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भारत देश महिलाओं के लिए नहीं: अनुष्का शंकर

बीते दिनों ही हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बर्बर गैंगरेप कर हत्या कर दी गई. इस पर पूरे देश में आक्रोश है. इसी कड़ी में इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सितार वादक अनुष्का शंकर ने कहा है कि भारत "देश महिलाओं के लिए नहीं" है.

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Sitar player and composer Anoushka Shankar
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Published : Dec 4, 2019, 10:25 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 10:57 PM IST

मुंबई: सितार वादक और संगीतकार अनुष्का शंकर ने हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बर्बर गैंगरेप और हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत "देश महिलाओं के लिए नहीं" है.

बलात्कार को एक वैश्विक महामारी कहते हुए, संगीतकार ने ट्वीट किया: "यह एक वैश्विक महामारी है. और भारत विशेष रूप से महिलाओं के लिए कोई देश नहीं है. और मैं क्रोधित हूँ. और मैं स्तब्ध हूँ. और मुझे नहीं पता कि क्या करना है. मैं चीखना चाहती हूं और फिर भी एक बार के लिए मैं आवाज हीन महसूस करती हूं. क्योंकि कुछ भी परिवर्तन नहीं ** ** होता है और हर दिन हर मिनट महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है."

  • This is a global epidemic. And India in particular is no country for women. And I’m enraged. And I’m numb. And I don’t know what to keep doing. I want to scream and yet for once I feel voiceless. Because nothing fucking changes and women are being raped every minute every day

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अनुष्का ने क्रूर घटना पर अपना दर्द और गुस्सा निकालते हुए कई ट्वीट् किए और एक बार फिर ध्यान दिलाया कि इस तरह की घटनाएं हमारे देश में कैसे होती रहती हैं और फिर भी कुछ नहीं बदलता है.
  • around the world and people still ask us what we were wearing or why we traveled alone at night instead of teaching boys and men to see us as humans and to stop fucking touching us and entering us without our consent. #priyankareddy #violenceagainstwomen #india

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
2012 के दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले के बारे में सभी को याद दिलाते हुए, अनुष्का ने लिखा: "लगभग सात साल पहले, दुनिया ने भयानक रूप से क्रूर सामूहिक बलात्कार और ज्योति सिंह पांडे की हत्या पर एक साथ शोक व्यक्त किया. 2004 की सूनामी के बाद पृथ्वी की धुरी कैसे बदल गई. मैने महसूस किया कि इस वक्त सब भावनात्मक हो गए.
  • Nearly seven years ago to the day, the world mourned together over the horrifically brutal gang rape and murder of Jyoti Singh Pandey. Just how the earth’s axis changed after the 2004 tsunami, I felt an emotional axis bend at this point in time.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
उन्होंने आगे कहा: "उसके हमले से मेरी खुद की जिंदगी बदल गई. यह मेरे लिए हाल के वर्षों में देखी गई महिला आंदोलनों की वास्तविक शुरुआत थी।. मैंने अपने शरीर में उसके हमले को महसूस किया और अपने खुद के यौन शोषण के बारे में एक वीडियो साझा किया. यह बदलाव की मांग करते हुए गुस्से और दर्द में महिलाओं की लहर का हिस्सा था."
  • My own life changed with her attack. This to me was the real beginning of the women’s movements we’ve seen in recent years. I felt her attack in my own body and ended up sharing a video about my own sexual abuse. This was part of a wave of women in rage and pain demanding change.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
हालांकि, सितार वादक महसूस करती हैं. कि नए कानूनों को लागू करने और नई अदालतों को स्थापित करने के बावजूद, हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा का दृश्य अपरिवर्तित है. उन्होंने ट्वीट किया: "भारत ने नए कानून बनाए और नई अदालतों की स्थापना की और लोगों ने न्याय की मांग की. और फिर भी ... बदलाव कहां है? इस सप्ताह (हैदराबाद पीड़िता), गैंगरेप और जलाकर हत्या कर दी गई. पिछले साल में आठ साल के बच्चों और बारह साल के बच्चों के साथ जो हुआ उस पर अकेले बैठकर रो रही थीं.
  • India made new laws and set up new courts and people demanded justice.
    And yet... Where is the change? This week it was Priyanka Reddy, gangraped and burnt and murdered. In the last year alone I’ve cried over eight year olds and twelve year olds meeting similar fates.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अनुष्का ने जहां हैदराबाद की घटना के बारे में जानने के बाद उनपर गुजर रही गहरी पीड़ा और स्तब्धता की भावना व्यक्त की है, वहीं गायिका सोना मोहापात्रा और फिल्म निर्माता अलंकृता श्रीवास्तव ने ऐसे अपराधों के लिए भारतीय समाज पर हावी होने वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता को दोषी ठहराया है.अलंकृता ने कहा: "हमारे देश में गलत व्यवहार को स्वीकार किया जाता है, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सामान्य माना जाता है और पितृसत्ता महिलाओं के खिलाफ अपराधों को प्रोत्साहित करती है".सोना को लगता है कि समाज महिलाओं के प्रति अनावश्यक रूप से उपदेश देता है, जिन्हें लगातार कहा जाता है "कैसे व्यवहार करें, क्या पहनें, किस समय तक घर आ जाएं".

