हैदराबाद : भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन आज अपना 52 वां जन्म दिन मना रहे हैं. 17 जुलाई 1971 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बिसुईं गांव में पैदा हुए थे. रवि किशन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से सांसद चुने गए हैं.
पिता से छिपकर भागे थे रवि
एक समय था कि जब रवि किशन अपनी अदाकारी के शौक को पूरा करने के लिए पिता से छिपकर घर से निकल गए थे. रवि के पिता अपने गांव में पूजा-पाठ करते थे. रवि एक साक्षात्कार के दौरान यह बात खुद कबूल किए थे. रवि के पिता नही चाहते थे कि रवि एक्टर बने.
रवि उसी साक्षात्कार में यह भी बताते है कि मैं गांव में कभी-कभी रामलीला में महिलाओं का रोल करता था. पिताजी को पंसद नही था कि बेटा पढ़ने लिखने की नाटक करें. उन्हें लगता था कि बेटा बर्बाद हो गया है. वह अपने कैरियर में कुछ नही कर पाएगा. इससे नाराज उनके पिता उनकी अक्सर पिटाई कर देते थे.
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रवि किशन का पूरा नाम रवि किशन शुक्ला है. रवि न एक इंटरव्यू में बताया था, 'पिताजी छोटी-छोटी बातों पर मुझसे गुस्सा हो जाते थे, मेरी पिटाई करने लगते थे' मां मुझे अक्सर बचाने की कोशिश करती थी, लेकिन वे नहीं मानते थे. एक बार पिताजी ने जब मेरी जमकर पिटाई की तो मां ने कहा बेटा जान बचाकर यहां से भाग जा, मां की बात मान मैंने घर छोड़ दिया और मुंबई पहुंच गया.
रवि ने उस दौर में भोजपुरी फिल्मों में काम किया, जब उनका करियर हिंदी फिल्मों में तकरीबन खत्म होता जा रहा था. रवि किशन ने बॉलीवुड में नाकामी के बाद भोजपुरी फिल्म 'सईंया हमार' साइन की. यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई और रवि भोजपुरी के स्टार के रूप में स्थापित हो गए.
रवि किशन को फिल्म तेरे नाम के लिए सर्वश्रेष्ठ सह- अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है. वहीं 2005 में आई उनकी भोजपुरी फिल्म 'कब होई गवनवा हमार' को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. वे ऐसे अभिनेता बने जिन्हें एक साथ हिंदी और भोजपुरी की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त फिल्मों का हिस्सा होने का गौरव मिला.