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गोपीचंद से प्रेरित मानसी, पैरा एथलीटों के लिए कुछ अलग करना चाहती हैं

मानसी ने भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी से ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा, "बैडमिंटन के बाद मैं उस स्क्रिप्ट का हिस्सा बनना चाहूंगी, जो भारत में दिव्यांगता के प्रति लोगों का नजरिया बदले. मैं भविष्य की पीढ़ी के लिए इसे बेहतर बनाना चाहती हूं."

Mansi joshi gets inspired from Gopichand that she wants to do something for para athletes
Mansi joshi gets inspired from Gopichand that she wants to do something for para athletes
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Published : Oct 28, 2020, 6:42 PM IST

मुंबई: मौजूदा पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियन मानसी जोशी राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद से प्रेरणा ले रही हैं और उनका लक्ष्य संन्यास के बाद पैरा एथलीटों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है. 2014 में पेशेवर बैडमिंटन की शुरुआत करने वाली मानसी पिछले दो साल से गोपीचंद के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही हैं. वो पैरा एथलीटों के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Mansi joshi gets inspired from Gopichand that she wants to do something for para athletes
मानसी जोशी

मानसी ने भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी से ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा, "बैडमिंटन के बाद मैं उस स्क्रिप्ट का हिस्सा बनना चाहूंगी, जो भारत में दिव्यांगता के प्रति लोगों का नजरिया बदले. मैं भविष्य की पीढ़ी के लिए इसे बेहतर बनाना चाहती हूं."

ओलंपिक पदक विजेता कोच गोपीचंद ने मानसी जोशी की तकनीकी और फुर्ति शैली में सुधार कराया है. मानसी जोशी का मानना है कि गोपीचंद के साथ ट्रेनिंग शुरू करने से उन्हें विश्वास हुआ कि वो एक बेहतर खिलाड़ी हैं.

मानसी ने कहा, "गोपीचंद हमेशा सलाह देते हैं कि जोर लगाओ और काम करते रहो. जब आप मैच या टूर्नामेंट के लिए बाहर हो तो सबसे महत्वपूर्ण सलाह आपको कोच से ही मिलती है. गोपी सर छोटी चीजों पर भी ध्यान देते हैं और मुझे सर्वश्रेष्ठ से तकनीकी चीजें सीखने को मिल रही हैं."

31 वर्षीय मानसी एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं और उनका मानना है कि पिछले कुछ वर्षो से पैरा बैडमिंटन का विकास हुआ है.

उन्होंने कहा, "2015 से पैरा बैडमिंटन ने गति पकड़ी है और क्षमतावान शरीर वाले बैडमिंटन लोगों को भी ये पसंद आ रहा है. हमारे देश में ये दूसरा सबसे पसंदीदा खेल है. मैं देख रही हूं कि लोगों ने पैरा बैडमिंटन को करियर बनाने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. मुझे दिख रहा है कि अगले पांच सालों में ज्यादा से ज्यादा लोग पैरा स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाते दिखेंगे. लोग इसे उच्च स्तर तक लेकर जाना चाहेंगे."

मुंबई: मौजूदा पैरा बैडमिंटन विश्व चैंपियन मानसी जोशी राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद से प्रेरणा ले रही हैं और उनका लक्ष्य संन्यास के बाद पैरा एथलीटों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है. 2014 में पेशेवर बैडमिंटन की शुरुआत करने वाली मानसी पिछले दो साल से गोपीचंद के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही हैं. वो पैरा एथलीटों के प्रति लोगों का नजरिया बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Mansi joshi gets inspired from Gopichand that she wants to do something for para athletes
मानसी जोशी

मानसी ने भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी से ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा, "बैडमिंटन के बाद मैं उस स्क्रिप्ट का हिस्सा बनना चाहूंगी, जो भारत में दिव्यांगता के प्रति लोगों का नजरिया बदले. मैं भविष्य की पीढ़ी के लिए इसे बेहतर बनाना चाहती हूं."

ओलंपिक पदक विजेता कोच गोपीचंद ने मानसी जोशी की तकनीकी और फुर्ति शैली में सुधार कराया है. मानसी जोशी का मानना है कि गोपीचंद के साथ ट्रेनिंग शुरू करने से उन्हें विश्वास हुआ कि वो एक बेहतर खिलाड़ी हैं.

मानसी ने कहा, "गोपीचंद हमेशा सलाह देते हैं कि जोर लगाओ और काम करते रहो. जब आप मैच या टूर्नामेंट के लिए बाहर हो तो सबसे महत्वपूर्ण सलाह आपको कोच से ही मिलती है. गोपी सर छोटी चीजों पर भी ध्यान देते हैं और मुझे सर्वश्रेष्ठ से तकनीकी चीजें सीखने को मिल रही हैं."

31 वर्षीय मानसी एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकी हैं और उनका मानना है कि पिछले कुछ वर्षो से पैरा बैडमिंटन का विकास हुआ है.

उन्होंने कहा, "2015 से पैरा बैडमिंटन ने गति पकड़ी है और क्षमतावान शरीर वाले बैडमिंटन लोगों को भी ये पसंद आ रहा है. हमारे देश में ये दूसरा सबसे पसंदीदा खेल है. मैं देख रही हूं कि लोगों ने पैरा बैडमिंटन को करियर बनाने के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. मुझे दिख रहा है कि अगले पांच सालों में ज्यादा से ज्यादा लोग पैरा स्पोर्ट्स में अपना करियर बनाते दिखेंगे. लोग इसे उच्च स्तर तक लेकर जाना चाहेंगे."

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