नई दिल्ली: भारत के पहले भू अवलोकन उपग्रह (जीआईएसएटी-1) को कक्षा में स्थापित करने में मिली नाकामी का कारण तरल हाइड्रोजन टैंक में कम दबाव के निर्माण को बताया गया है. एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ.
इसरो द्वारा गठित विफलता विश्लेषण समिति (एफएसी) ने पाया कि एक महत्वपूर्ण वाल्व के सॉफ्ट सील में क्षति हुई, जिसके परिणामस्वरूप रॉकेट के तरल हाइड्रोजन (एलएच 2) टैंक में दबाव कम हो गया और जीआईएसएटी-1 मिशन नाकाम रहा. इसरो ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
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समिति ने पाया कि विफलता तब हुई जब रॉकेट को आगे ले जाने के लिए जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट के क्रायोजेनिक इंजन को चालू किया जा रहा था. जीएसएलवी-एफ-10 रॉकेट ने पिछले साल 12 अगस्त को सामान्य रूप से श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी, लेकिन मिशन को 307 सेकंड बाद रोकना पड़ा क्योंकि प्रक्षेपण यान अपने स्थान से हट गया था.
पीटीआई-भाषा