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Brackish Water Problem : IIT की तकनीक से खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम होगा कारगर

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Published : Apr 25, 2023, 11:07 AM IST

इस रिसर्च की बड़ी विशेषता ये है कि खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम कई तरह से कारगर होगा. साथ ही उद्योग जगत में मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं. Brackish Water Problem . Drinking water from Brackish Water .

drinking water from Brackish Water .  IIT Jodhpur new technique desalination system to convert brackish water into drinking water
खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम

नई दिल्ली : आईआईटी के शोधकर्ताओं ने एक तकनीक का पता लगाया है जिसके तहत इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग से ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन हीट ट्रांस्फर की माप की जा सकती है. इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि इस रिसर्च से खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम कई तरह से कारगर होगा. साथ ही उद्योग जगत में मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं. IIT के मुताबिक इस शोध का खास मकसद मल्टीफेज फ्लो में फ्लुइड फ्लो और टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन की परिकल्पना और ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन के दौरान हीट ट्रांस्फर की दर और हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट को मापना था.

IIT के शोधकर्ताओं ने संस्थान में ही मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम तैयार किया है जो लिक्विड गैस फ्लो की टोमोग्राफी और वैक्यूम वाष्पीकरण प्रक्रिया और ब्वाइलिंग सिस्टम से डीसैलिनेशन की कारगर प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा. इस शोध कार्य में IIT Jodhpur में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ हार्दिक कोठाड़िया और डॉ अरुण कुमार और उनके छात्र सर्वजीत सिंह, अरविंद कुमार, बिकाश पटनायक, अनूप एसएल, आस्था गौतम और अन्य फैकल्टी मेंबर, डॉ प्रोद्युत रंजन चक्रवर्ती, डॉ साक्षी धनेकर और डॉ कमलजीत रंगरा शामिल थे.

यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ थर्मल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है. इसमें आंशिक आर्थिक सहयोग रक्षा मंत्रालय ने बतौर टेक्नो कमर्शियल प्रोजेक्ट और थर्मैक्स एसपीएक्स एनर्जी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने दिया है. यह प्रायोगिक शोध फ्लो ब्वाइलिंग के दौरान लोकल हीट ट्रांस्फर प्रेशर ड्रॉप और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर कॉइल ओरिएंटेशन का प्रभाव जानने के लिए किया गया है. इसमें अलग अलग डायमीटर के एसएस 304 ट्यूबों के साथ होरिजोंटल और वर्टिकल ओरिएंटेशन का उपयोग किया गया. शोध के निष्कर्षो से यह सामने आया कि कॉइल्स के ओरिएंटेशन का टू फेज प्रेशर ड्रॉप पर खास प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन वाल टेम्परेचर हीट ट्रांस्फर डिस्ट्रिब्यूशन और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर इसका प्रभाव पड़ा है. शोध में यह देखा गया कि होरिजंटल की तुलना में वर्टिकल ओरिएंटेड होने के मामले में लोकल और एवरेज हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट अधिक था.

स्टीम की गुणवत्ता की माप संभव
IIT Jodhpur के शोध की मुख्य विशेषताएं यह है कि इससे इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग तकनीक से ब्वाइलिंग हीट ट्रांस्फर की माप हो सकती है. खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम जो कई तरह से कारगर होगा. मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से औद्योगिक कार्य में फ्लो मिक्सिंग का अध्ययन हो सकेगा. मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से स्टीम वाटर टू फेज फ्लो के दौरान वाइड फ्रैक्शन और स्टीम की गुणवत्ता की माप संभव हो पाएगी.

उद्योग में मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग
इस शोध की अहमियत बताते हुए IIT Jodhpur के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ हार्दिक कोठाड़िया ने कहा इन्फ्रारेड थर्मल इमेजिंग और मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन और मल्टीफेज फ्लो की परिकल्पना करने की विशिष्ट तकनीकियां हैं. आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार आर. ने बताया कि फ्लुइड फ्लो और फ्लो मिक्सिंग के विश्लेषण के मकसद से उद्योग जगत में मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं. इस शोध का अंतिम लक्ष्य सोलर थर्मल डीसैलिनेशन सिस्टम का विकास करना और विभिन्न औद्योगिक कार्यों में फ्लुइड मिक्सिंग और गैस लिक्विड फ्लो की परिकल्पना करना है. शोधकर्ताओं को यह उम्मीद है कि भविष्य में इस शोध का लाभ लेकर मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम और मल्टी इफेक्ट डिसेलिनेशन सिस्टम विकसित कर पाएंगे. Brackish Water Problem . Drinking water from Brackish Water .

