नई दिल्ली: साल 2011 में विश्व कप जीतने के समय भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रहे गैरी कर्स्टन ने सोमवार को महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक के साथ काम करना उनके लिए सौभाग्य की बात है.
धोनी ने शनिवार को अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहते हुए संन्यास की घोषण कर दी. 2008 से 2011 तक भारतीय टीम के कोच रहे कर्स्टन ने भारतीय टीम के कार्यकाल के साथ शानदार यादें देने के लिए धोनी का शुक्रिया किया.
52 साल के कर्स्टन ने ट्विटर पर कहा, "सबसे अच्छे कप्तानों में से एक के साथ काम करना, मेरे लिए सौभाग्य की बात है. भारतीय क्रिकेट टीम के साथ कई शानदार यादें देने के लिए धन्यवाद एमएस (धोनी)."
कर्स्टन का भारतीय टीम के साथ पहले दो साल का करार था, जोकि एक मार्च 2008 से शुरू हुआ था. इसके बाद उनके करार को एक साल के लिए और आगे बढ़ाया गया और फिर भारत ने उनके कार्यकाल में अपना दूसरा विश्व कप खिताब जीता था. उनके कार्यकाल में ही भारत ने 2009 में टेस्ट रैंकिंग में पहली बार शीर्ष स्थान हासिल किया था.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज कर्स्टन ने अपने पहले के एक बयान को फिर से दोहराया, जिसमें उन्होनें कहा, "अगर मेरे साथ धोनी हो तो मुझे युद्ध में भी जाने में कोई परेशानी नहीं होगी."
धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं, जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीती हैं. धोनी ने 2007 में टी 20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती है.
39 साल के धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले धोनी ने पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मुकाबले के बाद से एक भी मैच नहीं खेला था.
धोनी ने 98 टेस्ट में 4876 रन बनाने के अलावा 256 कैच लपके और 38 स्टंपिंग की जबकि 350 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 10,773 रन बनाने के अलावा 321 कैच लपके और 123 स्टंपिंग की.
धोनी 2006 से 2010 के बीच 656 दिन तक आईसीसी पुरुष वनडे रैंकिंग में शीर्ष बल्लेबाज रहे. उन्होंने 2008 और 2009 में आईसीसी का साल का सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर चुना गया था.
धोनी 2006, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013 और 2014 में आईसीसी की साल की सर्वश्रेष्ठ वनडे टीम और 2009, 2010, 2012 और 2013 में आईसीसी की साल की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का हिस्सा रहे. उन्हें 2011 में आईसीसी का स्प्रिट ऑफ क्रिकेट पुरस्कार भी मिला.