मुंबई: मुंबई की एक विशेष राष्ट्रीय स्वापक औषधि एवं मन-प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अदालत ने जून 2020 में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में शनिवार को एक बार फिर सिद्धार्थ पिठानी को जमानत देने से इनकार कर दिया. सिद्धार्थ सुशांत के साथ एक ही फ्लैट में रहते थे.
बता दें कि पिठानी को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस साल 28 मई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. उस पर अन्य आरोपों के अलावा राष्ट्रीय स्वापक औषधि एवं मन-प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 27 (ए) (अवैध तस्करी को वित्तपोषित करना और अपराधियों को शरण देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
एनडीपीएस अदालत के विशेष न्यायाधीश डी. बी. माने ने सिद्धार्थ की जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले, उसकी नियमित जमानत याचिका अगस्त में खारिज कर दी गई थी, हालांकि अदालत ने उसे उसकी शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम राहत दी थी. पिठानी ने शुक्रवार को एक और जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 ए को गलत तरीके से लागू किया गया था और जमानत के लिए याचना करते हुए कहा कि उससे केवल थोड़ी मात्रा में ही मादक पदार्थ जब्त किए गए थे.
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दरअसल, एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए अवैध यातायात के वित्तपोषण और अपराधियों को शरण देने के लिए सजा से संबंधित है. एनसीबी की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने तर्क दिया कि पिठानी द्वारा उठाए गए इन सभी आधारों पर पहले विचार किया जा चुका है. सेठना ने तर्क दिया कि पिठानी ने पिछले जमानत आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी थी. एनसीबी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में बॉलीवुड में कुछ अभिनेताओं को मादक पदार्थों की कथित आपूर्ति के बारे में व्हाट्सएप चैट के आधार पर इस मामले की जांच कर रही है.
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(इनपुट-भाषा)