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'आईपीएल में एक प्रतिबंध तबाह कर सकता है खिलाड़ियों का करियर'

बीसीसीआई के पूर्व एसीयू प्रमुख नीरज कुमार का कहना है कि जुर्माने से ज्यादा नियमों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधित होना, खिलाड़ी के बाकी करियर पर कलंक की तरह बन जाता है.

दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार
दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार
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Published : Sep 23, 2020, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: अगर कोई खिलाड़ी, प्लेयर स्पोर्ट स्टाफ कर्मी या मैच अधिकारी आईपीएल मैचों के दौरान किसी भी तरह के मोबाइल उपकरण, लैपटॉप कंप्यूटर, स्टेटिक/लैंडलाइन या मैच अधिकारियों के क्षेत्रों (पीएमओए) में कॉल करने जैसे नियमों का तीन बार उल्लंघन करता है तो उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना और तीन आईपीएल मैचों के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

आईपीएल मैचों के दौरान पीएमओए के लिए बीसीसीआई के न्यूनतम मानकों के तहत बनाए गए नियम के अनुसार, इस प्रकार के उल्लंघनों के लिए ये और अन्य कम दंड, 'तुरंत बाध्यकारी और गैर-अपील योग्य' होगा.

आईपीएल
आईपीएल

मोबाइल/लैपटॉप उपकरणों को ले जाने से संबंधित नियमों का पहली बार उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि उसी व्यक्ति द्वारा दूसरी बार इस तरह का उल्लंघन करने पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के प्रमुख ये जुर्माना लगाएंगे. राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह फिलहाल एसीयू प्रमुख हैं, जिन्हें मार्च 2018 में इस पद पर नियुक्त किया गया था.

बीसीसीआई
बीसीसीआई

पीएमओए के नियम के अनुसार, "उपरोक्त में से किसी के संबंध में एसीयू प्रमुख द्वारा किया गया कोई भी निर्णय, इस मामले का पूर्ण, अंतिम और पूर्ण निपटान, तुरंत बाध्यकारी और गैर-अपील योग्य होगा."

कुछ लोगों का कहना है कि आईपीएल में खेलने के दौरान खिलाड़ी लाखों और करोड़ों रुपये कमाते हैं, इसलिए इस तरह से जुर्माने से उनके जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

लेकिन बीसीसीआई के पूर्व एसीयू प्रमुख नीरज कुमार का कहना है कि जुर्माने से ज्यादा नियमों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधित होना, उनके बाकी करियर पर कलंक की तरह बन जाता है.

दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार
दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार

दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज ने एजेंसी से कहा, "ये जुर्माने हमेशा से थे, लेकिन इसे पहले कभी लागू करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि ये उल्लंघन नहीं हुआ था. लेकिन ये भी दाग की तरह है कि तीन मैचों का प्रतिबंध आपके करियर को तबाह कर सकता है."

नीरज ने ये भी कहा कि प्रतिबंध के बाद टीम में वापसी करने वाले गैर-स्थापित क्रिकेटर के लिए एक अनुभवी खिलाड़ी की तुलना में अधिक कठिन हो सकता है, जिसे उसी अपराध के लिए दंडित किया जाता है.

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ियों-स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरून बैनक्रॉफ्ट का उदाहरण दिया, जिन्हें मार्च 2018 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले में प्रतिबंधित कर दिया गया था.

उन्होंने कहा, "यदि आप एक स्टीव स्मिथ हैं, तो प्रतिबंध समाप्त होने के बाद आप वापस आ सकते हैं. लेकिन यदि आप उससे कम स्तर के खिलाड़ी हैं, तो आप शायद कभी वापस नहीं लौट पाएंगे. स्मिथ और वार्नर के साथ तीसरे खिलाड़ी (कैमरन बैनक्रॉफ्ट) को भी नुकसान उठाना पड़ा."

क्या आईपीएल में इस विशेष उल्लंघन के लिए सजा की राशि पर्याप्त है? उन्होंने कहा, "एक युवा खिलाड़ी के लिए पांच लाख रुपये बहुत ही कम राशि है, जो मैच फीस के रूप में करोड़ों रुपये कमाता है. इस राशि से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर कोई व्यक्ति 10 से 20 लाख रुपये ही कमाता है तो उनके लिए ये एक बड़ी राशि मानी जाएगी."

