ETV Bharat / priya

Google Doodle On Bubble Tea : जानिए बबल टी में क्या है खास, गूगल भी हुआ मुरीद

author img

By

Published : Jan 29, 2023, 6:12 PM IST

गूगल हर दिन देश-दुनिया के किसी खास कला-संस्कृति, आहार, पेय पदार्थ सहित समाज से जुड़ी अन्य चीजों पर अपना डूडल तैयार करता है. इसी कड़ी में 29 जनवरी को गूगल ने बबल टी पर डूडल बनाया है. जानें बबल टी क्या है, इसमें क्या है खास. पढ़ें पूरी खबर..

Google Doodle On Bubble Tea
बबल टी पर गूगल का डूडल

हैदराबादः गूगल ने आज अपने होमपेज पर बबल टी के बारे में एक इंटरएक्टिव गेम को रिलीज किया है. बबल टी लोकप्रियता के जश्न को मनाने के लिए गूगल की ओर से ये डूडल जारी किया गया है. एनिनेशन वाला इंटरैक्टिव डूडल गेम में डूडल पात्रों का एक समूह है. इसमें एनिमेशन की मदद से बबल टी बनाने के तरीके बारे में बताया गया है. बबल टी को पर्ल मिल्क टी (मोती दूध चाय) और बोबा के नाम से भी जाना जाता है. बबल टी मूल रूप से ताइवान का पेय पदार्थ है. ताइवान मूल का पेय पदार्थ अपने देश से ज्याद दुनिया के अन्य देशों में ज्यादा लोक प्रिय है. आज के समय में यह तिरुवनंतपुरम के स्थानीय कैफे तक पहुंच चुका है.

बबल टी क्या है
बबल टी एक प्रकार का मीठा चाय है, जो प्राकृतिक स्वादों, पानी या क्रीम आधारित सिरप, काली चाय और टैपिओका मोती (साबूदाना) का उपयोग करके बनाया जाता है. बड़े आकार के गहरे भूरे रंग के टैपिओका मोती को उबाला जाता है. बाद में स्वाद के हिसाब से मीठा और चाय मिलाया है. जैसे ही बबल टी को कोई भी व्यक्ति स्ट्रॉ के माध्यम से पीते हैं, साबूदाना मोती भी ऊपर आ जाते हैं. इस दौरान बबल टी पीने वाले को अपना पेय खाने का अवसर मिल जाता है.

कैसे बना बबल टी
बबल टी एक अनोखा पेय पदार्थ है. 1987 में इसका खोज भी संगोग से हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ताइवान में चुन शुई तांग टी हाउस के संस्थापक, लियू हान चीह (Chun Shui Tang Tea House Founder Lin Hsiu Hui), मेन्यू में ठंडी चाय पेश करना चाहते थे. उनके प्रोडक्ट डेवलपमेंट मैनेजर लिन सिउ हुई ने मस्ती के लिए उनकी आइस्ड टी (Iced Tea) में टैपिओका गेंदों (Tapioca Balls) को गिरा दिया और बबल टी का आविष्कार हो गया. इन दिनों ताइवान के अधिकांश टी स्टॉल में बबल टी मिलता है.

कैसे भारत पहुंचा बबल टी
गूगल ने इंटरएक्टिव गेम के माध्यम से ताइवान के इस पारंपरिक ताइवानी चाय पर नए इमोजी के माध्यम से उसके स्वाद की संस्कृति को नई पहचान दिलाया है. बता दें कि कुछ दशकों में ताइवान के प्रवासी अपनी यात्रा और प्रवासन के दौरान बबल टी को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसके स्वाद को लेकर गये. दुनिया भर के टी स्टॉल में बबल टी में पहुंच चुकी है. कई जगहों पर इसे नये अंदाज और नये स्वाद में परोसा गया है. बबल टी के क्रेज में एशिया भर के पारंपरिक टी स्टॉल भी शामिल हो गए हैं, और यह चलन सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और अन्य देशों तक पहुंच गया है.

बबल टी के फायदे
बबल टी ग्रीन बेस ब्लड प्रेशर कम करने में मददगार है. यह दिल की बीमारियों वाले मरीजों के लिए भी लाभदायक माना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार बबल टी के सेवन से लीवर, प्रोस्टेट और कोलेरेक्टल कैंसर जैसी जानेलेवा बीमारियों का खतरा कम करता है. बबल टी में ग्रीन टी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद है. ताइवान में बबल टी में कैफीन का भी इस्तेमाल किया जाता है. कैफीन युक्त बबल टी से थकान को कम करता है.