(आईएएनएस)

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नई दिल्ली : आईआईटी के शोधकर्ताओं ने एक तकनीक का पता लगाया है जिसके तहत इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग से ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन हीट ट्रांस्फर की माप की जा सकती है. इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि इस रिसर्च से खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम कई तरह से कारगर होगा. साथ ही उद्योग जगत में मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं. IIT के मुताबिक इस शोध का खास मकसद मल्टीफेज फ्लो में फ्लुइड फ्लो और टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन की परिकल्पना और ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन के दौरान हीट ट्रांस्फर की दर और हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट को मापना था.

IIT के शोधकर्ताओं ने संस्थान में ही मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम तैयार किया है जो लिक्विड गैस फ्लो की टोमोग्राफी और वैक्यूम वाष्पीकरण प्रक्रिया और ब्वाइलिंग सिस्टम से डीसैलिनेशन की कारगर प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा. इस शोध कार्य में IIT Jodhpur में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ हार्दिक कोठाड़िया और डॉ अरुण कुमार और उनके छात्र सर्वजीत सिंह, अरविंद कुमार, बिकाश पटनायक, अनूप एसएल, आस्था गौतम और अन्य फैकल्टी मेंबर, डॉ प्रोद्युत रंजन चक्रवर्ती, डॉ साक्षी धनेकर और डॉ कमलजीत रंगरा शामिल थे.

यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ थर्मल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है. इसमें आंशिक आर्थिक सहयोग रक्षा मंत्रालय ने बतौर टेक्नो कमर्शियल प्रोजेक्ट और थर्मैक्स एसपीएक्स एनर्जी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने दिया है. यह प्रायोगिक शोध फ्लो ब्वाइलिंग के दौरान लोकल हीट ट्रांस्फर प्रेशर ड्रॉप और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर कॉइल ओरिएंटेशन का प्रभाव जानने के लिए किया गया है. इसमें अलग अलग डायमीटर के एसएस 304 ट्यूबों के साथ होरिजोंटल और वर्टिकल ओरिएंटेशन का उपयोग किया गया. शोध के निष्कर्षो से यह सामने आया कि कॉइल्स के ओरिएंटेशन का टू फेज प्रेशर ड्रॉप पर खास प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन वाल टेम्परेचर हीट ट्रांस्फर डिस्ट्रिब्यूशन और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर इसका प्रभाव पड़ा है. शोध में यह देखा गया कि होरिजंटल की तुलना में वर्टिकल ओरिएंटेड होने के मामले में लोकल और एवरेज हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट अधिक था.

स्टीम की गुणवत्ता की माप संभव
IIT Jodhpur के शोध की मुख्य विशेषताएं यह है कि इससे इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग तकनीक से ब्वाइलिंग हीट ट्रांस्फर की माप हो सकती है. खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम जो कई तरह से कारगर होगा. मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से औद्योगिक कार्य में फ्लो मिक्सिंग का अध्ययन हो सकेगा. मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से स्टीम वाटर टू फेज फ्लो के दौरान वाइड फ्रैक्शन और स्टीम की गुणवत्ता की माप संभव हो पाएगी.

उद्योग में मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग
इस शोध की अहमियत बताते हुए IIT Jodhpur के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ हार्दिक कोठाड़िया ने कहा इन्फ्रारेड थर्मल इमेजिंग और मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन और मल्टीफेज फ्लो की परिकल्पना करने की विशिष्ट तकनीकियां हैं. आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार आर. ने बताया कि फ्लुइड फ्लो और फ्लो मिक्सिंग के विश्लेषण के मकसद से उद्योग जगत में मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं. इस शोध का अंतिम लक्ष्य सोलर थर्मल डीसैलिनेशन सिस्टम का विकास करना और विभिन्न औद्योगिक कार्यों में फ्लुइड मिक्सिंग और गैस लिक्विड फ्लो की परिकल्पना करना है. शोधकर्ताओं को यह उम्मीद है कि भविष्य में इस शोध का लाभ लेकर मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम और मल्टी इफेक्ट डिसेलिनेशन सिस्टम विकसित कर पाएंगे. Brackish Water Problem . Drinking water from Brackish Water .

(आईएएनएस)

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