मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट के जिस कमरे में मृत पाए गए थे, उसका ताला जिस चाबीवाले से तुड़वाया गया था, उसने दो महीने बाद इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है.
मुंबई के रफीक शेख ने बताया कि उसे कमरे के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी. कमरे का ताला तोड़ने के बाद वह वहां से अपनी फीस लेकर चला गया था.
उसने बताया कि इस काम के लिए उसने 2,000 रुपये लिए और इसके बाद वह वहां से निकल लिया. उस वक्त उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह किसका घर था.
दो महीने बाद आया यह बयान सुशांत के कुक नीरज सिंह के बयान से मेल खाता है जो उस वक्त फ्लैट में मौजूद था.
नीरज सिंह ने मुंबई पुलिस के जांचकर्ताओं को बताया था कि चाबीवाले (शेख) को उसके मांगे 2,000 दिए गए थे, लेकिन लॉक तोड़ने के बाद उसे दरवाजे को धकेलने की इजाजत नहीं दी गई थी.
बांद्रा वेस्ट के पॉश कार्टर रोड पर स्थित मोंट ब्लैंक बिल्डिंग के इस डुप्लेक्स फ्लैट में सुशांत का कमरा ऊपरी माले पर था.
शेख ने रविवार को मीडिया संग बात करते हुए कहा कि उसे सुशांत के फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी का फोन आया था, जिन्होंने उसे घर में एक दरवाजे का लॉक खोलने के लिए कहा था. इसके बाद चाबीवाले ने उनसे लॉक की एक तस्वीर भेजने को कहा, लेकिन उसे एक बार के लिए भी इस बात का एहसास नहीं दिलाया गया कि यह किसी बॉलीवुड एक्टर का घर है.
वहां पहुंचने पर शेख को दरवाजे के पास लेकर जाया गया और लॉक को खोलने के लिए कहा गया. फिर उसने यह कहा कि लॉक खोलना संभव नहीं है, क्योंकि यह एक कम्प्यूटरीकृत लॉक है. इसके बाद शेख से उसे तोड़ने के लिए कहा गया और उसने एक हैंगर की मदद से अपने काम को अंजाम दिया.
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शेख ने बताया, "मैंने लॉक तोड़ा, अपनी फीस ली और वहां से चला गया. मैं कमरे के अंदर नहीं घुसा. उस वक्त वहां तीन या चार लोग थे. मैं उनके नाम नहीं जानता."
अब हो सकता है कि सीबीआई आगे आने वाले समय में इस बारे में शेख से पूछताछ करे.
(इनपुट-आईएएनएस)