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'इस विश्व कप में ऐसी विकेट नहीं है, जिससे केवल बल्लेबाजों को ही फायदा मिले' - अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेविड रिचर्डसन ने कहा है कि गेंद और बल्ले के बीच प्रतिस्पर्धा कायम रखने के लिए इंग्लैंड एंड वेल्स में जारी आईसीसी विश्व कप-2019 में संतुलित विकेट बनाई गई है.

Dave Richardson
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Published : Jun 30, 2019, 6:40 PM IST

बर्मिघम : रिचर्डसन ने भारत और इंग्लैंड के बीच जारी मैच से इतर मीडिया के एक समूह से ये बात कही. उन्होंने कहा कि विश्व कप के इस सीजन में जब विकेट तैयार करने की बात आती है तो संतुलित विकेट को हमेशा ध्यान में रखा जाता है.

रिचर्डसन ने कहा, "हमने विकेट में संतुलन देखे हैं. ये ऐसी विकेट नहीं है, जिससे केवल बल्लेबाजों को ही फायदा मिले. यहां मौसम से भी मदद मिलती है और इसके अलावा पूरे मैच के दौरान गेंदबाजों को भी उछाल मिलते है."

इयोन मॉर्गन शॉट लगाते हुए
इयोन मॉर्गन शॉट लगाते हुए

इंग्लैंड में मौसम से भी मदद मिलती है

ये पूछे जाने पर कि इस तरह की विकेट भविष्य में होने वाले टूर्नामेंटों के लिए भी तैयार की जा सकती है क्योंकि आमतौर ऐसा देखा जा रहा है क्रिकेट में इन दिनों बल्लेबाजों का ही बोलबाला है. उन्होंने कहा, " हां, विचार तो यही है कि संतुलन बनाए रखना है. इंग्लैंड में मौसम से भी मदद मिलती है. ये आपको खुद को सेट होने का मौका देता है."

इस विश्व कप में ऐसा देखा गया है कि गेंदबाजों को भी मदद मिल रही है और दर्शक भी करीबी मुकाबलों का आनंद ले रहे हैं लेकिन आईसीसी के सीईओ का कहना है कि 50 ओवरों के क्रिकेट में आप हमेशा करीबी मुकाबले की उम्मीद नहीं कर सकते.

ENGvsIND: 'भारत के खिलाफ होने वाला मैच मेरे करियर का सबसे अहम मैच नहीं'

उन्होंने कहा, "देखिए, जब बात टी-20 की आती है तो ये वनडे के मुकाबले ज्यादा करीबी होती है क्योंकि लंबे प्रारूप में करीबी मुकाबले की संभावना कम होती है. कुछ ऐसे भी मैच हुए हैं जो 42 से 43 ओवर में जाकर खत्म हुई है. यही इस खेल की विशेषता है."

बर्मिघम : रिचर्डसन ने भारत और इंग्लैंड के बीच जारी मैच से इतर मीडिया के एक समूह से ये बात कही. उन्होंने कहा कि विश्व कप के इस सीजन में जब विकेट तैयार करने की बात आती है तो संतुलित विकेट को हमेशा ध्यान में रखा जाता है.

रिचर्डसन ने कहा, "हमने विकेट में संतुलन देखे हैं. ये ऐसी विकेट नहीं है, जिससे केवल बल्लेबाजों को ही फायदा मिले. यहां मौसम से भी मदद मिलती है और इसके अलावा पूरे मैच के दौरान गेंदबाजों को भी उछाल मिलते है."

इयोन मॉर्गन शॉट लगाते हुए
इयोन मॉर्गन शॉट लगाते हुए

इंग्लैंड में मौसम से भी मदद मिलती है

ये पूछे जाने पर कि इस तरह की विकेट भविष्य में होने वाले टूर्नामेंटों के लिए भी तैयार की जा सकती है क्योंकि आमतौर ऐसा देखा जा रहा है क्रिकेट में इन दिनों बल्लेबाजों का ही बोलबाला है. उन्होंने कहा, " हां, विचार तो यही है कि संतुलन बनाए रखना है. इंग्लैंड में मौसम से भी मदद मिलती है. ये आपको खुद को सेट होने का मौका देता है."

इस विश्व कप में ऐसा देखा गया है कि गेंदबाजों को भी मदद मिल रही है और दर्शक भी करीबी मुकाबलों का आनंद ले रहे हैं लेकिन आईसीसी के सीईओ का कहना है कि 50 ओवरों के क्रिकेट में आप हमेशा करीबी मुकाबले की उम्मीद नहीं कर सकते.

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उन्होंने कहा, "देखिए, जब बात टी-20 की आती है तो ये वनडे के मुकाबले ज्यादा करीबी होती है क्योंकि लंबे प्रारूप में करीबी मुकाबले की संभावना कम होती है. कुछ ऐसे भी मैच हुए हैं जो 42 से 43 ओवर में जाकर खत्म हुई है. यही इस खेल की विशेषता है."

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डेविड रिचर्डसन ने कहा है कि गेंद और बल्ले के बीच प्रतिस्पर्धा कायम रखने के लिए इंग्लैंड एंड वेल्स में जारी आईसीसी विश्व कप-2019 में संतुलित विकेट बनाई गई है.

बर्मिघम : रिचर्डसन ने भारत और इंग्लैंड के बीच जारी मैच से इतर मीडिया के एक समूह से ये बात कही. उन्होंने कहा कि विश्व कप के इस सीजन में जब विकेट तैयार करने की बात आती है तो संतुलित विकेट को हमेशा ध्यान में रखा जाता है.



रिचर्डसन ने कहा, "हमने विकेट में संतुलन देखे हैं. ये ऐसी विकेट नहीं है, जिससे केवल बल्लेबाजों को ही फायदा मिले. यहां मौसम से भी मदद मिलती है और इसके अलावा पूरे मैच के दौरान गेंदबाजों को भी उछाल मिलते है."



ये पूछे जाने पर कि इस तरह की विकेट भविष्य में होने वाले टूर्नामेंटों के लिए भी तैयार की जा सकती है क्योंकि आमतौर ऐसा देखा जा रहा है क्रिकेट में इन दिनों बल्लेबाजों का ही बोलबाला है. उन्होंने कहा, " हां, विचार तो यही है कि संतुलन बनाए रखना है. इंग्लैंड में मौसम से भी मदद मिलती है. ये आपको खुद को सेट होने का मौका देता है."



इस विश्व कप में ऐसा देखा गया है कि गेंदबाजों को भी मदद मिल रही है और दर्शक भी करीबी मुकाबलों का आनंद ले रहे हैं लेकिन आईसीसी के सीईओ का कहना है कि 50 ओवरों के क्रिकेट में आप हमेशा करीबी मुकाबले की उम्मीद नहीं कर सकते.



उन्होंने कहा, "देखिए, जब बात टी-20 की आती है तो ये वनडे के मुकाबले ज्यादा करीबी होती है क्योंकि लंबे प्रारूप में करीबी मुकाबले की संभावना कम होती है. कुछ ऐसे भी मैच हुए हैं जो 42 से 43 ओवर में जाकर खत्म हुई है. यही इस खेल की विशेषता है."


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