नई दिल्ली: 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों में बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु का कांस्य पदक और स्पेन में विश्व चैंपियनशिप में किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन के रजत और कांस्य पदक जीतने के प्रदर्शन ने 2021 को भारतीय शटलरों के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बना दिया.
इन खिलाड़ियों के उल्लेखनीय प्रदर्शन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वे नए साल में भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखेंगे.
भारतीय खिलाड़ियों के लिए अगले साल एक व्यस्त सीजन होगा, क्योंकि वे कम से कम 20 इवेंट में खेलते नजर आएंगे, जो दिल्ली में 11-16 जनवरी से योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन से शुरू होगा और एचएसबीसी बीडब्ल्यूएफ वल्र्ड टूर फाइनल 2022 दिसंबर 14-22 में समाप्त होगा.
सिंधु के अलावा, भारतीय बैडमिंटन को 2022 में श्रीकांत, सेन, पारुपल्ली कश्यप, बी साई प्रणीत, एचएस प्रणय और चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की युगल जोड़ी से बहुत उम्मीदें होंगी.
28 वर्षीय श्रीकांत ने फॉर्म और फिटनेस को लेकर संघर्ष किया था और उनका सबसे खराब प्रदर्शन तब रहा, जब वह टोक्यो ओलंपिक में बर्थ हासिल करने में विफल रहे. लेकिन नवंबर 2021 में जर्मनी में हायलो ओपन में दो सेमीफाइनल और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले प्रदर्शन के अलावा इंडोनेशिया मास्टर्स में किए गए बेहतरीन प्रदर्शन के कारण उनका यह वर्ष शानदार रहा है.
दिल्ली में 2019 इंडिया ओपन के बाद से यह श्रीकांत की पहली अंतिम उपस्थिति थी, जहां वह डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से हार गए थे. वहीं, विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में सिंगापुर के चैंपियन लोह कीन यू से हारकर श्रीकांत ने रजत पदक जीता था.
अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ सेन ने जुलाई 2021 में डच ओपन में अच्छा प्रदर्शन किया. इसके बाद, हाइलो ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई और फिर डेब्यू पर वल्र्ड टूर फाइनल के नॉकआउट चरण में पहुंचे, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता.
20 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी क्लास दिखाते हुए जापान के केंटा निशिमोटो और ग्वाटेमाला के केविन कॉर्डन जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को विश्व चैंपियनशिप में धूल चटा दी थी.
हालांकि, 26 वर्षीय सिंधु को 2022 में ताइवान की ताई त्जु यिंग, जापान की अकाने यामागुची और स्पेनिश खिलाड़ी कैरोलिना मारिन से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी, जो चोटों से उबर रही हैं. ये वो नाम हैं, जिनसे सिंधु को लगभग हर इंटरनेशनल इवेंट में मुकाबला करना है.
पूर्व विश्व नंबर 1 साइना नेहवाल, जो कई चोटों के कारण अपने करियर में पहली बार विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गईं, उनका 2022 में वापसी करनी की उम्मीद है. हालांकि, 31 वर्षीय खिलाड़ी ने वापसी आने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है.
ऑस्ट्रेलिया में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से साइना चोटों से जूझ रही हैं. पिछले दो वर्षों में वह चोटों और बीमारियों के कारण टोक्यो ओलंपिक सहित कई टूर्नामेंटों से बाहर रही हैं.
पुरुष युगल में शेट्टी और रंकीरेड्डी की युगल जोड़ी टोयोटा थाईलैंड ओपन, स्विस ओपन और इंडोनेशिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची. हालांकि, चोट के कारण रंकीरेड्डी को बाहर कर दिया गया था.
जिस तरह से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पदक जीते हैं, उससे साबित होता है कि वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
2021 में मुख्य उपलब्धियां
पीवी सिंधु -- टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक
किदांबी श्रीकांत -- विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक
लक्ष्य सेन -- विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक