मुंबई: निर्देशक सुजीत सरकार ने कहा है कि वह लंबे समय से सरदार उधम सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने का इंतजार कर रहे थे और अब 'सरदार उधम' फिल्म के जरिए उनका यह सपना साकार हो गया है. सुजीत ने कहा कि इसके अलावा वह यह भी चाहते थे कि फिल्म लगभग भुला दिए गए क्रांतिकारी के जीवन की कहानी को एक सच्चे और सरल तरीके से प्रदर्शित करे.
सुजीत ने सरदार उधम सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने का यह सपना उस समय देखा था, जब वह दिल्ली में रंगमंच से जुड़े हुए थे और नाटकों का मंचन करते थे. दरअसल, सुजीत ने 1990 के दशक में पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग नरसंहार स्थल का दौरा किया था. जिसके बाद इससे जुड़ी तमाम चीजों को लेकर वे बेहद भावुक हो गए थे और यहीं से उन्हें महान क्रांतिकारी के जीवन पर फिल्म बनाने का विचार आया.
सुजीत ने पीटीआई-भाषा को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, 'मुझे पता था कि मुझे दूसरा मौका नहीं मिलेगा इसलिए यह एकमात्र ऐसी फिल्म है जिसे मैं बना सकता हूं. इस फिल्म को बनाते समय मुझे बहुत ही जिम्मेदारी के साथ इससे जुड़े संवेदनशील मुद्दों का ध्यान रखना पड़ा. इस नरसंहार से संबंधित कई शोध सामग्री हैं जिनका हमने अध्ययन किया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सामग्री जिसने मेरी मदद की वह थी जलियांवाला बाग नरसंहार के चश्मदीद गवाहों का लिखित दस्तावेज जो उन्होंने इसकी जांच के लिए गठित किए गए हंटर आयोग को दिया था.'
निर्देशक ने कहा, 'मैंने उन दस्तावेजों को पढ़ा और उससे मुझे पूरी जानकारी मिली कि वास्तव में वहां क्या हुआ था. उन दस्तावेजों के जरिए मुझे पता चला कि उस समय भारत में तथा विशेष रूप से क्रांतिकारी आंदोलन की आग में उबल रहे पंजाब में क्या हो रहा था.' सुजीत ने कहा कि सरदार उधम सिंह के दृढ़ संकल्प आर उनकी मजबूत इच्छाशक्ति ने उन्हें विशेष रूप से प्रभावित किया.
सुजीत ने सरदार उधम सिंह को लगभग भुला दिया गया क्रांतिकारी बताते हुए कहा, 'वह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे क्रांतिकारी थे, जिनकी बहुत ही कम चर्चा होती है. एक मिशन पूरा करने का मजबूत इरादा लेकर सरदार उधम सिंह ने यूरोप के अलावा कई अन्य देशों का दौरा किया. ऐसा कोई नहीं था, जिसने 1930 के दशक में इस तरह का कार्य किया हो. हम शहीद भगत सिंह के बारे में तो जानते हैं लेकिन सरदार उधम के बारे में ज्यादा नहीं जानते. आज की पीढ़ी के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सरदार उधम सिंह कौन थे. उनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं जोकि काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है.'
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गौरतलब है कि सरदार उधम सिंह ने 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेने के लिए 1940 में पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर की हत्या कर दी थी. ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में इस नरसंहार को अंजाम दिया गया था, जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे. ओ डायर ने डायर के कार्यों के लिए उसे माफ कर दिया था. फिल्म में सरदार उधम सिंह का किरदार अभिनेता विक्की कौशल ने निभाया है. इसकी पटकथा रितेश शाह और शुभेंदु भट्टाचार्य ने मिलकर लिखी है. 'सरदार उधम' 16 अक्टूबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी.
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(इनपुट भाषा)