नई दिल्ली : इंग्लैंड के दिग्गज ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने अपनी सफलता के रहस्य का खुलासा करते हुए कहा कि वह अपने प्रदर्शन से कभी खुश नहीं होते ताकि सुधार की संभावना बनी रहे.
इंग्लैंड की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य स्टोक्स ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मिलकर 7000 से अधिक रन बना लिए हैं और उनके नाम पर 270 से अधिक विकेट दर्ज हैं. उन्हें इयान बॉथम और एंड्रयू फ्लिंटॉफ जैसा ऑलराउंडर माना जाता है.
स्टोक्स ने एक मीडिया एजेंसी को दिए साक्षात्कार में बताया कि कैसे वह पिछले दो वर्षों में एक अच्छा क्रिकेटर बनने में सफल रहे. उन्होंने कहा, "अनुभव. आप जितना अधिक खेलोगे, आप उतना अधिक अपने बारे में जान पाओगे. आप भिन्न चीजों और भिन्न परिस्थितियों को समझने में सक्षम हो जाते हो. मैं एक खिलाड़ी के रूप में जहां भी हूं, उससे खुश नहीं रहता हूं."
स्टोक्स ने कहा, "हमेशा बेहतर बनना चाहता हूं. मैं अपने मजबूत पक्षों पर अब भी काम करने की कोशिश कर रहा हूं और इस तरह से मैं रन बनाता हूं और विकेट लेता हूं. आपको इसे नहीं भूलना है. लेकिन मैं अपनी कमजोरियों को भी दूर करता हूं जिससे एक खिलाड़ी के रूप में मैं बेहतर बनता हूं."
इस ऑलराउंडर को बड़े मैचों का खिलाड़ी भी कहा जाता है. उन्होंने विश्व कप फाइनल और लीड्स में एशेज टेस्ट मैच में इसे साबित भी किया.
स्टोक्स से पूछा गया कि वह बड़े मैचों में कैसे दबाव मुक्त रहते हैं, उन्होंने कहा, "खेल की व्यवस्था. ऐसा नहीं है कि हम नर्वस नहीं होते. यह एक सामान्य प्रक्रिया है."
उन्होंने कहा, "यह स्थिति को समझने और सही तरह से उससे पार पाने से जुड़ा है. आखिर में यह क्रिकेट का खेल है चाहे वह एशेज टेस्ट हो या विश्व कप फाइनल."
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बारे में स्टोक्स ने कहा कि यह टूर्नामेंट खिलाड़ी को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहने में मदद करता है.
उन्होंने कहा, "आईपीएल से अद्भुत सीख मिलती है. आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ और उनके खिलाफ खेलते हो. आपको उन्हें समझने का मौका मिलता है."