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AI chatbots के बारे में सरकार ने कही ये बात, जानिए डिजिटल अर्थव्यवस्था में क्या है इसकी भूमिका

मंत्रालय ने अपने उत्तर में बताया कि उसने एआई तथा अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसर तलाशने के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाए हैं. मंत्री ने कहा था, AI से निश्चित रूप से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और व्यापार अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा. IT ministry . AI chatbots

IT ministry says no regulations on AI chatbots
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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Published : Apr 6, 2023, 1:05 PM IST

नई दिल्ली : देश में AI chatbots की बढ़ती परिपाटी के बीच सरकार ने कहा है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- AI के विस्तार को रोकने के लिए कानून बनाने या इसे विनियमित करने पर विचार नहीं कर रही है. लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में Ministry of Electronics and Information Technology ( इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ) ने बताया कि वह AI को देश तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देखती है.

सरकार ने जून 2018 में Artificial Intelligence के लिए राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की थी. इस रणनीति में एआई से जुड़े अनुसंधान और इसे अपनाने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की बात कही गई है. मंत्रालय ने अपने उत्तर में बताया कि उसने एआई तथा अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसर तलाशने के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाए हैं. मंत्रालय ने कहा कि ये सेंटर स्टार्टअप को प्रीमियम प्लग-एंड-प्ले को-वर्किं ग स्पेस और परिवेश उपलब्ध कराते हैं जहां अलग-अलग स्टार्टअप एक ही जगह पर काम कर सकते हैं. भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( GPAI ) का संस्थापक सदस्य भी है.

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ( Minister of State Rajeev Chandrasekhar ) ने आईएएनएस को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि सरकार का लक्ष्य देश को एआई का वैश्विक पावर हाउस बनाना है. इसके लिए सिर्फ विदेशी चैटबॉट्स को जोड़ना काफी नहीं है; करोड़ों नागरिकों के सशक्तीकरण के लिए अगली पीढ़ी के एआई आधारित नवाचार की जरूरत होगी. मंत्री ने कहा था, एआई से निश्चित रूप से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और व्यापार अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा.

एआई डिजिटल अर्थव्यवस्था का 'काइनेटिक इनेबलर' (गति प्रदान करने वाला) है. हम एआई में दुनिया का नेतृत्व करना चाहते हैं. नीति आयोग ने भी 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर ऑल' के नाम से पेपर की सीरीज प्रकाशित की है.देश में 1,900 से अधिक एआई केंद्रित स्टार्टअप नवाचारी समाधान प्रदान कर रहे हैं, विशेषकर वार्तालाप संबंधी एआई, एनएलपी (नेचुरल लैग्वेज प्रोसेसिंग), वीडियो एनालिटिक्स, बीमारी का पता लगाने, ठगी रोकने और नकली चीजों की पहचान से संबंधित.

(आईएएनएस)

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सरकार ने जून 2018 में Artificial Intelligence के लिए राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की थी. इस रणनीति में एआई से जुड़े अनुसंधान और इसे अपनाने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की बात कही गई है. मंत्रालय ने अपने उत्तर में बताया कि उसने एआई तथा अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसर तलाशने के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाए हैं. मंत्रालय ने कहा कि ये सेंटर स्टार्टअप को प्रीमियम प्लग-एंड-प्ले को-वर्किं ग स्पेस और परिवेश उपलब्ध कराते हैं जहां अलग-अलग स्टार्टअप एक ही जगह पर काम कर सकते हैं. भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( GPAI ) का संस्थापक सदस्य भी है.

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ( Minister of State Rajeev Chandrasekhar ) ने आईएएनएस को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि सरकार का लक्ष्य देश को एआई का वैश्विक पावर हाउस बनाना है. इसके लिए सिर्फ विदेशी चैटबॉट्स को जोड़ना काफी नहीं है; करोड़ों नागरिकों के सशक्तीकरण के लिए अगली पीढ़ी के एआई आधारित नवाचार की जरूरत होगी. मंत्री ने कहा था, एआई से निश्चित रूप से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और व्यापार अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा.

एआई डिजिटल अर्थव्यवस्था का 'काइनेटिक इनेबलर' (गति प्रदान करने वाला) है. हम एआई में दुनिया का नेतृत्व करना चाहते हैं. नीति आयोग ने भी 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर ऑल' के नाम से पेपर की सीरीज प्रकाशित की है.देश में 1,900 से अधिक एआई केंद्रित स्टार्टअप नवाचारी समाधान प्रदान कर रहे हैं, विशेषकर वार्तालाप संबंधी एआई, एनएलपी (नेचुरल लैग्वेज प्रोसेसिंग), वीडियो एनालिटिक्स, बीमारी का पता लगाने, ठगी रोकने और नकली चीजों की पहचान से संबंधित.

(आईएएनएस)

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