ये भी पढ़ें- सर्दी में Kashmiri Noon Chai की डिमांड बढ़ी, जाने क्या है इसकी रेसिपी

हैदराबादः गूगल ने आज अपने होमपेज पर बबल टी के बारे में एक इंटरएक्टिव गेम को रिलीज किया है. बबल टी लोकप्रियता के जश्न को मनाने के लिए गूगल की ओर से ये डूडल जारी किया गया है. एनिनेशन वाला इंटरैक्टिव डूडल गेम में डूडल पात्रों का एक समूह है. इसमें एनिमेशन की मदद से बबल टी बनाने के तरीके बारे में बताया गया है. बबल टी को पर्ल मिल्क टी (मोती दूध चाय) और बोबा के नाम से भी जाना जाता है. बबल टी मूल रूप से ताइवान का पेय पदार्थ है. ताइवान मूल का पेय पदार्थ अपने देश से ज्याद दुनिया के अन्य देशों में ज्यादा लोक प्रिय है. आज के समय में यह तिरुवनंतपुरम के स्थानीय कैफे तक पहुंच चुका है.

बबल टी क्या है
बबल टी एक प्रकार का मीठा चाय है, जो प्राकृतिक स्वादों, पानी या क्रीम आधारित सिरप, काली चाय और टैपिओका मोती (साबूदाना) का उपयोग करके बनाया जाता है. बड़े आकार के गहरे भूरे रंग के टैपिओका मोती को उबाला जाता है. बाद में स्वाद के हिसाब से मीठा और चाय मिलाया है. जैसे ही बबल टी को कोई भी व्यक्ति स्ट्रॉ के माध्यम से पीते हैं, साबूदाना मोती भी ऊपर आ जाते हैं. इस दौरान बबल टी पीने वाले को अपना पेय खाने का अवसर मिल जाता है.

कैसे बना बबल टी
बबल टी एक अनोखा पेय पदार्थ है. 1987 में इसका खोज भी संगोग से हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ताइवान में चुन शुई तांग टी हाउस के संस्थापक, लियू हान चीह (Chun Shui Tang Tea House Founder Lin Hsiu Hui), मेन्यू में ठंडी चाय पेश करना चाहते थे. उनके प्रोडक्ट डेवलपमेंट मैनेजर लिन सिउ हुई ने मस्ती के लिए उनकी आइस्ड टी (Iced Tea) में टैपिओका गेंदों (Tapioca Balls) को गिरा दिया और बबल टी का आविष्कार हो गया. इन दिनों ताइवान के अधिकांश टी स्टॉल में बबल टी मिलता है.

कैसे भारत पहुंचा बबल टी
गूगल ने इंटरएक्टिव गेम के माध्यम से ताइवान के इस पारंपरिक ताइवानी चाय पर नए इमोजी के माध्यम से उसके स्वाद की संस्कृति को नई पहचान दिलाया है. बता दें कि कुछ दशकों में ताइवान के प्रवासी अपनी यात्रा और प्रवासन के दौरान बबल टी को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसके स्वाद को लेकर गये. दुनिया भर के टी स्टॉल में बबल टी में पहुंच चुकी है. कई जगहों पर इसे नये अंदाज और नये स्वाद में परोसा गया है. बबल टी के क्रेज में एशिया भर के पारंपरिक टी स्टॉल भी शामिल हो गए हैं, और यह चलन सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और अन्य देशों तक पहुंच गया है.

बबल टी के फायदे
बबल टी ग्रीन बेस ब्लड प्रेशर कम करने में मददगार है. यह दिल की बीमारियों वाले मरीजों के लिए भी लाभदायक माना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार बबल टी के सेवन से लीवर, प्रोस्टेट और कोलेरेक्टल कैंसर जैसी जानेलेवा बीमारियों का खतरा कम करता है. बबल टी में ग्रीन टी का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद है. ताइवान में बबल टी में कैफीन का भी इस्तेमाल किया जाता है. कैफीन युक्त बबल टी से थकान को कम करता है.

ये भी पढ़ें- सर्दी में Kashmiri Noon Chai की डिमांड बढ़ी, जाने क्या है इसकी रेसिपी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.