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हरिद्वार में 'आर्टिकल 15' का पुरजोर विरोध, संत समाज की चेतावनी-' नहीं होने देंगे फिल्म रिलीज'

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Published : Jun 27, 2019, 3:47 PM IST

Updated : Jun 27, 2019, 4:28 PM IST

ब्राह्मण समाज और संत समाज की चेतावनी है कि इस 'आर्टिकल 15' को किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

article 15 haridwar controversy

हरिद्वार: फिल्म 'आर्टिकल 15' का ट्रेलर रिलीज होते ही ब्राह्मण समाज और संत समाज में इस फिल्म को लेकर विरोध उत्पन्न हो गया है. इस फिल्म के ट्रेलर में ब्राह्मण समाज और संत समाज को लेकर कुछ आपत्तिजनक दृश्य दिखाया गया है. जिसको लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर आज हरिद्वार में इस फिल्म का पुरजोर विरोध किया. ब्राह्मण समाज और संत समाज की चेतावनी है कि इस फिल्म को किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

फिल्म 'आर्टिकल 15' के विरोध में आज हरिद्वार में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर इस फ़िल्म का विरोध किया. हरिद्वार रानीपुर मोड़ पर संयुक्त रूप से फिल्म के विरोध में ब्राह्मण और संत समाज ने धरना प्रदर्शन कर फिल्म निर्माता का पुतला दहन किया.

अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक का कहना है कि हमारा इस फिल्म को लेकर विरोध है. इसमें ब्राह्मण और श्री महंत के बच्चे दिखाए गए हैं. यह बहुत ही निंदनीय है हम इस फिल्म का विरोध करते हैं और इस फिल्म को उत्तराखंड, हरिद्वार और पूरे भारतवर्ष में कहीं पर भी लगने नहीं दिया जाएगा.

यह हमारा और करणी सेना का आह्वान है. इस फिल्म से ब्राह्मण और महंत शब्द और जो ब्राह्मणों को गाली दी गई है उसे हटा दें, तो ही हम इस फिल्म को चलने देंगे. नहीं तो हम कहीं पर भी इस फिल्म को नहीं चलने देगें.

कोर्ट ने इस फिल्म को मान्यता दी है. इसको लेकर अधीर कोशिश का कहना है कि कोर्ट अपनी जगह है मगर हम ब्राह्मण और संत समाज अपना काम करेंगे. अगर किसी ने भी इस फिल्म को सिनेमाघरों में लगाया तो उसकी जिम्मेदारी उसके मालिक की खुद होगी. इस विरोध में ब्राह्मण समाज और हिंदू समाज सब एकजुट हैं. जो भी फिल्म निर्माता ऐसी फिल्म बनाएगा. उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

फिल्म पर रोक लगाए जाने की मांग ब्राह्मण समाज के साथ संत समाज भी कर रहा है. संत भास्कर पूरी का कहना है कि हमने इस फ़िल्म को लेकर 2 दिन पहले सरकारी अधिकारियों को और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं. इस फिल्म को रिलीज ना किया जाए. इसमें ब्राह्मणों का और महंतों का नाम इस्तेमाल किया गया है. यह बहुत ही निंदनीय है. फिल्म निर्माता बताएं कि इस फिल्म को किस सत्यता के आधार पर बनाया गया है? इसमें सत्यता को हटाकर निर्माता ने महंत और ब्राह्मणों का नाम क्यों प्रयोग किया. इससे हमारे समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा. इसलिए इस फिल्म पर रोक लगनी चाहिए. अगर रोक नहीं लगती है तो हम इस पर सख्त कदम उठाएगें. इस फिल्म को बंद कराया जाएगा.

हरिद्वार में 'आर्टिकल 15' विरोध करते संत समाज और ब्राह्मण समाज के लोग.
'आर्टिकल 15' के ट्रेलर के बाद जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. उसको देख कर तो यही लगता है कि इस फिल्म का विरोध लगातार जारी रहेगा. क्योंकि ब्राह्मण समाज और संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म किसी भी सिनेमाघर में लगाई गई तो उसकी जिम्मेदारी खुद उसके मालिकों की होगी और फ़िल्म को किसी भी सिनेमाघर में नहीं लगने देंगे. अब देखना यह होगा कि जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज इस फ़िल्म के विरोध में उतर आए हैं क्या उत्तराखंड सरकार इस फिल्म पर बैन लगा पाती है या नहीं?

