नई दिल्ली : प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने बुधवार को कहा कि वह भारत में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन उपयोग करने वालों को ‘डिफॉल्ट’ यानी कुछ खोजने पर स्वत: खुलने वाले सर्च इंजन के चयन की अनुमति देगी. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( CCI ) के आदेश के खिलाफ अदालत से कोई राहत नहीं मिलने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है. उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह CCI के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया था. आदेश के तहत गूगल पर अपनी लोकप्रिय ‘एंड्रॉयड’ परिचालन प्रणाली को लेकर दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिये 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
देश में करीब 60 करोड़ स्मार्टफोन में से लगभग 97 प्रतिशत इसी प्रणाली पर चलती है. CCI ने ‘प्ले स्टोर’ नीतियों से जुड़े मामले में भी अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी पर 936 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. गूगल ने एक ब्लॉग में लिखा है, ‘‘हम भारत में स्थानीय कानून और नियमों को गंभीरता से पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं. प्रतिस्पर्धा आयोग का एंड्रॉयड और प्ले स्टोर को लेकर हाल का जो निर्देश है, उससे भारत के लिये उल्लेखनीय बदलाव की जरूरत है. आज हमने सीसीआई को सूचित किया कि हम कैसे उनके निर्देशों का अनुपालन करेंगे.’’ इन बदलावों में मूल उपकरण विनिर्माताओं या स्मार्टफोन बनाने वालों को अपने उपकरणों पर पहले से ‘इंस्टॉलेशन’ के लिये गूगल के अलग-अलग ऐप को लेकर लाइसेंस लेने की स्वतंत्रता शामिल है.
गूगल को दिया था सात दिन का समय
कुछ दिन पहले ही अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने कहा था कि CCI के निष्कर्षों को क्षेत्राधिकार के बिना या प्रकट त्रुटि के साथ नहीं कहा जा सकता है और उन्होंने NCLAT के आदेश की पुष्टि की, जिसने गूगल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. Chief Justice D Y Chandrachud की पीठ ने NCLAT को 31 मार्च तक गूगल की अपील का निस्तारण करने का निर्देश दिया और CCI द्वारा लगाए गए जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए गूगल को सात दिन का समय दिया.
(आईएएनएस)
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