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2011 विश्व कप जीतने वाली टीम कप्तान के रूप में मेरी विरासत: सौरव गांगुली -  सौरव गांगुली

2011 वर्ल्ड कप जीत का हिस्सा ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत सौरव गांगुली के नेतृत्व में की थी. उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा उन खिलाड़ियों को सपॉर्ट किया, जो मैच जिता सकते थे. कप्तान के रूप में यह मेरी विरासत है."

Sourav Ganguly
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Published : Jun 18, 2020, 1:07 PM IST

नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने उन खिलाड़ियों को स्पोर्ट किया जो मैच जीता सकते थे, एक कप्तान के रूप में यही मेरी विरासत है.

भारतीय क्रिकेट का नया इतिहास लिखने का श्रेय सौरव गांगुली को ही जाता है. 2011 में भारतीय टीम जब वर्ल्ड कप जीती थी उस टीम का हिस्सा भले सौरव गांगुली न हों लेकिन इस जीत की बुनियाद उन्होंने ही रखी थी.

2011 वर्ल्ड कप जीत का हिस्सा ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत गांगुली के ही नेतृत्व में की थी. उन्होंने वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और आशीष नेहरा को बढ़ावा देकर 2011 विश्व कप के जीत की बुनियाद रखी.

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
सौरव गांगुली

बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "टीम में घरेलू और विदेश पिचों पर जीतने की क्षमता आई, मुझे इस बात पर गर्व है."

उन्होंने कहा, "2011 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम में 7-8 खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने मेरे नेतृत्व में करियर शुरू किया. वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा. मुझे लगता है, मेरी विरासत ने कप्तानी को भी पीछे छोड़ दिया. मैंने एक ऐसी टीम छोड़ी, जो देश और विदेशों में मैच जीत सकती है."

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
2011 विश्व कप की ट्रॉफी के साथ टीम इंडिया

2011 वर्ल्ड कप जीत पर बात करते हुए गांगुली ने कहा, "मुझे याद है मैं उस रात वानखेड़े मैदान में ही था. मैं धोनी को देखने के लिए कॉमेंट्री बॉक्स से बाहर आ गया था. मुझे तब 2003 वर्ल्ड कप याद आ गया था. मैच जिस टीम की कप्तानी कर रहा था वह टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी. मुझे बेहद खुशी हुई थई कि धोनी के पास ट्रॉफी जीतने का मौका था और उन्होंने वह कर दिखाया."

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी

बता दें धोनी की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी वे थे, जो 2003 वर्ल्ड कप का भी हिस्सा थे. इनमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह शामिल हैं.

उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा दिन वह था, जब 2011 में भारत ने विश्व कप जीता. महान धोनी ने अंतिम गेंद पर शानदार छक्का लगाया, जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा."

नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने उन खिलाड़ियों को स्पोर्ट किया जो मैच जीता सकते थे, एक कप्तान के रूप में यही मेरी विरासत है.

भारतीय क्रिकेट का नया इतिहास लिखने का श्रेय सौरव गांगुली को ही जाता है. 2011 में भारतीय टीम जब वर्ल्ड कप जीती थी उस टीम का हिस्सा भले सौरव गांगुली न हों लेकिन इस जीत की बुनियाद उन्होंने ही रखी थी.

2011 वर्ल्ड कप जीत का हिस्सा ज्यादातर ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत गांगुली के ही नेतृत्व में की थी. उन्होंने वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और आशीष नेहरा को बढ़ावा देकर 2011 विश्व कप के जीत की बुनियाद रखी.

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
सौरव गांगुली

बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "टीम में घरेलू और विदेश पिचों पर जीतने की क्षमता आई, मुझे इस बात पर गर्व है."

उन्होंने कहा, "2011 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम में 7-8 खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने मेरे नेतृत्व में करियर शुरू किया. वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा. मुझे लगता है, मेरी विरासत ने कप्तानी को भी पीछे छोड़ दिया. मैंने एक ऐसी टीम छोड़ी, जो देश और विदेशों में मैच जीत सकती है."

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
2011 विश्व कप की ट्रॉफी के साथ टीम इंडिया

2011 वर्ल्ड कप जीत पर बात करते हुए गांगुली ने कहा, "मुझे याद है मैं उस रात वानखेड़े मैदान में ही था. मैं धोनी को देखने के लिए कॉमेंट्री बॉक्स से बाहर आ गया था. मुझे तब 2003 वर्ल्ड कप याद आ गया था. मैच जिस टीम की कप्तानी कर रहा था वह टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी. मुझे बेहद खुशी हुई थई कि धोनी के पास ट्रॉफी जीतने का मौका था और उन्होंने वह कर दिखाया."

Sourav Ganguly, MS Dhoni, 2011 wc
सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी

बता दें धोनी की टीम में ज्यादातर खिलाड़ी वे थे, जो 2003 वर्ल्ड कप का भी हिस्सा थे. इनमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा और हरभजन सिंह शामिल हैं.

उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा दिन वह था, जब 2011 में भारत ने विश्व कप जीता. महान धोनी ने अंतिम गेंद पर शानदार छक्का लगाया, जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा."

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