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आईवीएफ से बेटे की गारंटी देने वाले गैंग की जांच करेगा क्राइम ब्रांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने करोल बाग में दर्ज इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. बताया जा रहा है कि जल्द ही पूरे मामले की परतें खुलेंगी.

क्राइम ब्रांच
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Published : Oct 5, 2019, 11:17 AM IST

नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में जिस आईवीएफ कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ था. अब उसकी जांच क्राइम ब्रांच करेगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने करोल बाग में दर्ज इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. जल्द पूरे मामले की परतें खुलेंगी.

बेटे की गारंटी देने वाले गैंग की जांच करेगा क्राइम ब्रांच

मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को एक शिकायत मिली थी. जिसमें बताया गया था कि कीर्ति नगर इलाके में एक सेंटर में कुछ गलत काम किया जा रहा है. यहां पर इला वूमेन सेंटर के नाम से बच्चों से सबंधित गलत काम कराया जा रहा है. इस जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई एक टीम ने कीर्ति नगर के इस सेंटर पर नकली ग्राहक बनाकर पति-पत्नी को भेजा. उन्होंने वहां जाकर पूछा कि वह आईवीएफ के बारे में जानना चाहते हैं. उन्हें बताया गया कि उन्हें 10 दिन के लिए बैंकाक या दुबई भेजा जाएगा. इसका खर्च 8.5 लाख रुपये आएगा और उन्हें बेटा होगा.

100 से ज्यादा सेंटर होने का दावा

उन्होंने इस सेंटर वालों को बताया उनके दोस्त भी अलग-अलग राज्यों में हैं, जो इस बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन वह दिल्ली नहीं आना चाहते. उन्हें बताया गया कि उनके 100 से ज्यादा सेंटर देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद हैं. अगर कोई मुंबई या चेन्नई में जाना चाहे तो वहां स्थित उनके सेंटर पर जा सकते हैं.

करोल बाग के कॉल सेंटर पर मारा था छापा

आरोपी ने बताया था कि करोल बाग में उनका कॉल सेंटर भी चलता है. करोल बाग स्थित कॉल सेंटर पर जब छापा मारा गया तो वहां से बड़ी मात्रा में लैपटॉप और काफी मात्रा में फाइल बरामद हुई थी. यहां से पता चला कि वह रोजाना लोगों को फोन करके उन्हें इस योजना के बारे में बताते हैं. अभी तक की जानकारी के अनुसार लगभग छह लाख लोगों को अब तक देश से बाहर आईवीएफ के लिए भेज चुके हैं. लेकिन अभी यह साफ नहीं हो सका है किस तरीके से इस तकनीक के जरिए बेटा होने की गारंटी देते थे.

करोल बाग में दर्ज हुई थी एफआईआर

इस खुलासे के बाद एसडीएम की तरफ से दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी. इस शिकायत पर करोल बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन इस मामले में जांच का दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है. इसलिए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. अब क्राइम ब्रांच पूरे मामले की सच्चाई और इस गैंग के पूरे नेटवर्क का खुलासा करेगी.

नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में जिस आईवीएफ कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ था. अब उसकी जांच क्राइम ब्रांच करेगा. मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने करोल बाग में दर्ज इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. जल्द पूरे मामले की परतें खुलेंगी.

बेटे की गारंटी देने वाले गैंग की जांच करेगा क्राइम ब्रांच

मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को एक शिकायत मिली थी. जिसमें बताया गया था कि कीर्ति नगर इलाके में एक सेंटर में कुछ गलत काम किया जा रहा है. यहां पर इला वूमेन सेंटर के नाम से बच्चों से सबंधित गलत काम कराया जा रहा है. इस जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई एक टीम ने कीर्ति नगर के इस सेंटर पर नकली ग्राहक बनाकर पति-पत्नी को भेजा. उन्होंने वहां जाकर पूछा कि वह आईवीएफ के बारे में जानना चाहते हैं. उन्हें बताया गया कि उन्हें 10 दिन के लिए बैंकाक या दुबई भेजा जाएगा. इसका खर्च 8.5 लाख रुपये आएगा और उन्हें बेटा होगा.

100 से ज्यादा सेंटर होने का दावा

उन्होंने इस सेंटर वालों को बताया उनके दोस्त भी अलग-अलग राज्यों में हैं, जो इस बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन वह दिल्ली नहीं आना चाहते. उन्हें बताया गया कि उनके 100 से ज्यादा सेंटर देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद हैं. अगर कोई मुंबई या चेन्नई में जाना चाहे तो वहां स्थित उनके सेंटर पर जा सकते हैं.