नई दिल्ली: अगर कोई खिलाड़ी, प्लेयर स्पोर्ट स्टाफ कर्मी या मैच अधिकारी आईपीएल मैचों के दौरान किसी भी तरह के मोबाइल उपकरण, लैपटॉप कंप्यूटर, स्टेटिक/लैंडलाइन या मैच अधिकारियों के क्षेत्रों (पीएमओए) में कॉल करने जैसे नियमों का तीन बार उल्लंघन करता है तो उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना और तीन आईपीएल मैचों के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

आईपीएल मैचों के दौरान पीएमओए के लिए बीसीसीआई के न्यूनतम मानकों के तहत बनाए गए नियम के अनुसार, इस प्रकार के उल्लंघनों के लिए ये और अन्य कम दंड, 'तुरंत बाध्यकारी और गैर-अपील योग्य' होगा.

आईपीएल
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मोबाइल/लैपटॉप उपकरणों को ले जाने से संबंधित नियमों का पहली बार उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि उसी व्यक्ति द्वारा दूसरी बार इस तरह का उल्लंघन करने पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के प्रमुख ये जुर्माना लगाएंगे. राजस्थान के पूर्व पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह फिलहाल एसीयू प्रमुख हैं, जिन्हें मार्च 2018 में इस पद पर नियुक्त किया गया था.

बीसीसीआई
बीसीसीआई

पीएमओए के नियम के अनुसार, "उपरोक्त में से किसी के संबंध में एसीयू प्रमुख द्वारा किया गया कोई भी निर्णय, इस मामले का पूर्ण, अंतिम और पूर्ण निपटान, तुरंत बाध्यकारी और गैर-अपील योग्य होगा."

कुछ लोगों का कहना है कि आईपीएल में खेलने के दौरान खिलाड़ी लाखों और करोड़ों रुपये कमाते हैं, इसलिए इस तरह से जुर्माने से उनके जेब पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.

लेकिन बीसीसीआई के पूर्व एसीयू प्रमुख नीरज कुमार का कहना है कि जुर्माने से ज्यादा नियमों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधित होना, उनके बाकी करियर पर कलंक की तरह बन जाता है.

दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार
दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार

दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज ने एजेंसी से कहा, "ये जुर्माने हमेशा से थे, लेकिन इसे पहले कभी लागू करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि ये उल्लंघन नहीं हुआ था. लेकिन ये भी दाग की तरह है कि तीन मैचों का प्रतिबंध आपके करियर को तबाह कर सकता है."

नीरज ने ये भी कहा कि प्रतिबंध के बाद टीम में वापसी करने वाले गैर-स्थापित क्रिकेटर के लिए एक अनुभवी खिलाड़ी की तुलना में अधिक कठिन हो सकता है, जिसे उसी अपराध के लिए दंडित किया जाता है.

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ियों-स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरून बैनक्रॉफ्ट का उदाहरण दिया, जिन्हें मार्च 2018 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले में प्रतिबंधित कर दिया गया था.

उन्होंने कहा, "यदि आप एक स्टीव स्मिथ हैं, तो प्रतिबंध समाप्त होने के बाद आप वापस आ सकते हैं. लेकिन यदि आप उससे कम स्तर के खिलाड़ी हैं, तो आप शायद कभी वापस नहीं लौट पाएंगे. स्मिथ और वार्नर के साथ तीसरे खिलाड़ी (कैमरन बैनक्रॉफ्ट) को भी नुकसान उठाना पड़ा."

क्या आईपीएल में इस विशेष उल्लंघन के लिए सजा की राशि पर्याप्त है? उन्होंने कहा, "एक युवा खिलाड़ी के लिए पांच लाख रुपये बहुत ही कम राशि है, जो मैच फीस के रूप में करोड़ों रुपये कमाता है. इस राशि से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर कोई व्यक्ति 10 से 20 लाख रुपये ही कमाता है तो उनके लिए ये एक बड़ी राशि मानी जाएगी."

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