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अडोप्शन कोई अहसान नहीं हैः सुष्मिता सेन

मैं हूं न की हॉटेस्ट टीचर अभिनेत्री सुष्मिता सेन जिन्होंने अपनी दो बेटियों को गोद लिया है. हमेशा ही उनकी गोद ली हुई बेटियों की चर्चा होती रहती है. अभिनेत्री इस मामले पर खुल कर बोली हैं...

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Published : Aug 5, 2019, 12:47 AM IST

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हैदराबादः मिस यूनिवर्स रही अभिनेत्री सुष्मिता सेन जो दो अडोप्ट बच्चों रेनी और अलीशा की मां हैं, ने कहा कि गोद लेना उनकी जिंदगी का सबसे समझदारी भरा फैसला था.


एक एवेंट में बोलते हुए सुष्मिता सेन हाल ही में 24 साल की उम्र में दो बच्चों को अडोप्ट करने और उस अडोप्शन के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करती हुईं बोलीं,

पढ़ें- सीनियर बच्चन ने किया जूनियर बच्चन की कबड्डी टीम को चीयर अप!



"नेचुरल बर्थ के केस में मां और बच्चा उम्बीलिकल कोर्ड के जरिए जुड़ते हैं लेकिन अडोप्शन में मां और बच्चा एक बहुत ही मजबुत रिश्ते से जुड़ते हैं जिसे आप कभी खत्म नहीं कर सकते हैं. मुझे इस अहसास को महसूस करने का सौभाग्य दो बार प्राप्त हुआ है. एक मां बनने का सौभाग्य जिसने अपने दिल से अपने बच्चों को जन्म दिया है. मैंने एक दिन भी मां बनने की खुशी को मिस नहीं किया."

सुष्मिता के मुताबिक मां बनने से उनकी जिंदगी में ठहराव आया.

आगे जोड़ते हुए अभनेत्री ने कहा, "मैंने 24 की उम्र में मां बनने का सबसे बुद्धिमान फैसला लिया. जिसने मेरी जिंदगी में ठहराव पैदा किया. लोग सोचते हैं कि ये कोई महान काम है लेकिन ये सिर्फ खुद को बचाना है. मैं सिर्फ खुद को बचा रही थी."

सुष्मिता ने साल 2000 में रेनी को गोद लिया था और दस साल बाद 2010 में अलीशा को.

हैदराबादः मिस यूनिवर्स रही अभिनेत्री सुष्मिता सेन जो दो अडोप्ट बच्चों रेनी और अलीशा की मां हैं, ने कहा कि गोद लेना उनकी जिंदगी का सबसे समझदारी भरा फैसला था.


एक एवेंट में बोलते हुए सुष्मिता सेन हाल ही में 24 साल की उम्र में दो बच्चों को अडोप्ट करने और उस अडोप्शन के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करती हुईं बोलीं,

पढ़ें- सीनियर बच्चन ने किया जूनियर बच्चन की कबड्डी टीम को चीयर अप!



"नेचुरल बर्थ के केस में मां और बच्चा उम्बीलिकल कोर्ड के जरिए जुड़ते हैं लेकिन अडोप्शन में मां और बच्चा एक बहुत ही मजबुत रिश्ते से जुड़ते हैं जिसे आप कभी खत्म नहीं कर सकते हैं. मुझे इस अहसास को महसूस करने का सौभाग्य दो बार प्राप्त हुआ है. एक मां बनने का सौभाग्य जिसने अपने दिल से अपने बच्चों को जन्म दिया है. मैंने एक दिन भी मां बनने की खुशी को मिस नहीं किया."

सुष्मिता के मुताबिक मां बनने से उनकी जिंदगी में ठहराव आया.

आगे जोड़ते हुए अभनेत्री ने कहा, "मैंने 24 की उम्र में मां बनने का सबसे बुद्धिमान फैसला लिया. जिसने मेरी जिंदगी में ठहराव पैदा किया. लोग सोचते हैं कि ये कोई महान काम है लेकिन ये सिर्फ खुद को बचाना है. मैं सिर्फ खुद को बचा रही थी."

सुष्मिता ने साल 2000 में रेनी को गोद लिया था और दस साल बाद 2010 में अलीशा को.

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अडोप्शन कोई अहसान नहीं हैः सुष्मिता सेन

हैदराबादः मिस यूनिवर्स रही अभिनेत्री सुष्मिता सेन जो दो अडोप्ट बच्चों रेनी और अलीशा की मां हैं, ने कहा कि गोद लेना उनकी जिंदगी का सबसे समझदारी भरा फैसला था.

एक एवेंट में बोलते हुए सुष्मिता सेन हाल ही में 24 साल की उम्र में दो बच्चों को अडोप्ट करने और उस अडोप्शन के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करती हुईं बोलीं,

नेचुरल बर्थ के केस में मां और बच्चा उम्बीलिकल कोर्ड के जरिए जुड़ते हैं लेकिन अडोप्शन में मां और बच्चा एक बहुत ही मजबुत रिश्ते से जुड़ते हैं जिसे आप कभी खत्म नहीं कर सकते हैं. मुझे इस अहसास को महसूस करने का सौभाग्य दो बार प्राप्त हुआ है. एक मां बनने का सौभाग्य जिसने अपने दिल से अपने बच्चों को जन्म दिया है. मैंने एक दिन भी मां बनने की खुशी को मिस नहीं किया.

सुष्मिता के मुताबिक मां बनने से उनकी जिंदगी में ठहराव आया.

आगे जोड़ते हुए अभनेत्री ने कहा, मैंने 24 की उम्र में मां बनने का सबसे बुद्धिमान फैसला लिया. जिसने मेरी जिंदगी में ठहराव पैदा किया. लोग सोचते हैं कि ये कोई महान काम है लेकिन ये सिर्फ खुद को बचाना है. मैं सिर्फ खुद को बचा रही थी.

सुष्मिता ने साल 2000 में रेनी को गोद लिया था और दस साल बाद 2010 में अलीशा को.


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