हैदराबाद: दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया. गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया.
महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट का वो नाम जिसने टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. धोनी ने भारत के लिए 15 साल से अधिक समय तक क्रिकेट खेला है. वह एक समय आईसीसी रैंकिंग में कई सालों तक वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी रहे हैं.
धोनी को विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कई मौकों पर भारत के लिए कई अहम पारियां खेली है. उन्हीं यादगार पारियों के बारे में आपको बताते है.
148 vs पाकिस्तान 2005
अपनी पहली चार वनडे पारियों में नाकाम रहने के बाद विशाखापत्तनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस वनडे से धोनी ने एक सितारे के आगाज का संकेत दिया. उन्होंने सिर्फ 123 गेंदों में 15 चौके और 4 छक्कों की मदद से 148 रन की धमाकेदार पारी खेली. धोनी की धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने 50 ओवर में 9 विकेट पर 356 रन बनाए और आसानी से मैच 58 रन से जीत लिया
183 v/s श्रीलंका 2005
2005 में ही जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए इस मैच में धोनी ने अपने करियर का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने कुमार संगकारा के शतक की बदौलत 298 रन बनाए थे। जवाब में धोनी की 145 गेंदों में 183 रन की नाबाद पारी की बदौलत भारत ने यह मैच आसानी से जीत लिया. धोनी ने अपनी पारी में 15 चौके और 10 छक्के जड़े थे.
139 v/s अफ्रीका XI, 2007
2007 में एशिया XI की तरफ से खेलते हुए धोनी ने 97 गेंदों में 139 रन की तूफानी पारी खेल अफ्रीका XI के गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए थे. इस पारी के दौरान धोनी ने 15 चौके और पांच छ्क्के लगाए थे. धोनी की इस पारी की बदौलत ने अफ्रीका XI ने ये मैच 13 रनों से जीत लिया था.
91 vs श्रीलंका, 2011
विश्व कप 2011 के खिताबी मुकाबले में भारत और श्रीलंका आमने सामने थे. श्रीलंका ने भारत के सामने 275 रन का लक्ष्य रखा था. सचिन और सहवाग के विकेट जल्दी गिर जाने से टीम इंडिया पर दवाब बढ़ गया था. गौतम गंभीर की 97 रन की पारी ने भारत को ट्रैक पर लौटाया, लेकिन इसे फिनिशिंग टच दिया धोनी ने अपनी आतिशी बल्लेबाजी से. धोनी ने 79 गेंदों पर 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 91 रन की नाबाद पारी ने खिताब भारत की झोली में डाल दिया. वानखेड़े में जिस अंदाज में धोनी ने छक्का जड़कर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया उसे क्रिकेट फैंस शायद ही कभी भुला पाएं.
224 v/s ऑस्ट्रेलिया, 2013
2012-13 सत्र में बॉर्डल-गावस्कर सीरीज के पहले मैच में धोनी ने चेन्नई में एमए चिदम्बरम के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 265 गेंदों में 24 चौकों और 6 छक्कों की मदद से अपने टेस्ट करियर का पहला और एकमात्र दोहरा शतक जमाया था. भारतीय टीम ने इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात दी थी.