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आलोक नाथ हो सकते हैं रेप चार्जेस से बरी!

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Published : Aug 12, 2019, 4:24 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 6:31 PM IST

10 महीने पहले इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज कलाकारों पर 'मीटू' के तहत संगीन आरोप लगे. इन्हीं कलाकारों में एक्टर आलोक नाथ का भी नाम शामिल था, लेकिन 10 महीने बाद लगता है कि एक्टर पर लगे चार्जेस हट सकते हैं. जानिए क्यों...

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मुंबईः एक्टर आलोक नाथ जो रेप केस में आयुक्त हैं, हो सकता है कि पुलिस के पास सबूतों की कमी की वजह से रेप चार्जेस से बरी हो जाएं.

10 महीने पहले, जब मीटू मोमेंट अपने उरुज पर था, तब स्क्रीनराइटर और प्रोडयूसर विंता नंदा ने एक्टर के खिलाफ ओशिवारा पुलिस स्टेशन में केस फाइल किया था. एक्टर ने अक्टूबर 2018 में स्क्रीनराइटर द्वारा कथित तौर पर किया गया ड्रामा अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था.

पढ़ें- 'दे दे प्यार दे' में आलोक नाथ को देख तनुश्री दत्ता का अजय पर फूटा गुस्सा!...

एक्टर पर आईपीसी के सेक्शन 376 के तहत चार्जेस लगाए गए थे. लेटेस्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि ओशिवारा पुलिस केस की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर सकती है. जिसमें एक्टर के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की स्थिति में चार्जशीट नहीं दाखिल की जा सकती है, जैसी दलील हो सकती है.

मिड-डे की रिपोर्ट ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर के कथन को कोट किया, हमने विक्टिम का विस्तृत कथन रिकॉर्ड किया है. दो गवाहों को कई बार पुलिस स्टेशन बी बुलवाया गया लेकिन गवाहों ने अपना स्टेटमेंट दर्ज नहीं कराया.

अपने बचाव में आलोक नाथ ने एक शिकायत के खिलाफ काउंटर डिफेमेशन का केस किया और मांग की थी कि महिला की तरफ से माफीनामे के साथ एक रूपये का मुआवजा भी दिया जाए.

मुंबईः एक्टर आलोक नाथ जो रेप केस में आयुक्त हैं, हो सकता है कि पुलिस के पास सबूतों की कमी की वजह से रेप चार्जेस से बरी हो जाएं.

10 महीने पहले, जब मीटू मोमेंट अपने उरुज पर था, तब स्क्रीनराइटर और प्रोडयूसर विंता नंदा ने एक्टर के खिलाफ ओशिवारा पुलिस स्टेशन में केस फाइल किया था. एक्टर ने अक्टूबर 2018 में स्क्रीनराइटर द्वारा कथित तौर पर किया गया ड्रामा अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था.

पढ़ें- 'दे दे प्यार दे' में आलोक नाथ को देख तनुश्री दत्ता का अजय पर फूटा गुस्सा!...

एक्टर पर आईपीसी के सेक्शन 376 के तहत चार्जेस लगाए गए थे. लेटेस्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि ओशिवारा पुलिस केस की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर सकती है. जिसमें एक्टर के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की स्थिति में चार्जशीट नहीं दाखिल की जा सकती है, जैसी दलील हो सकती है.

मिड-डे की रिपोर्ट ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर के कथन को कोट किया, हमने विक्टिम का विस्तृत कथन रिकॉर्ड किया है. दो गवाहों को कई बार पुलिस स्टेशन बी बुलवाया गया लेकिन गवाहों ने अपना स्टेटमेंट दर्ज नहीं कराया.

अपने बचाव में आलोक नाथ ने एक शिकायत के खिलाफ काउंटर डिफेमेशन का केस किया और मांग की थी कि महिला की तरफ से माफीनामे के साथ एक रूपये का मुआवजा भी दिया जाए.

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आलोक नाथ हो सकते हैं रेप चार्जेस से बरी!

मुंबईः एक्टर आलोक नाथ जो रेप केस में आयुक्त हैं, हो सकता है कि पुलिस के पास सबूतों की कमी की वजह से रेप चार्जेस से बरी हो जाएं.

10 महीने पहले, जब मीटू मोमेंट अपने उरुज पर था, तब स्क्रीनराइटर और प्रोडयूसर विंता नंदा ने एक्टर के खिलाफ ओशिवारा पुलिस स्टेशन में केस फाइल किया था. एक्टर ने अक्टूबर 2018 में स्क्रीनराइटर द्वारा कथित तौर पर किया गया ड्रामा अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था.

एक्टर पर आईपीसी के सेक्शन 376 के तहत चार्जेस लगाए गए थे. लेटेस्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि ओशिवारा पुलिस केस की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर सकती है. जिसमें एक्टर के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की स्थिति में चार्जशीट नहीं दाखिल की जा सकती है, जैसी दलील हो सकती है.

मिड-डे की रिपोर्ट ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर के कथन को कोट किया, हमने विक्टिम का विस्तृत कथन रिकॉर्ड किया है. दो गवाहों को कई बार पुलिस स्टेशन बी बुलवाया गया लेकिन गवाहों ने अपना स्टेटमेंट दर्ज नहीं कराया.

अपने बचाव में आलोक नाथ ने एक शिकायत के खिलाफ काउंटर डिफेमेशन का केस किया और मांग की थी कि महिला की तरफ से माफीनामे के साथ एक रूपये का मुआवजा भी दिया जाए.


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Last Updated : Sep 26, 2019, 6:31 PM IST
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