हरिद्वार: फिल्म 'आर्टिकल 15' का ट्रेलर रिलीज होते ही ब्राह्मण समाज और संत समाज में इस फिल्म को लेकर विरोध उत्पन्न हो गया है. इस फिल्म के ट्रेलर में ब्राह्मण समाज और संत समाज को लेकर कुछ आपत्तिजनक दृश्य दिखाया गया है. जिसको लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर आज हरिद्वार में इस फिल्म का पुरजोर विरोध किया. ब्राह्मण समाज और संत समाज की चेतावनी है कि इस फिल्म को किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

फिल्म 'आर्टिकल 15' के विरोध में आज हरिद्वार में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर इस फ़िल्म का विरोध किया. हरिद्वार रानीपुर मोड़ पर संयुक्त रूप से फिल्म के विरोध में ब्राह्मण और संत समाज ने धरना प्रदर्शन कर फिल्म निर्माता का पुतला दहन किया.

अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक का कहना है कि हमारा इस फिल्म को लेकर विरोध है. इसमें ब्राह्मण और श्री महंत के बच्चे दिखाए गए हैं. यह बहुत ही निंदनीय है हम इस फिल्म का विरोध करते हैं और इस फिल्म को उत्तराखंड, हरिद्वार और पूरे भारतवर्ष में कहीं पर भी लगने नहीं दिया जाएगा.

यह हमारा और करणी सेना का आह्वान है. इस फिल्म से ब्राह्मण और महंत शब्द और जो ब्राह्मणों को गाली दी गई है उसे हटा दें, तो ही हम इस फिल्म को चलने देंगे. नहीं तो हम कहीं पर भी इस फिल्म को नहीं चलने देगें.

कोर्ट ने इस फिल्म को मान्यता दी है. इसको लेकर अधीर कोशिश का कहना है कि कोर्ट अपनी जगह है मगर हम ब्राह्मण और संत समाज अपना काम करेंगे. अगर किसी ने भी इस फिल्म को सिनेमाघरों में लगाया तो उसकी जिम्मेदारी उसके मालिक की खुद होगी. इस विरोध में ब्राह्मण समाज और हिंदू समाज सब एकजुट हैं. जो भी फिल्म निर्माता ऐसी फिल्म बनाएगा. उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

फिल्म पर रोक लगाए जाने की मांग ब्राह्मण समाज के साथ संत समाज भी कर रहा है. संत भास्कर पूरी का कहना है कि हमने इस फ़िल्म को लेकर 2 दिन पहले सरकारी अधिकारियों को और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं. इस फिल्म को रिलीज ना किया जाए. इसमें ब्राह्मणों का और महंतों का नाम इस्तेमाल किया गया है. यह बहुत ही निंदनीय है. फिल्म निर्माता बताएं कि इस फिल्म को किस सत्यता के आधार पर बनाया गया है? इसमें सत्यता को हटाकर निर्माता ने महंत और ब्राह्मणों का नाम क्यों प्रयोग किया. इससे हमारे समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा. इसलिए इस फिल्म पर रोक लगनी चाहिए. अगर रोक नहीं लगती है तो हम इस पर सख्त कदम उठाएगें. इस फिल्म को बंद कराया जाएगा.

