नई दिल्ली: आगामी मलेशिया ओपन के स्थगित होने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने बैडमिंटन की वैश्विक संस्था-बैडमिंटन वल्र्ड फेडरेशन (bwf) से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद लगाए बैठे उसके बैडमिंटन खिलाड़ियों के सामने अब क्या रास्ता बचा है.
सुपर 750 इवेंट, जिसका आयोजन 25 से 30 मई के बीच होना था और जिसे ओलंपिक योग्यता (क्वालीफाईंग) टूर्नामेंट था को शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया.
भारत के अब तक सिर्फ चार खिलाड़ियों -पीवी सिंधु, बी साई प्रणीत, चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी ने टोक्यो के लिए टिकट हासिल किए हैं. बीएआई को उम्मीद थी कि इस आयोजन के माध्यम से साइना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत सहित उसके कई और खिलाड़ी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगे.
बीएआई महासचिव अजय सिंघानिया ने कहा, यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने महत्वपूर्ण क्वालिफायर को इस तरह से स्थगित कर दिया गया. लेकिन अब एसा समय चल रहा है कि हमे इस कड़वी सच्चाई के सा जीना होगा. हमारे चार खिलाड़ी पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं और हमें साइना और श्रीकांत सहित कुछ और खिलाड़ियों के क्वालीफाई करने की उम्मीद थी. मैंने बीडब्ल्यूएफ के सचिव थॉमस लुंड को एक पत्र लिखा है, जिसके माध्यम से भविष्य की कार्रवाई के बारे में स्पष्टता देने का आग्रह किया गया है.
मलेशिया ओपन के स्थगन के साथ ओलंपिक खेलने की उम्मीद लगाए शेष भारतीय खिलाड़ियों की को अब अंतिम क्वालीफाईंग इवेंट - सिंगापुर ओपन (1-6 जून) के माध्यम से ओलंपिक टिकट हासिल करना होगा.
सिंगापुर ने कोविड -19 मामलों में हालिया उछाल के कारण भारत से उड़ानें निलंबित कर दी हैं. हालांकि, बीएआई सिंगापुर बैडमिंटन एसोसिएशन के संपर्क में है और वह 21-दिवसीय क्वारंटीन नियम के संबंध में एक यथोचित तरीका खोजने की कोशिश कर रहा है.
इस सम्बंध में सिंघानिया ने कहा, ''इस बारे में जो भी सम्भव हो सकता है, हम वह करने का प्रयास करेंगे. हमारी कोशिश होगी कि हमारे खिलाड़ी सिंगापुर ओपन में खेलते हुए अधिक से अधिक ओलंपिक बर्थ हासिल कर सकें क्योंकि इनके पास यह अंतिम मौका और गुंजाइश है.''