मुंबई: सितार वादक और संगीतकार अनुष्का शंकर ने हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बर्बर गैंगरेप और हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत "देश महिलाओं के लिए नहीं" है.

बलात्कार को एक वैश्विक महामारी कहते हुए, संगीतकार ने ट्वीट किया: "यह एक वैश्विक महामारी है. और भारत विशेष रूप से महिलाओं के लिए कोई देश नहीं है. और मैं क्रोधित हूँ. और मैं स्तब्ध हूँ. और मुझे नहीं पता कि क्या करना है. मैं चीखना चाहती हूं और फिर भी एक बार के लिए मैं आवाज हीन महसूस करती हूं. क्योंकि कुछ भी परिवर्तन नहीं ** ** होता है और हर दिन हर मिनट महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है."

  • This is a global epidemic. And India in particular is no country for women. And I’m enraged. And I’m numb. And I don’t know what to keep doing. I want to scream and yet for once I feel voiceless. Because nothing fucking changes and women are being raped every minute every day

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अनुष्का ने क्रूर घटना पर अपना दर्द और गुस्सा निकालते हुए कई ट्वीट् किए और एक बार फिर ध्यान दिलाया कि इस तरह की घटनाएं हमारे देश में कैसे होती रहती हैं और फिर भी कुछ नहीं बदलता है.
  • around the world and people still ask us what we were wearing or why we traveled alone at night instead of teaching boys and men to see us as humans and to stop fucking touching us and entering us without our consent. #priyankareddy #violenceagainstwomen #india

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
2012 के दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले के बारे में सभी को याद दिलाते हुए, अनुष्का ने लिखा: "लगभग सात साल पहले, दुनिया ने भयानक रूप से क्रूर सामूहिक बलात्कार और ज्योति सिंह पांडे की हत्या पर एक साथ शोक व्यक्त किया. 2004 की सूनामी के बाद पृथ्वी की धुरी कैसे बदल गई. मैने महसूस किया कि इस वक्त सब भावनात्मक हो गए.
  • Nearly seven years ago to the day, the world mourned together over the horrifically brutal gang rape and murder of Jyoti Singh Pandey. Just how the earth’s axis changed after the 2004 tsunami, I felt an emotional axis bend at this point in time.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
उन्होंने आगे कहा: "उसके हमले से मेरी खुद की जिंदगी बदल गई. यह मेरे लिए हाल के वर्षों में देखी गई महिला आंदोलनों की वास्तविक शुरुआत थी।. मैंने अपने शरीर में उसके हमले को महसूस किया और अपने खुद के यौन शोषण के बारे में एक वीडियो साझा किया. यह बदलाव की मांग करते हुए गुस्से और दर्द में महिलाओं की लहर का हिस्सा था."
  • My own life changed with her attack. This to me was the real beginning of the women’s movements we’ve seen in recent years. I felt her attack in my own body and ended up sharing a video about my own sexual abuse. This was part of a wave of women in rage and pain demanding change.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
हालांकि, सितार वादक महसूस करती हैं. कि नए कानूनों को लागू करने और नई अदालतों को स्थापित करने के बावजूद, हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा का दृश्य अपरिवर्तित है. उन्होंने ट्वीट किया: "भारत ने नए कानून बनाए और नई अदालतों की स्थापना की और लोगों ने न्याय की मांग की. और फिर भी ... बदलाव कहां है? इस सप्ताह (हैदराबाद पीड़िता), गैंगरेप और जलाकर हत्या कर दी गई. पिछले साल में आठ साल के बच्चों और बारह साल के बच्चों के साथ जो हुआ उस पर अकेले बैठकर रो रही थीं.
  • India made new laws and set up new courts and people demanded justice.
    And yet... Where is the change? This week it was Priyanka Reddy, gangraped and burnt and murdered. In the last year alone I’ve cried over eight year olds and twelve year olds meeting similar fates.

