हैदराबाद : भारतीय टीम ने श्रीलंका को आज ही के दिन 2 अप्रैल, 2011 को विश्व कप फाइनल में मात देकर दूसरी बार वनडे क्रिकेट में विश्व विजेता बना था.
2011 विश्वकप के नौ साल पूरे होने पर एक क्रिकेट वेबसाइट ने धोनी की छक्के मारते हुए तस्वीर को शेयर करके लिखा कि ये वही शॉट है जिसने लाखों भारतीय को खुशी के जश्न में डुबो दिया. गौतम गंभीर ने इसके जवाब में ट्वीट करके लिखा, ''ये सिर्फ एक रिमाइंडर है. 2011 का विश्व कप पूरे भारत ने जीता था. पूरी भारतीय टीम ने जीता था और उसके सपोर्ट स्टाफ ने भी. जबकि बात सिर्फ छक्के की होती है.
श्रीलंका ने बनाए 274 रन
वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 275 रनों का लक्ष्य दिया. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने सर्वाधिक 103 रनों की पारी खेली. भारत की ओर से जहीर और युवराज ने 2-2 विकेट झटके थे.
भारत के लिए वर्ल्डकप जीतने का सपना श्रीलंका द्वारा रखे गए लक्ष्य के सामने छोटा नजर आने लगा था क्योंकि विश्व कप के इतिहास में इससे पहले कोई भी टीम इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी थी.
सचिन और सहवाग पवेलियन लौटे
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही थी और मंलिगा की गेंदबाजी के आगे भारतीय सलामी जोड़ी ने घुटने टेक दिए. भारत ने 7वें ओवर में ही 31 रन पर दो विकेट खो दिए थे. वीरेंदर सहवाग (0) और सचिन तेंदुलकर (18) पवेलियन लौट चुके थे.
विराट ने 35 रन बनाए
इसके बाद गौतम गंभीर और विराट कोहली ने भारतीय पारी को संभाला था. हालांकि विराट 49 गेंद में 35 रन बनाकर दिलशान का शिकार बन गए. इसके बाद क्रीज पर आने की बारी युवराज की थी लेकिन धोनी ने खुद को प्रमोट किया और गंभीर का साथ देने के लिए मैदान पर आए.
गंभीर शतक से चूके
गौतम गंभीर ने एक शानदार पारी खेली. वो अपने शतक से 3 रन से चूक गए लेकिन उन्होंने अपना काम पूरा कर दिया था और भारत को विश्वकप खिताब जीतने की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया था. गौतम गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रन बनाए थे. इस पारी में उन्होंने 9 चौके लगाए थे.
धोनी ने लगाया हेलीकॉप्टर शॉट
दूसरे छोर पर महेंद्र सिंह धोनी आखिर तक डटे रहे. युवराज सिंह ने गंभीर के आउट होने के बाद धोनी का बखूबी साथ दिया. पारी की 49वें ओवर में नुवान कुलसेकरा की दूसरी गेंद पर गगनचुंबी छक्का लगाकर धोनी ने भारत के 28 साल के 'सूखे' को खत्म करते हुए दूसरी बार वर्ल्डकप का खिताब जीता था.
युवराज ने 24 गेंद में 21 रन बनाए. धोनी ने 79 गेंद में 91 रन की शानदार पारी खेली थी. उस रात भारतीय प्रशंसकों के बीच जश्न सुबह के होने तक जारी रहा.