नई दिल्ली : संसद में केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच खींचतान जारी है. इसी बीच राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार झूठा प्रोपेगेंडा फैला रही है कि विपक्ष संसद के दोनों सदनों में चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार का सहयोग नहीं कर रहा है.
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि ऐसी धारणा बनाई जा रही है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गतिरोध को खत्म करने के लिए विपक्ष के पास पहुंचे थे, लेकिन विपक्ष ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया.
खड़गे ने आरोप लगाया कि किसी नेता ने हमसे संपर्क नहीं किया है. बल्कि हमने रक्षा मंत्री को एक सुझाव दिया था कि उपनेता होने के नाते, उन्हें लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं की एक बैठक बुलानी चाहिए. इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वह कजाकिस्तान से वापस आने के बाद इस पर विचार करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. तो अब हम क्या कर सकते हैं?.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार सांसदों को सत्र से निलंबित करके विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश करेगी, तो इससे वे डरने वाले नहीं है. वे लगातार पेगासस और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को लेकर अपना विरोध जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह झुकेगी नहीं और किसानों के विरोध और पेगासस मामले सहित लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए संघर्ष करती रहेंगें.
खड़गे ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे विपक्षी सांसदों की एक बैठक भी बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल होंगे.
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 8 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक 500 से अधिक किसानों ने अपनी जान गवां दी है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उनके लिए एक शब्द भी नहीं कहा. वे भी भारतीय नागरिक हैं.
बाजवा ने कृषि कानूनों को किसानों का 'डेथ वारंट' करार दिया है. बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार छोटे किसानों की भूमि को कॉरपोरेट्स को देना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. हम इस मामले पर उचित चर्चा चाहते हैं. और जव तक सरकार इसपे राजी नहीं होती है, तब तक हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
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पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.
विपक्षी दल इस बात जोर देते आ रहे हैं कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए गत शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.