करोल बाग के कॉल सेंटर पर मारा था छापा

आरोपी ने बताया था कि करोल बाग में उनका कॉल सेंटर भी चलता है. करोल बाग स्थित कॉल सेंटर पर जब छापा मारा गया तो वहां से बड़ी मात्रा में लैपटॉप और काफी मात्रा में फाइल बरामद हुई थी. यहां से पता चला कि वह रोजाना लोगों को फोन करके उन्हें इस योजना के बारे में बताते हैं. अभी तक की जानकारी के अनुसार लगभग छह लाख लोगों को अब तक देश से बाहर आईवीएफ के लिए भेज चुके हैं. लेकिन अभी यह साफ नहीं हो सका है किस तरीके से इस तकनीक के जरिए बेटा होने की गारंटी देते थे.

करोल बाग में दर्ज हुई थी एफआईआर

इस खुलासे के बाद एसडीएम की तरफ से दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी. इस शिकायत पर करोल बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन इस मामले में जांच का दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है. इसलिए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. अब क्राइम ब्रांच पूरे मामले की सच्चाई और इस गैंग के पूरे नेटवर्क का खुलासा करेगी.

Intro:नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में जिस आईवीएफ कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ, अब उसकी जांच क्राइम ब्रांच करेगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने करोल बाग में दर्ज इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. जल्द ही इसकी फ़ाइल क्राइम ब्रांच को सौंपेगी जिसके बाद पूरे मामले की परतें खुलेंगी. Body:जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को एक शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया था कीर्ति नगर इलाके में एक सेंटर में कुछ गलत काम किया जा रहा है. यहां पर इला वूमेन सेंटर के नाम से बच्चों से सबंधित गलत काम किया जा रहा है. इस जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई एक टीम ने कीर्ति नगर के इस सेंटर पर नकली ग्राहक बनाकर पति-पत्नी को भेजा. उन्होंने वहां जाकर पूछा कि वह आईवीएफ के बारे में जानना चाहते हैं. उन्हें बताया गया कि उन्हें 10 दिन के लिए बैंकाक या दुबई भेजा जाएगा. इसका खर्च 8.5 लाख रुपये आएगा और उन्हें बेटा होगा.


100 से ज्यादा सेंटर होने का दावा
उन्होंने इस सेंटर वालों को बताया उनके दोस्त भी अलग-अलग राज्यों में हैं जो इस बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन वह दिल्ली नहीं आना चाहते. उन्हें बताया गया कि उनके 100 से ज्यादा सेंटर देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद हैं. अगर कोई मुंबई या चेन्नई में जाना चाहे तो वहां स्थित उनके सेंटर पर जा सकते हैं. वहां मौजूद विकास कामत नामक शख्स ने छापा मारने गई टीम को एक कबूल नामा लिख कर दिया था. इसमें उसने बताया था कि 100 से ज्यादा सेंटर उनसे जुड़े हुए हैं.


करोल बाग के कॉल सेंटर पर मारा था छापा
आरोपी ने इस टीम को बताया था कि करोल बाग में उनका कॉल सेंटर भी चलता है. करोल बाग स्थित कॉल सेंटर पर जब छापा मारा गया तो वहां से बड़ी मात्रा में लैपटॉप और काफी मात्रा में फाइल बरामद हुई थी. यहां से पता चला कि वह रोजाना लोगों को फोन करके उन्हें इस योजना के बारे में बताते हैं. अभी तक की जानकारी के अनुसार लगभग छह लाख लोगों को अब तक देश से बाहर आईवीएफ के लिए भेज चुके हैं. अभी यह साफ नहीं हो सका है किस तरीके से इस तकनीक के जरिए बेटा होने की गारंटी देते थे.

Conclusion:करोल बाग में दर्ज हुई थी एफआईआर
इस खुलासे के बाद एसडीएम की तरफ से दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी. इस शिकायत पर करोल बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन इस मामले में जांच का दायरा कई राज्यों में फैला हुआ है. इसलिए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपा गई है. अब क्राइम ब्रांच पूरे मामले की सच्चाई एवं इस गैंग के पूरे नेटवर्क का खुलासा करेगी.
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