    — Anoushka Shankar (@ShankarAnoushka) December 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
अनुष्का ने जहां हैदराबाद की घटना के बारे में जानने के बाद उनपर गुजर रही गहरी पीड़ा और स्तब्धता की भावना व्यक्त की है, वहीं गायिका सोना मोहापात्रा और फिल्म निर्माता अलंकृता श्रीवास्तव ने ऐसे अपराधों के लिए भारतीय समाज पर हावी होने वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता को दोषी ठहराया है.अलंकृता ने कहा: "हमारे देश में गलत व्यवहार को स्वीकार किया जाता है, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सामान्य माना जाता है और पितृसत्ता महिलाओं के खिलाफ अपराधों को प्रोत्साहित करती है".सोना को लगता है कि समाज महिलाओं के प्रति अनावश्यक रूप से उपदेश देता है, जिन्हें लगातार कहा जाता है "कैसे व्यवहार करें, क्या पहनें, किस समय तक घर आ जाएं".
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मुंबई: सितार वादक और संगीतकार अनुष्का शंकर ने हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बर्बर गैंगरेप और हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत "देश महिलाओं के लिए नहीं" है.

बलात्कार को एक वैश्विक महामारी कहते हुए, संगीतकार ने ट्वीट किया: "यह एक वैश्विक महामारी है. और भारत विशेष रूप से महिलाओं के लिए कोई देश नहीं है. और मैं क्रोधित हूँ. और मैं स्तब्ध हूँ. और मुझे नहीं पता कि क्या करना है. मैं चीखना चाहती हूं और फिर भी एक बार के लिए मैं आवाज हीन महसूस करती हूं. क्योंकि कुछ भी परिवर्तन नहीं ** ** होता है और हर दिन हर मिनट महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है."

अनुष्का ने क्रूर घटना पर अपना दर्द और गुस्सा निकालते हुए कई ट्वीट् किए और एक बार फिर ध्यान दिलाया कि इस तरह की घटनाएं हमारे देश में कैसे होती रहती हैं और फिर भी कुछ नहीं बदलता है.

2012 के दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले के बारे में सभी को याद दिलाते हुए, अनुष्का ने लिखा: "लगभग सात साल पहले, दुनिया ने भयानक रूप से क्रूर सामूहिक बलात्कार और ज्योति सिंह पांडे की हत्या पर एक साथ शोक व्यक्त किया. 2004 की सूनामी के बाद पृथ्वी की धुरी कैसे बदल गई. मैने महसूस किया कि इस वक्त सब भावनात्मक हो गए.

उन्होंने आगे कहा: "उसके हमले से मेरी खुद की जिंदगी बदल गई. यह मेरे लिए हाल के वर्षों में देखी गई महिला आंदोलनों की वास्तविक शुरुआत थी।. मैंने अपने शरीर में उसके हमले को महसूस किया और अपने खुद के यौन शोषण के बारे में एक वीडियो साझा किया. यह बदलाव की मांग करते हुए गुस्से और दर्द में महिलाओं की लहर का हिस्सा था."

हालांकि, सितार वादक महसूस करती हैं. कि नए कानूनों को लागू करने और नई अदालतों को स्थापित करने के बावजूद, हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा का दृश्य अपरिवर्तित है.  

उन्होंने ट्वीट किया: "भारत ने नए कानून बनाए और नई अदालतों की स्थापना की और लोगों ने न्याय की मांग की. और फिर भी ... बदलाव कहां है? इस सप्ताह (हैदराबाद पीड़िता), गैंगरेप और जलाकर हत्या कर दी गई. पिछले साल में आठ साल के बच्चों और बारह साल के बच्चों के साथ जो हुआ उस पर अकेले बैठकर रो रही थीं.

अनुष्का ने जहां हैदराबाद की घटना के बारे में जानने के बाद उनपर गुजर रही गहरी पीड़ा और स्तब्धता की भावना व्यक्त की है, वहीं गायिका सोना मोहापात्रा और फिल्म निर्माता अलंकृता श्रीवास्तव ने ऐसे अपराधों के लिए भारतीय समाज पर हावी होने वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता को दोषी ठहराया है.

अलंकृता ने कहा: "हमारे देश में गलत व्यवहार को स्वीकार किया जाता है, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सामान्य माना जाता है और पितृसत्ता महिलाओं के खिलाफ अपराधों को प्रोत्साहित करती है".

सोना को लगता है कि समाज महिलाओं के प्रति अनावश्यक रूप से उपदेश देता है, जिन्हें लगातार कहा जाता है "कैसे व्यवहार करें, क्या पहनें, किस समय तक घर आ जाएं".


Conclusion:
Last Updated : Dec 4, 2019, 10:57 PM IST
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