हरिद्वार में 'आर्टिकल 15' विरोध करते संत समाज और ब्राह्मण समाज के लोग.
'आर्टिकल 15' के ट्रेलर के बाद जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज में आक्रोश उत्पन्न हो गया है. उसको देख कर तो यही लगता है कि इस फिल्म का विरोध लगातार जारी रहेगा. क्योंकि ब्राह्मण समाज और संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म किसी भी सिनेमाघर में लगाई गई तो उसकी जिम्मेदारी खुद उसके मालिकों की होगी और फ़िल्म को किसी भी सिनेमाघर में नहीं लगने देंगे. अब देखना यह होगा कि जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज इस फ़िल्म के विरोध में उतर आए हैं क्या उत्तराखंड सरकार इस फिल्म पर बैन लगा पाती है या नहीं?
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हरिद्वार: फिल्म 'आर्टिकल 15' का ट्रेलर रिलीज होते ही ब्राह्मण समाज और संत समाज में इस फिल्म को लेकर विरोध उत्पन्न हो गया है. इस फिल्म के ट्रेलर में ब्राह्मण समाज और संत समाज को लेकर कुछ आपत्तिजनक दृश्य दिखाया गया है. जिसको लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर आज हरिद्वार में इस फिल्म का पुरजोर विरोध किया. ब्राह्मण समाज और संत समाज की चेतावनी है कि इस फिल्म को किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा. 

फिल्म 'आर्टिकल 15' के विरोध में आज हरिद्वार में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के साथ कई संगठनों ने मिलकर इस फ़िल्म का विरोध किया. हरिद्वार रानीपुर मोड़ पर संयुक्त रूप से फिल्म के विरोध में ब्राह्मण और संत समाज ने धरना प्रदर्शन कर फिल्म निर्माता का पुतला दहन किया. 

अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक का कहना है कि हमारा इस फिल्म को लेकर विरोध है. इसमें ब्राह्मण और श्री महंत के बच्चे दिखाए गए हैं. यह बहुत ही निंदनीय है हम इस फिल्म का विरोध करते हैं और इस फिल्म को उत्तराखंड हरिद्वार और पूरे भारतवर्ष में कहीं पर भी लगने नहीं दिया जाएगा. 

यह हमारा और करणी सेना का आह्वान है. इस फिल्म से ब्राह्मण और महंत शब्द और जो ब्राह्मणों को गाली दी गई है. उसे हटा दें तो ही हम इस फिल्म को चलने देंगे नहीं तो हम कहीं पर भी इस फिल्म को नहीं चलने देगी. 

कोर्ट ने इस फिल्म को मान्यता दी है इसको लेकर अधीर कोशिश का कहना है कि कोर्ट अपनी जगह है मगर हम ब्राह्मण और संत समाज अपना काम करेंगे अगर किसी ने भी इस फिल्म को सिनेमाघरों में लगाया तो उसकी जिम्मेदारी उसके मालिक की खुद होगी इस विरोध में ब्राह्मण समाज और हिंदू समाज सब एकजुट है जो भी फिल्म निर्माता ऐसी फिल्म बनाएगा उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

फिल्म पर रोक लगाए जाने की मांग ब्राह्मण समाज के साथ संत समाज भी कर रहा है संत भास्कर पूरी का कहना है कि हमने इस फ़िल्म को लेकर 2 दिन पहले सरकारी अधिकारियों को और मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं इस फिल्म को रिलीज ना किया जाए इसमें ब्राह्मणों का और महंतों का नाम यूज़ किया गया है यह बहुत ही निंदनीय है फिल्म निर्माता बताएं की इस फिल्म को किस सत्यता के आधार पर बनाया गया है इसमें सत्यता को हटाकर निर्माता ने महंत और ब्राह्मणों का नाम क्यों प्रयोग किया इससे हमारे समाज पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा इसलिए इस फिल्म पर रोक लगनी चाहिए अगर रोक नहीं लगती है तो हम इस पर सख्त कदम उठाएगे इस फिल्म को बंद कराया जाएगा और बेन करवाई जाएगी.

आर्टिकल 15 के ट्रेलर के बाद जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज में आक्रोश उत्पन्न हो गया है उसको देख कर तो यही लगता है कि इस फिल्म का विरोध लगातार जारी रहेगा क्योंकि ब्राह्मण समाज और संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म किसी भी सिनेमाघर में लगाई गई तो उसकी जिम्मेदारी खुद उसके मालिकों की होगी और फ़िल्म को किसी भी सिनेमाघर में नहीं लगने देंगे अब देखना यह होगा कि जिस तरह से ब्राह्मण और संत समाज इस फ़िल्म के विरोध में उतर आए हैं क्या उत्तराखंड सरकार इस फिल्म पर बैन लगा पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी. 

 


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Last Updated : Jun 27, 2019, 4:28 PM IST
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