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ईटीवी भारत से म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी की खास मुलाकात - म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी की खास मुलाकात

इंडियन आईडल सिंगिंग रियलिटी शो का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. हाल ही में अशोक एजाज और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी ने इसी सिलसिले में ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Music composer Vishal Dadlani's special meeting with ETV Bharat
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Published : Oct 4, 2019, 5:32 PM IST

लखनऊ: गायकी एक ऐसा शौक है, जो भावनाओं से जुड़ा होता है. वहीं, अब गायकी का शौक प्रतियोगिता का रूप ले चुका है. टीवी पर तमाम ऐसे रियालिटी शो हैं, जो संगीत में दिलच्सपी रखने वाले हर युवा को भी गायकी के ऊंचे मकाम तक पहुंचा देते हैं. हाल ही में इंडियन आईडल सिंगिंग रियलिटी शो का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. अशोक एजाज और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी आज नवाबों की नगरी लखनऊ में आए थे.


ईटीवी भारत से खास बातचीत में विशाल ददलानी ने कई बातों पर अपनी बेबाक राय रखी. इन दौरान विशाल ने अपने करियर की शुरुआत यानी पेंटाग्राम बैंड से लेकर आर्थिक मंदी तक के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए. लखनऊ के बारे में विशाल कहते हैं कि लखनऊ आ कर दिल खुश हो जाता है. यहां पर तहजीब मिलती है एक बेहतरीन स्वाद मिलता है लोगों का खूब सारा प्यार मिलता है एक आर्टिस्ट के लिए इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती.

अपने बैंड पेंटाग्राम के बारे में विशाल कहते हैं कि 1994 में जब मैंने अपने इलेक्ट्रो बैंड पेंटाग्राम की शुरुआत की थी तब मैंने जाना था की गायकी को लेकर भी आगे काम किया जा सकता है क्योंकि लोग इसे अपनी भावनाओं से जोड़ते हैं. इसके बाद ही मैंने म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखने का निश्चय किया इसलिए मेरे लिए पेंटाग्राम और कानपुर लखनऊ जैसी जगह बेहद खास है. पेंटाग्राम के बाद ही मुझे म्यूजिक इंडस्ट्री में एक पहचान भी मिली थी इसलिए मैं कह सकता हूं कि कानपुर आना मेरे लिए लकी रहा.

ईटीवी भारत से म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी की खास मुलाकात

इंडियन आइडल में जज के रूप में काम करने के दौरान एक बार विशाल ने कहा था कि वह नास्तिक है. इस सवाल पर वह कहते हैं कि शुरुआत से तो नहीं कहूंगा पर हां जब मैं काम करता गया और धीरे-धीरे एक समझ बढ़ती गई तो पता चला कि मेहनत भी कोई चीज होती है, जिसके बलबूते पर हम आगे आते हैं और नास्तिक होने की कहानी मेरी काफी लंबी है. शॉर्ट में यह कहना चाहूंगा कि किसी बेहद बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि यदि सब कुछ तुम्हें भगवान से मिल जाता है तो तुम क्या करते हो और इसी ने मुझे आगे काम करने की और प्रेरणा दी.

आर्थिक मंदी के दौर पर बॉलीवुड में इसके असर पर विशाल कहते हैं कि सुख हो या दुख लोग म्यूजिक सुनना कभी नहीं छोड़ते क्योंकि म्यूजिक फीलिंग्स के साथ जुड़ा होता है और इसलिए आर्थिक से ज्यादा हमारा काम आर्टिस्टिक होता है तो मैं यह मानता हूं कि जब तक आप जिंदा है तब तक म्यूजिक भी जिंदा रहेगा और आर्थिक मंदी का इस पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

इंडियन आइडल का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. इसके बारे में विशाल कहते हैं कि इस बार अलग-अलग जगहों से कई ऐसी प्रतिभाएं आई है जिनके पास बेहद शानदार आवाज है तो हम यह अपील जरूर करना चाहेंगे कि आप इसे देखें और खुद जज करें कि किस की आवाज में कितना दम है.




लखनऊ: गायकी एक ऐसा शौक है, जो भावनाओं से जुड़ा होता है. वहीं, अब गायकी का शौक प्रतियोगिता का रूप ले चुका है. टीवी पर तमाम ऐसे रियालिटी शो हैं, जो संगीत में दिलच्सपी रखने वाले हर युवा को भी गायकी के ऊंचे मकाम तक पहुंचा देते हैं. हाल ही में इंडियन आईडल सिंगिंग रियलिटी शो का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. अशोक एजाज और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी आज नवाबों की नगरी लखनऊ में आए थे.


ईटीवी भारत से खास बातचीत में विशाल ददलानी ने कई बातों पर अपनी बेबाक राय रखी. इन दौरान विशाल ने अपने करियर की शुरुआत यानी पेंटाग्राम बैंड से लेकर आर्थिक मंदी तक के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए. लखनऊ के बारे में विशाल कहते हैं कि लखनऊ आ कर दिल खुश हो जाता है. यहां पर तहजीब मिलती है एक बेहतरीन स्वाद मिलता है लोगों का खूब सारा प्यार मिलता है एक आर्टिस्ट के लिए इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती.

अपने बैंड पेंटाग्राम के बारे में विशाल कहते हैं कि 1994 में जब मैंने अपने इलेक्ट्रो बैंड पेंटाग्राम की शुरुआत की थी तब मैंने जाना था की गायकी को लेकर भी आगे काम किया जा सकता है क्योंकि लोग इसे अपनी भावनाओं से जोड़ते हैं. इसके बाद ही मैंने म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखने का निश्चय किया इसलिए मेरे लिए पेंटाग्राम और कानपुर लखनऊ जैसी जगह बेहद खास है. पेंटाग्राम के बाद ही मुझे म्यूजिक इंडस्ट्री में एक पहचान भी मिली थी इसलिए मैं कह सकता हूं कि कानपुर आना मेरे लिए लकी रहा.

ईटीवी भारत से म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी की खास मुलाकात

इंडियन आइडल में जज के रूप में काम करने के दौरान एक बार विशाल ने कहा था कि वह नास्तिक है. इस सवाल पर वह कहते हैं कि शुरुआत से तो नहीं कहूंगा पर हां जब मैं काम करता गया और धीरे-धीरे एक समझ बढ़ती गई तो पता चला कि मेहनत भी कोई चीज होती है, जिसके बलबूते पर हम आगे आते हैं और नास्तिक होने की कहानी मेरी काफी लंबी है. शॉर्ट में यह कहना चाहूंगा कि किसी बेहद बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि यदि सब कुछ तुम्हें भगवान से मिल जाता है तो तुम क्या करते हो और इसी ने मुझे आगे काम करने की और प्रेरणा दी.

आर्थिक मंदी के दौर पर बॉलीवुड में इसके असर पर विशाल कहते हैं कि सुख हो या दुख लोग म्यूजिक सुनना कभी नहीं छोड़ते क्योंकि म्यूजिक फीलिंग्स के साथ जुड़ा होता है और इसलिए आर्थिक से ज्यादा हमारा काम आर्टिस्टिक होता है तो मैं यह मानता हूं कि जब तक आप जिंदा है तब तक म्यूजिक भी जिंदा रहेगा और आर्थिक मंदी का इस पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

इंडियन आइडल का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है. इसके बारे में विशाल कहते हैं कि इस बार अलग-अलग जगहों से कई ऐसी प्रतिभाएं आई है जिनके पास बेहद शानदार आवाज है तो हम यह अपील जरूर करना चाहेंगे कि आप इसे देखें और खुद जज करें कि किस की आवाज में कितना दम है.




