मुंबई: ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के कप्तान एरोन फिंच का कहना है कि भारत जैसे क्रिकेट के दीवाने देश में लोगों की अपेक्षाओं का बोझ काफी है लेकिन विराट कोहली ने बतौर कप्तान शानदार प्रदर्शन किया है.
फिंच ने कहा कि खिलाड़ी खराब दौर से गुजरते हैं लेकिन कोहली, स्टीव स्मिथ, रिकी पोंटिंग और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी अपवाद हैं.
उन्होंने एक शो पर कहा, "हर खिलाड़ी का एक खराब दौर आता है लेकिन कोहली, स्मिथ, पोंटिंग और तेंदुलकर ऐसे खिलाड़ी थे जिनका फॉर्म कभी भी लगातार दो श्रृंखलाओं में खराब नहीं रहा.
फिंच ने कहा, "भारत के लिए खेलने का दबाव अलग है और कप्तानी का अलग और जिस तरह से कोहली लंबे समय से दोनों काम कर रहे हैं, वह लाजवाब है."
उन्होंने कहा, "महेंद्र सिंह धोनी से कप्तानी लेने के बाद अपेक्षायें काफी थी और वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा. यह काफी प्रभावशाली है."
उन्होंने कहा, "सबसे प्रभावी बात तो तीनों प्रारूपों में उसका लगातार अच्छा खेलना है. वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होना और फिर टेस्ट और टी20 में उस कामयाबी को दोहराना, काबिले तारीफ है."
आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और फिंच ने कहा कि खिलाड़ियों को इसकी आदत हो जाएगी.
उन्होंने कहा, "मैने इंग्लैंड या वेस्टइंडीज टीमों से बात नहीं की है लेकिन मुझे लगता है कि अगले कुछ महीने में खिलाड़ी इसके आदी हो जाएंगे. गेंद को चमकाने के दूसरे तरीके तलाशे जाएंगे."
वहीं, फिंच का मानना है कि जब भी भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होती हैं उनके बीच कड़े मुकाबले की भावना नजर आती है फिर चाहे प्रारूप कोई भी क्यों न हो.
उन्होंने कहा,"भारत और ऑस्ट्रेलिया दो बहुत कामयाब टीमें हैं.ये दोनों ही देश क्रिकेट को लेकर बहुत जुनूनी हैं... तो ऐसे में वनडे और टेस्ट में दोनों टीमों के बीच मुकाबले की तुलना नहीं की जा सकती."
उन्होंने कहा,"क्रिकेट का परंपरागत रूप है.इसमें पांच दिन तक कड़ा मुकाबला होता है... हर दिन मानसिक जंग होती है वहीं वनडे क्रिकेट में बेशक अधिक स्किल की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए. अगर मैदान में एक-दो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर दें तो आप मैच जीत सकते हैं. इसका अर्थ यह नहीं कि यहां प्रतिस्पर्धा कम महत्वपूर्ण है या फिर इसे इसलिए हल्के में लिया जाता है कि यह टी20 या वनडे है."