मुंबई : 1970 के दशक से इंडस्ट्री का हिस्सा रहीं दिग्गज अभिनेत्री नीना कुलकर्णी का कहना है कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं, क्योंकि उनकी फिल्मोग्राफी में ऐसे पात्र शामिल हैं जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं.
65 वर्षीय अभिनेत्री चार दशकों से मनोरंजन उद्योग का हिस्सा हैं. मराठी और हिंदी भाषा में किया शानदार अभिनय दोनों में थिएटर, टीवी, सिनेमा और ओटीटी प्लेटफॉर्म सहित कई माध्यमों में पर देखा जा सकता है.
उनके कुछ शानदार अभिनयों में थिएटर प्रस्तुतियां महासागर और ध्यानी मणि, टीवी शो अड़ोस-पड़ोस, ये है मोहब्बतें, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मराठी फिल्म शेवरी, प्रियदर्शन की कॉमेडी हंगामा आदि शामिल हैं.
नीना कुलकर्णी कहती हैं कि मैंने जो भूमिकाएं निभाई हैं, वे टाइमलेस हैं. मुझे खुशी है कि मैंने टाइमलेस भूमिकाएं निभाई हैं.
ओटीटी पर उन्होंने अमेज़ॅन प्राइम वीडियो सीरीज ब्रीद और मराठी फिल्म फोटो-प्रेम में अभिनय किया है जो एक ही प्लेटफॉर्म पर 7 मई को रिलीज़ हुई थी.
कुलकर्णी का मानना है कि यह एक चरित्र की ताकत होती है जैसे की मां या पत्नी, जो उन्हें प्रोजक्ट का चयन करने के लिए प्रेरित करती है.
उन्होंने कहा कि वह इतने सालों के बाद ऐसे किरदारों की तलाश में हैं जो स्ट्रोंग हों, अनोखे हों. फोटो प्रेम के समय मुझे लगा कि यात्रा बहुत दिलचस्प होगी, इसलिए मैंने इसके लिए हां कर दी.
अपनी नवीनतम रिलीज मराठी फिल्म 'फोटो प्रेम' में, नीना का चरित्र क्लिक बहुत सचेत है. आदित्य राठी और गायत्री पाटिल द्वारा निर्देशित और सह-लिखित यह फिल्म, एक गृहिणी माई (कुलकर्णी) की यात्रा को दिखाती है, जो कैमरे के डर को दूर करने की कोशिश करती है और एक आदर्श तस्वीर क्लिक करती है, ताकि उसके परिवार को तस्वीर मृत्यु के बाद याद रहे.
फिल्म मौत और उसके बाद के जीवन के बारे में हैं, जिसमें ह्यूमर भी है. वह कहती हैं कि हमेशा कैमरे के सामने रहने वाली अभिनेत्री होने के नाते ऐसी भूमिका चुनौतीपूर्ण थी.
वह कहती हैं कि वह मुख्य चुनौती थी और डरावना था. जब मेरे जैसी अभिनेत्री को इस तरह की भूमिका निभानी होती है, तो यह चुनौतीपूर्ण होता है. मेरे लिए, यह क्लिक करने या सेल्फी लेने के लिए कुछ भी नहीं है. इतने सालों के अभिनय के बाद यह एक चुनौती थी. यह एक सुंदर प्रक्रिया थी. मुझे आशा है कि यह फिल्म में सामने आई है. पुरानी पीढ़ी बहुत आत्म-जागरूक है. जिस समय कैमरा चालू होता है, वे फोटो खिंचवाना पसंद नहीं करते हैं. वे अपने चेहरे पर एक बहुत ही निश्चित नजर रखते हैं.
पढ़ेंः अनुपम खेर लोगों को मुफ्त मुहैया करवा रहे हैं ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स