हैदराबाद : भारत के युवा स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग शेट्टी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कोरोनावायरस के कारण मुंबई में हालातों के बारे में, टोक्यो ओलंपिक्स, अपने मेंस डबल्स के पार्टनर सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी के अलावा कई चीजों के बारे में खुल कर बात की.
लॉकडाउन में कैसे दिन कट रहे हैं चिराग के?
चिराग ने बताया, "सुबह में एक घंटे का सेशन होता है. छह से सात बजे तक, जिसमें हम योगा करते हैं और ब्रीदिंग करते हैं. उसके बाद कुछ एक्सरसाइज और वर्कआउट करते हैं. फिर शाम को फिर एक घंटे चार बजे से पांच बजे तक हम एक्सरसाइज करते हैं."
घर पर रह कर वर्कआउट कितना मुश्किल है?
22 वर्षीय स्टार शटलर ने कहा, "काफी मुश्किल है. हम काफी बाहर जाने वाले लोग हैं, इतने सारे टूर्नामेंट होते हैं तो हम काफी ट्रावल करते हैं. अब ढाई महीने हो गए हैं तो फिर काफी मुश्किल रहा है. लेकिन अब क्या कर सकते हैं क्योंकि सब लोग ये मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं, आशा करता हूं कि जल्द ये सब ठीक हो जाएगा."
उन्होंने आगे कहा, "घर पर बैडमिंटन ज्यादा खेल नहीं सकते, शुरुआत में काफी खेलता था, छत पर खेल लेते थे जितना हो सके. लेकिन प्रॉपर बैडमिंटन खेलना अभी मुमकिन नहीं है. फिर भी जितना हो सके हैं दो घंटे की ट्रेनिंग में खुद को फिट रखने की कोशिश करता हूं."
बैडमिंटन को प्रोफेशन बनाने के बारे में कब सोचा?
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में मेंस डबल्स में सिल्वर मेडल जीत चुके चिराग ने बताया, "बैंडमिंटन खेलना शुरू मैंने शौक के तौर पर किया था, मैंने 16 साल की उम्र में तय कर लिया था कि मुझे शटलर ही बनना है और इसमें करियर बनाना है."
अपने मेंस डबल्स के पार्टनर सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी के बारे में की चिराग ने बातें
शेट्टी ने कहा, "हमारी बहुत अच्छी दोस्ती है. मेरा मानना है कि अगर पार्टनरशिप अच्छी करनी है तो कोर्ट के बाहर भी हमको अच्छे दोस्त होना चाहिए. हम ऐसे समय में फोन और वॉट्सएप पर काफी बात भी करते हैं, मैं उससे पूछता हूं कि वहां कैसा चल रहा है. मुंबई के मुकाबले भारत के हर शहर हालात बेहतर हैं. तो उसको प्रैक्टिस करने को भी मिल रहा है."
पीबीएल में हेंड्रा सेतियावान के साथ डबल्स खेल कर कैसा लगा?
प्रीमियर बैडमिंटन लीग में पुणे 7 एसेस के लिए खेलने वाले चिराग ने बीते सीजन हेंड्रा सेतियावान के साथ मेंस डबल्स खेला था. उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया के हेंड्र सेतियावान के साथ खेल कर उनको बहुत अच्छा लगा. उन्होंने कहा, "जब से मैंने बैंडमिंटन खेलना शुरू किया है तब से हेंड्रा सेतियावान को मैंने हमेशा से प्रेरणा ली है. 2008 में उन्होंने ओलंपिक गोल्ड जीता था तो उनसे मैंने काफी प्रेरणा ली है. उनसे मैंने बहुत ज्यादा सीखा और उनके साथ खेलने का अनुभव काफी अच्छा था."
ओलंपिक में क्वॉलीफिकेशन का इंतजार के लेकर मन में क्या चीजें चल रही हैं?
मेंस डबल्स में ओलंपिक्स में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद चिराग शेट्टी ने कहा, "ओलंपिक्स को लेकर काफी निराश थे हम लोग, जब ये कोरोनावायरस महामारी आई. सिर्फ हमें नहीं बल्कि पूरी दुनिया को फर्क पड़ा है. ये हमारे हाथ में नहीं है. सबसे भी काफी फर्क पड़ा क्योंकि हम काफी अच्छा खेल रहे थे और लगभग क्वॉलीफाई हो गए थे ओलंपिक्स के लिए लेकिन अभी हाल ही में क्वॉलीफिकेशन के लिए बीडब्ल्यूएफ नया नियम लेकर आया है तो काफी चीजें बदली नहीं हैं. उस हिसाब से हमारा क्वॉलीफिकेशन हो सकता है, तो इस मुश्किल घड़ी में एक चीज अच्छी हुई है कि वो नया नियम आया है और हमें काफी अच्छा लग रहा है और अब हमको क्वॉलीफिकेशन के बारे में ज्यादा सोचना नहीं है. अब हम सिर्फ अपने गेम पर ध्यान दे सकेंगे."