नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग (ईसी) को 'पीएम नरेंद्र मोदी' फिल्म देखकर इस पर इस सप्ताह के अंत तक बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फिल्म के निर्माता संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है.
जब अदालत ने ईसी के वकील से पूछा कि क्या ईसी ने फिल्म देखी है, तो फिल्म निर्माता के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि ईसी ने फिल्म को देखे बिना इसकी रिलीज को टाल दिया है.
इसके बाद पीठ ने ईसी से फिल्म देखने और इस पर रिपोर्ट अदालत को देने को कहा.
बता दें कि फिल्म निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज को टाले जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा है कि ईसी का आदेश संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन है.
बीते हफ्ते ईसी ने चुनाव के दौरान राजनैतिक फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था.
'पीएम नरेंद्र मोदी' को आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन, 11 अप्रैल को रिलीज होना था. लेकिन ईसी ने कहा था कि किसी भी बायोपिक को सिनेमाघर या इलेक्ट्रानिक मीडिया में नहीं दिखाया जाए क्योंकि इसे दिखाए जाने से चुनाव के सभी पक्षों को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत का उल्लंघन होता है.
इससे पहले 9 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता अमन पवार द्वारा फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले में ईसी को फैसला करने देना चाहिए.
शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से मोदी बायोपिक पर मांगी रिपोर्ट
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फिल्म के निर्माता संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग (ईसी) को 'पीएम नरेंद्र मोदी' फिल्म देखकर इस पर इस सप्ताह के अंत तक बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फिल्म के निर्माता संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है.
जब अदालत ने ईसी के वकील से पूछा कि क्या ईसी ने फिल्म देखी है, तो फिल्म निर्माता के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि ईसी ने फिल्म को देखे बिना इसकी रिलीज को टाल दिया है.
इसके बाद पीठ ने ईसी से फिल्म देखने और इस पर रिपोर्ट अदालत को देने को कहा.
बता दें कि फिल्म निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज को टाले जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा है कि ईसी का आदेश संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन है.
बीते हफ्ते ईसी ने चुनाव के दौरान राजनैतिक फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था.
'पीएम नरेंद्र मोदी' को आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन, 11 अप्रैल को रिलीज होना था. लेकिन ईसी ने कहा था कि किसी भी बायोपिक को सिनेमाघर या इलेक्ट्रानिक मीडिया में नहीं दिखाया जाए क्योंकि इसे दिखाए जाने से चुनाव के सभी पक्षों को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत का उल्लंघन होता है.
इससे पहले 9 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता अमन पवार द्वारा फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले में ईसी को फैसला करने देना चाहिए.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग (ईसी) को 'पीएम नरेंद्र मोदी' फिल्म देखकर इस पर इस सप्ताह के अंत तक बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फिल्म के निर्माता संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की है.
जब अदालत ने ईसी के वकील से पूछा कि क्या ईसी ने फिल्म देखी है, तो फिल्म निर्माता के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि ईसी ने फिल्म को देखे बिना इसकी रिलीज को टाल दिया है.
इसके बाद पीठ ने ईसी से फिल्म देखने और इस पर रिपोर्ट अदालत को देने को कहा.
बता दें कि फिल्म निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज को टाले जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है. उन्होंने कहा है कि ईसी का आदेश संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन है.
बीते हफ्ते ईसी ने चुनाव के दौरान राजनैतिक फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था.
'पीएम नरेंद्र मोदी' को आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन, 11 अप्रैल को रिलीज होना था. लेकिन ईसी ने कहा था कि किसी भी बायोपिक को सिनेमाघर या इलेक्ट्रानिक मीडिया में नहीं दिखाया जाए क्योंकि इसे दिखाए जाने से चुनाव के सभी पक्षों को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत का उल्लंघन होता है.
इससे पहले 9 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता अमन पवार द्वारा फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले में ईसी को फैसला करने देना चाहिए.
Conclusion: