जोधपुर: इरफान खान की बहुत सी यादें जोधपुर से भी यादें जुड़ी थीं. जोधपुर अभिनेता का ननिहाल था. वहीं अभिनेता के मामा ने बताया कि इरफान को सदमा न लगे इसलिए उन्हें मां की इंतकाल की खबर नहीं दी गई थी.
शहर के भीतरी इलाके के जालप मोहल्ले में इरफान के ननिहाल का पुश्तैनी मकान है. उनके मामा डॉ. साजिद निसार उनके दोस्त की तरह ही थे. वे बताते हैं कि वह जब भी इरफान जोधपुर आते थे तो घर आना नहीं भूलते थे. घर पर ही अपनी पसंद का जोधपुरी खाना खाते थे.
मां के इंतकाल के दूसरे दिन ही इरफान की तबियत भी बिगड़ गई और उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था.
इरफान के मामा का कहना है कि वे लगातार अभिनेता से संपर्क में थे. किसी ने ऐसा नहीं सोचा था कि वह जितनी जल्दी सबको छोड़कर दूर चले जाएंगे.
डॉ. साजिद बताते है कि इरफान ने जोधपुर में खूब पतंगे उड़ाई हैं. फरवरी 2018 में वह जब जैसलमेर शूटिंग के लिए आए थे तो घर पर आए और सबसे मिलकर गए. उसके बाद फोन पर ही संपर्क रहा.
इरफान के मामा का कहना है कि वह थियेटर से जुड़े. जिसके बाद अभिनेता भी थियेटर से जुड़े. डॉक्टर साजिद का कहना है कि इरफान को जब एनएसडी में एडमिशन लेना था तो जोधपुर की संगीत नाटक अकादमी से ही प्रमाण पत्र मिला था.
वे बताते हैं कि इरफान जोधपुर के कलाकरों की बहुत इज्जत किया करते थे. फिल्म से जुड़े होने से पहले ही वो उनके साथ थियेटर देखने जाते थे. इरफान की जोधपुर में सबके साथ यादें जुड़ी हैं. फिल्मों में आने से पहले भी वह समय-समय पर जोधपुर आते और अपनी नानी और सभी से मिलते थे लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह इतनी जल्दी रुखसत हो जाएंगे.
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इरफान ने आखिरी बार होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित फिल्म अंग्रेजी मीडियम में स्क्रीन पर नजर आए थे. फिल्म में उनकी परफॉरमेंस की खूब तारीफें की गईं. राधिका मदान, दीपक डोबिरियाल और करीना कपूर खान उनके आखिरी को-स्टार थे.