की रक्षा नहीं करने के लिए दोषी ठहराया था जिसके कारण बीसीसीआई को काफी नुकसान उठाना पड़ा था.



सूत्रों के हवाले से ये पता चला है कि बीसीसीआई के सदस्यों ने अनौपचारिक रूप से बुधवार को जनरल बोर्ड मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की थी. श्रीनिवासन अधिकारियों से कहते नजर आए, 'भारत का आईसीसी में एक बड़ा शेयर क्यों नहीं होना चाहिए". मैं जब भारत को राष्ट्रों की समिति में उचित मान्यता दिलाने के लिए आईसीसी के सामने गया तब मेरे इस प्रस्ताव को सबने माना लेकिन दुर्भाग्य से बाद में आए लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया. आप भारत से कुछ भी स्थायी रूप से नहीं ले सकते क्योंकि आपको ये मानना होगा कि भारत सचमुच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में राजस्व के रूप में सबसे बड़ा भागीदार है. भारत विश्व क्रिकेट को नियंत्रित कर रहा है इसलिए, मुझे चिंता नहीं है इसमें समय तो लग सकता है, लेकिन हमें आखिर में हमारा हक मिलेगा."



इस बीच, बीसीसीआई के नए अध्यक्ष गांगुली प्रेस कॉनफ्रेंस में आईसीसी से राजस्व मामले में श्रीनिवासन की बात से सहमत नजर आए.



गांगुली ने कहा, “आईसीसी का ये मामला सभी के लिए जानना महत्वपूर्ण है. बीसीसीआई को आने वाले पांच सालों में आईसीसी से 372 मिलियन डॉलर मिलने हैं क्योंकि हमे अभी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी हैं. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि हमें हमारा हक मिले. हम आईसीसी के साथ काम करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे."



ये अलग बात है कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने आईसीसी के लिए बीसीसीआई के प्रतिनिधि के बारे में अपनी पसंद को सार्वजनिक करने से दूर रहना सही समझा.

गांगुली ने कहा, "नहीं, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है पर आईसीसी का ये मामला हम सबके लिए जानना जरूरी है. आप लोग कही - सुनी बातों पर ध्यान न दें."

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बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन बनेंगे आईसीसी प्रमुख ?





खबरों के मुताबिक, बीसीसीआई के सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को एक बार फिर आईसीसी में भारत का प्रतिनिधि के तौर पर नामित किया जाए.



हैदराबाद: बीसीसीआई की एक नई टीम के साथ भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला,  इसी के साथ बीसीसीआई की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में अपनी खोई हुई साख को वापस पाने की उम्मीद जगी है.  

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पैनल के सदस्यों ने बुधवार को बीसीसीआई मुख्यालय में हुई जनरल बोर्ड मीटिंग में इसी बात पर चर्चा की, जिसमें सभी का एक मत था कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई की ओर से आईसीसी के लिए नामित किया जाना चाहिए. 



कौन हैं एन श्रीनिवासन?

नारायणस्वामी श्रीनिवासन एक भारतीय उद्योगपति और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पूर्व अध्यक्ष हैं. आईपीएल मैच फिक्सिंग प्राकरण के चलते 2014 में वो अपने  पद से हटाए गए थे जिससे पहले वो बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके थे.

श्रीनिवासन को क्रिकेट प्रशासन में बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए.सी. मुथैया ने परिचित करवाया था. वो 2011 में आईसीसी के अध्यक्ष पद संभालने से पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव के रूप में भी अपनी सेवांए दे चुके थे. 

वो इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक भी हैं.

श्रीनिवासन की बेटी को हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया था, जबकि उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में शामिल होने के लिए आजीवन प्रतिबंध झेल रहे हैं. 



दिलचस्प बात ये है कि बीसीसीआई प्रमुख और आईसीसी अध्यक्ष रहने के बावजूद, श्रीनिवासन को 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई में कोई भी पद संभालने से रोक दिया गया था क्योंकि उनके सीएसके के साथ व्यावसायिक हित थे. 



बीसीसीआई मुख्यालय में इस बात को लेकर खबरें उड़ रहीं हैं कि 74 वर्षीय श्रीनिवासन पर दागी होने के बावजूद, आईसीसी में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में देखे जा रहे हैं. 



ये देखा गया था कि श्रीनिवासन के आईसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान "बिग थ्री" मॉडल में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को विश्व क्रिकेट में स्वीकार किया गया था.  सूत्रों के अनुसार, इन तीनों देशों के बीच कुल राजस्व का लगभग 80 प्रतिशत बटना था. 

यदि इसे लागू किया जाता तो बीसीसीआई का विश्व क्रिकेट में 22 प्रतिशत का हिस्सा होता लेकिन श्रीनिवासन की जगह आईसीसी के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर ने इस पूरे प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया. 

यही कारण है कि श्रीनिवासन को सीओए से उनके कार्यकाल के दौरान हितों की रक्षा नहीं करने के लिए दोषी ठहराया था जिसके कारण बीसीसीआई को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. 

सूत्रों के हवाले से ये पता चला है कि बीसीसीआई के सदस्यों ने अनौपचारिक रूप से बुधवार को जनरल बोर्ड मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की थी. श्रीनिवासन अधिकारियों से कहते नजर आए, 'भारत का आईसीसी में एक बड़ा शेयर क्यों नहीं होना चाहिए". मैं जब भारत को राष्ट्रों की समिति में उचित मान्यता दिलाने के लिए आईसीसी के सामने गया तब मेरे इस प्रस्ताव को सबने माना लेकिन दुर्भाग्य से बाद में आए लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया. आप भारत से कुछ भी स्थायी रूप से नहीं ले सकते क्योंकि आपको ये मानना होगा कि भारत सचमुच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में राजस्व के रूप में सबसे बड़ा भागीदार है. भारत विश्व क्रिकेट को नियंत्रित कर रहा है इसलिए, मुझे चिंता नहीं है इसमें समय तो लग सकता है, लेकिन हमें आखिर में हमारा हक मिलेगा."

इस बीच, बीसीसीआई के नए अध्यक्ष गांगुली प्रेस कॉनफ्रेंस में आईसीसी से राजस्व मामले में श्रीनिवासन की बात से सहमत नजर आए. 

गांगुली ने कहा, “आईसीसी का ये मामला सभी के लिए जानना महत्वपूर्ण है. बीसीसीआई को आने वाले पांच सालों में आईसीसी से 372 मिलियन डॉलर मिलने हैं क्योंकि हमे अभी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी हैं. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि हमें हमारा हक मिले. हम आईसीसी के साथ काम करेंगे और इसे आगे बढ़ाएंगे."

ये अलग बात है कि बीसीसीआई अध्यक्ष ने आईसीसी के लिए बीसीसीआई के प्रतिनिधि के बारे में अपनी पसंद को सार्वजनिक करने से दूर रहना सही समझा. 



गांगुली ने कहा, "नहीं, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है पर आईसीसी का ये मामला हम सबके लिए जानना जरूरी है. आप लोग कही - सुनी बातों पर ध्यान न दें."


Conclusion:
Last Updated : Oct 24, 2019, 11:20 PM IST
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