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NDTF ने दिल्ली विश्वविद्यालय के AC और EC चुनाव के लिए प्रत्याशियों का पैनल किया घोषित - NDTF AC AND EC ELECTION DU

एनडीटीएफ ने ईसी चुनाव में निवर्तमान कार्यकारी परिषद सदस्य सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया. एनडीटीएफ महासचिव ने रखी मांग.

दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 12 hours ago

नई दिल्ली: शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने किरोड़ीमल कॉलेज में हुई बैठक में आगामी फरवरी में होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद (ईसी) और अकादमिक परिषद (एसी) के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. एनडीटीएफ ने ईसी चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने निवर्तमान कार्यकारी परिषद सदस्य सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. अकादमिक परिषद के लिए संगठन ने आठ सदस्यीय पैनल को चुनावी मैदान में उतारा, जिसमें एसआरसीसी कॉलेज के डॉ. हरिंद्र तिवारी, केशव कॉलेज के डॉ. धनपाल सिंह, पीजीडीएवी कॉलेज से डॉ. अंकित अग्रवाल, शहीद भगत सिंह कॉलेज से डॉ. रति ढिल्लो, शिवाजी कॉलेज से डॉ. विकास शर्मा, अरविंदो कॉलेज से डॉ. विवेक चौधरी, लॉ फैकल्टी के डॉ. अश्विनी सिहवाल और जाकिर हुसैन कॉलेज के डॉ. पदम परिहार शामिल हैं.

एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. एके भागी के अनुसार, उनके संगठन ने दस साल से अधिक समय तक लंबित पड़ी बीस हजार यूनिट प्रमोशन कराने में सार्थक भूमिका निभाई है. इसके परिणामस्वरुप वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रमोशन हो चुके हैं और अभी भी जारी है. अब प्रोफेसर स्तर तक प्रमोशन हो रहा है. विश्वविद्यालय के विभागों में भी सीनियर प्रोफेसर के लिए प्रमोशन हो रहे हैं. जल्द ही बाकी बचे प्रमोशन और नियुक्तियों के लिए भी प्रयास किया जाएगा. पहली बार कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में प्रोफेसर बने हैं. पास्ट सर्विस को प्रमोशन में जोड़ने और पुरानी पेंशन योजना को सभी के लिए लागू करने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा. एनडीटीएफ की प्रतिबद्धता है कि विश्वविद्यालय में सामाजिक और लैंगिक न्याय सुनिश्चित हो.

कई मुद्दे शामिल: डॉ. भागी ने कहा कि एनडीटीएफ के चुनावी एजेंडे की प्राथमिकता में बाकी बचे हुए एड-हॉक शिक्षकों के समायोजन का स्थायित्व, छठें वेतन आयोग की विसंगतियां, सातवें वेतन आयोग की विसंगति, दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या, पुरानी पेंशन योजना, आठवें वेतन आयोग का गठन, बेहतर चिकित्सा और शोध सुविधाएं, लेवल 10 से 11 और 11 से 12 पर नेशनल इंक्रीमेंट, फीस बढ़ोतरी के विरोध, सेमेस्टर ब्रेक को छुट्टियों के रूप में गिना जाए, दाखिला पॉलिसी की समीक्षा, आरक्षित श्रेणी के बैकलॉग और शॉर्टफॉल की भर्ती, प्रिंसिपल नियुक्तियों में आरक्षण सहित अनेक शिक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

एके भागी, एनडीटीएफ अध्यक्ष
एके भागी, एनडीटीएफ अध्यक्ष (ETV Bharat)

रखी ये मांगें: वहीं एनडीटीएफ महासचिव डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित एवं आंशिक वित्तपोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या पिछले कई साल से है. कई कॉलेजों में अभी भी वेतन की समस्या बरकरार है. उनकी दिल्ली सरकार से मांग है कि इन कॉलेजों में समय पर वेतन एवं अन्य ग्रांट जारी हो. अगर दिल्ली सरकार अपनी वित्तीय जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभा पाती है तो इन कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा अधिग्रहण किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली: शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने किरोड़ीमल कॉलेज में हुई बैठक में आगामी फरवरी में होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद (ईसी) और अकादमिक परिषद (एसी) के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. एनडीटीएफ ने ईसी चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने निवर्तमान कार्यकारी परिषद सदस्य सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. अकादमिक परिषद के लिए संगठन ने आठ सदस्यीय पैनल को चुनावी मैदान में उतारा, जिसमें एसआरसीसी कॉलेज के डॉ. हरिंद्र तिवारी, केशव कॉलेज के डॉ. धनपाल सिंह, पीजीडीएवी कॉलेज से डॉ. अंकित अग्रवाल, शहीद भगत सिंह कॉलेज से डॉ. रति ढिल्लो, शिवाजी कॉलेज से डॉ. विकास शर्मा, अरविंदो कॉलेज से डॉ. विवेक चौधरी, लॉ फैकल्टी के डॉ. अश्विनी सिहवाल और जाकिर हुसैन कॉलेज के डॉ. पदम परिहार शामिल हैं.

एनडीटीएफ के अध्यक्ष डॉ. एके भागी के अनुसार, उनके संगठन ने दस साल से अधिक समय तक लंबित पड़ी बीस हजार यूनिट प्रमोशन कराने में सार्थक भूमिका निभाई है. इसके परिणामस्वरुप वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रमोशन हो चुके हैं और अभी भी जारी है. अब प्रोफेसर स्तर तक प्रमोशन हो रहा है. विश्वविद्यालय के विभागों में भी सीनियर प्रोफेसर के लिए प्रमोशन हो रहे हैं. जल्द ही बाकी बचे प्रमोशन और नियुक्तियों के लिए भी प्रयास किया जाएगा. पहली बार कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में प्रोफेसर बने हैं. पास्ट सर्विस को प्रमोशन में जोड़ने और पुरानी पेंशन योजना को सभी के लिए लागू करने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा. एनडीटीएफ की प्रतिबद्धता है कि विश्वविद्यालय में सामाजिक और लैंगिक न्याय सुनिश्चित हो.

कई मुद्दे शामिल: डॉ. भागी ने कहा कि एनडीटीएफ के चुनावी एजेंडे की प्राथमिकता में बाकी बचे हुए एड-हॉक शिक्षकों के समायोजन का स्थायित्व, छठें वेतन आयोग की विसंगतियां, सातवें वेतन आयोग की विसंगति, दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या, पुरानी पेंशन योजना, आठवें वेतन आयोग का गठन, बेहतर चिकित्सा और शोध सुविधाएं, लेवल 10 से 11 और 11 से 12 पर नेशनल इंक्रीमेंट, फीस बढ़ोतरी के विरोध, सेमेस्टर ब्रेक को छुट्टियों के रूप में गिना जाए, दाखिला पॉलिसी की समीक्षा, आरक्षित श्रेणी के बैकलॉग और शॉर्टफॉल की भर्ती, प्रिंसिपल नियुक्तियों में आरक्षण सहित अनेक शिक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

एके भागी, एनडीटीएफ अध्यक्ष
एके भागी, एनडीटीएफ अध्यक्ष (ETV Bharat)

रखी ये मांगें: वहीं एनडीटीएफ महासचिव डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित एवं आंशिक वित्तपोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या पिछले कई साल से है. कई कॉलेजों में अभी भी वेतन की समस्या बरकरार है. उनकी दिल्ली सरकार से मांग है कि इन कॉलेजों में समय पर वेतन एवं अन्य ग्रांट जारी हो. अगर दिल्ली सरकार अपनी वित्तीय जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभा पाती है तो इन कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा अधिग्रहण किया जाना चाहिए.

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