Intro:लखनऊ। गायकी एक ऐसा शौक है जो भावनाओं से जुड़ा होता है और अब गायकी का शौक प्रतियोगिता का रूप ले चुका है। टीवी पर तमाम ऐसे रियालिटी शो जाते हैं जो एक आम देखने वाले युवा को भी गायकी के ऊंचे मकाम तक पहुंचा देते हैं। हाल ही में इंडियन आईडल सिंगिंग रियलिटी शो का 11वां सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है अशोक एजाज और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी आज नवाबों की नगरी आए थे।


Body:वीओ
ईटीवी भारत से खास बातचीत में विशाल ददलानी ने कई बातों पर अपनी बेबाक राय रखी। इन बातों में अपने करियर की शुरुआत यानी पेंटाग्राम बैंड से लेकर आर्थिक मंदी तक के मुद्दे शामिल रहे।

लखनऊ के बारे में विशाल कहते हैं कि लखनऊ आ कर दिल खुश हो जाता है यहां पर तहजीब मिलती है एक बेहतरीन स्वाद मिलता है लोगों का खूब सारा प्यार मिलता है एक आर्टिस्ट के लिए इससे अच्छी बात कुछ नहीं हो सकती।

विशाल एक म्यूजिक कंपोजर एक गायक और एक म्यूजिक राइटर भी हैं इस दवा कहते हैं कि इन तीनों में से किसी एक को चंपा ना मेरे लिए काफी कठिन है क्योंकि मैं इन तीनों में ही श्रेष्ठ नहीं हूं मैं बस इन तीनों के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश किया करता हूं।

अपने बैंड पेंटाग्राम के बारे में विशाल कहते हैं कि 1994 में जब मैंने अपने इलेक्ट्रो बैंड पेंटाग्राम की शुरुआत की थी तब मैंने जाना था की गायकी को लेकर भी आगे काम किया जा सकता है क्योंकि लोग इसे अपनी भावनाओं से जोड़ते हैं और इसके बाद ही मैंने म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखने का निश्चय किया इसलिए मेरे लिए पेंटाग्राम और कानपुर लखनऊ जैसी जगह मेरे लिए काफी खास है पेंटाग्राम के बाद ही मुझे म्यूजिक इंडस्ट्री में एक पहचान भी मिली थी इसलिए मैं कह सकता हूं कि कानपुर आना मेरे लिए लकी रहा।

इंडियन आइडल में जज करने के दौरान विशाल ने कहा था कि वह नास्तिक है इस सवाल पर वह कहते हैं कि शुरुआत से तो नहीं कहूंगा पर हां जब मैं काम करता गया और धीरे-धीरे एक समझ बढ़ती गई तो पता चला कि मेहनत भी कोई चीज होती है जिसके बलबूते पर हम आगे आते हैं और नास्तिक होने की कहानी मेरी काफी लंबी है। शॉर्ट में यह कहना चाहूंगा कि किसी बेहद बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि यदि सब कुछ तुम्हें भगवान से मिल जाता है तो तुम क्या करते हो और इसी ने मुझे आगे काम करने की और प्रेरणा दी।

आर्थिक मंदी के दौर पर बॉलीवुड में इसके असर पर विशाल कहते हैं कि सुख हो या दुख लोग म्यूजिक सुनना कभी नहीं छोड़ते क्योंकि म्यूजिक फीलिंग्स के साथ जुड़ा होता है और इसलिए आर्थिक से ज्यादा हमारा काम आर्टिस्टिक होता है तो मैं यह मानता हूं कि जब तक आज जिंदा है तब तक म्यूजिक भी जिंदा रहेगा और आर्थिक मंदी का इस पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।



Conclusion:इंडियन आइडल का 11 वा सीजन 12 अक्टूबर से शुरू होने वाला है इसके बारे में विशाल कहते हैं कि इस बार अलग-अलग जगहों से कई ऐसी प्रतिभाएं आई है जिनके पास बेहद शानदार आवाज है और बेहद शानदार हुनर है तो हम यह अपील जरूर करना चाहेंगे कि आप इसे देखें और खुद जज करें कि किस की आवाज में कितना दम है जो एक देश एक आवाज की थीम पर खरा उतरेगा।


म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी के साथ ईटीवी भारत का खास इंटरव्यू

रामांशी मिश्रा
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