वाशिंगटन : मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि जून 2020 में एक सिख व्यक्ति के 'इंडिया पैलेस' नाम के रेस्तरां में अज्ञात उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की थी और रसोई, भोजन कक्ष व भंडार को नुकसान पहुंचाया था तथा परिसर की दीवारों पर स्प्रे पेंट से 'ट्रंप 2020' और नस्ली टिप्पणियों के साथ घृणा संदेश लिखे थे. खबरों के मुताबिक, इससे रेस्तरां मालिक को करीब एक लाख अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
एक स्थानीय समाचार वेबसाइट के मुताबिक, इस रेस्तरां को 2013 में बलजीत सिंह ने खरीदा था तथा इसका संचालन उनके पुत्र बलजोत करते हैं. सांता फे पुलिस ने इस घटना को आसपास के क्षेत्र में रहने वाले भारतीय समुदाय के प्रति निर्देशित घृणा अपराध करार दिया था.
घटना के 16 महीने बीत जाने के बावजूद अब तक आरोप तय नहीं हुए हैं. पिछले हफ्ते, एफबीआई ने कहा कि वे इंडिया पैलेस रेस्तरां पर हमले के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
अल्बुकर्क एफबीआई डिवीजन के प्रभारी विशेष एजेंट राउल बुजांडा ने कहा, 'इस घटना की गूंज राष्ट्रीय व स्थानीय स्तर पर हुई है. मैं सांता फे पुलिस विभाग को इस मामले में किए गए सभी कार्यों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. हम इंडिया पैलेस में हुई घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को खोजने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
डिप्टी चीफ़ पॉल जॉय ने कहा, 'इस जांच के दौरान हमें एफबीआई से मिली सभी सहायता के लिए सांता फे पुलिस विभाग उनका आभारी है. हम एफबीआई के साथ अपना काम जारी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस बर्बरता के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या व्यक्तियों को न्याय के दायरे में लाया जाए.'
एफबीआई ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा कि जांच के दौरान एकत्र की गई जानकारी के आधार पर, सांता फे पुलिस ने इस बात से इंकार नहीं किया है कि रेस्तरां से जुड़े लोग इस घटना में शामिल हो सकते हैं.
इस घटना की पूरे अमेरिका में व्यापक निंदा हुई थी. इसके बाद देश में पिछले साल नस्ली हमले और विरोध प्रदर्शन में तेजी आ गई थी और मिनियापोलिस में पुलिस की हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की जान चली गई थी.
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(पीटीआई-भाषा)