मुंबई : 1984 में मिस इंडिया का खिताब अपने नाम करने के बाद 1986 में फिल्म 'सल्तनत' से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत करने वाली अभिनेत्री जूही चावला आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं.
जूही चावला 90के दशक की सुपरहिट एक्ट्रेसेस में से एक हैं, जो आज भी सबकी पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक हैं.
हालांकि जूही की फिल्म 'सल्तनत' बॉक्स ऑफिस पर तो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन उनकी एक्टिंग को खूब पसंद किया गया.
1984 में मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद जूही ने जब फिल्म जगत में प्रवेश किया था उस समय इंडस्ट्री में पहली महिला सुपरस्टार के रूप में दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी का राज चल रहा था.
इसी के साथ माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर और काजोल को इंडस्ट्री में बड़ी टक्कर देते हुए जूही ने अपनी एक खास पहचान बनाई.
'सल्तनत' के बाद जूही की 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'कयामत से कयामत तक' उनके करियर में टर्निंग पॉइंट साबित हुई और उसके बाद जूही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगभग दो दशक तक सिल्वर स्क्रिन पर जूही चावला का जलवा कायम रहा.
उनकी शानदार फिल्मोग्राफी हिंदी सिनेमा में उनकी सफलता की गवाही है, जिससे हर कोई वाकिफ है. जूही ने अपने करियर में दो फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त किये हैं.
फिल्म निर्माताओं ने जूही की प्रतिभा और एक अभिनेत्री के रूप में उनकी ईमानदारी की खूब प्रशंसा की. लेकिन एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि उनके जीवन में यह सब कुछ बाई चांस होता गया. लेकिन हां, उन्हें इस बात का अंदाजा भी था कि बिना मेहनत और लगन के सफलता कभी नहीं मिलती.
जूही को स्पष्ट रूप से पता था कि लोग उनसे प्यार करते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का एहसास भी था कि एक अभिनेत्री के रूप में गंभीरता से लेने के लिए दर्शकों और आलोचकों को कोई ना कोई कारण देने की जरूरत है. जूही उन सितारों में से एक हैं जो इस तथ्य को स्वीकार करने से नहीं कतरातीं कि उन्होंने अपने करियर में क्या गलत चुनाव किए और कैसे सफलता के झंडे गाड़ दिए.
यश चोपड़ा की 1993 में रिलीज़ हुई फिल्म 'डर' की जबरदस्त सफलता के बाद, जो कि बॉक्स ऑफिस पर उनकी लगातार चौथी हिट फिल्म थी. जूही ने केवल रोमांटिक और व्यावसायिक भूमिकाएं करने के लिए खुद को सीमित करना शुरू कर दिया. जिससे नए एक्सपेरिमेंट की कोई गुंजाइश नहीं बची. लेकिन, उन्हें जल्द ही अपनी गलतियों का एहसास हो गया.
जूही का लंबे समय तक शीर्ष पर रहने का एक और कारण यह भी है कि उन्होंने कभी भी नंबर वन बनने का लक्ष्य नहीं रखा. एक पुराने इंटरव्यू में अभिनेत्री ने कहा था कि एक एक्टर को हमेशा टॉप पर बने रहने के साथ ही अपनी उस पोजिशन को खोने का डर भी रहता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. एक एक्टर को केवल अच्छा काम करने पर ध्यान देना चाहिए.
2000 के दशक में जूही ने स्वतंत्र और कला फिल्मों में शानदार प्रदर्शन किया. ऑडियंस और आलोचक जूही के बेहतरीन प्रदर्शन का जश्न मनाने के लिए एकजुट थे क्योंकि उन्होंने 'झंकार बीट्स', 'माई ब्रदर निखिल', '3 डेवेरिन' और 'आई एम' जैसी फिल्मों के साथ दूसरी पारी की शुरुआत की.
लंबे समय बाद लौटने पर अभिनेत्री ने एक नई पहचान विकसित की. 2019 की रिलीज फिल्म 'एक लड़की तो देखा तो ऐसा लगा' से वह अपने कॉमिक कम्फर्ट जोन में वापस आ गईं.
बता दें कि जूही चावला ने 1995 में बिजनेसमैन जय मेहता संग शादी की थी. उनके दो बच्चे भी हैं-अर्जुन और जहान्वी. जय मेहता और जूही चावला इंडियन प्रीमियर लीग टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक हैं, जिन्होंने शाहरुख खान के साथ अपनी कंपनी रेड मिर्च एंटरटेनमेंट के तहत भागीदारी की. उनके भाई बॉबी चावला लाल मिर्च एंटरटेनमेंट के सीईओ थे.
ईटीवी भारत सितारा की तरफ से जूही चावला को जन्मदिन की ढेर सारी शुभाकामनाएं