इस्तांबुल: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश उत्तरी सीरिया के कथित कुर्द चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं रोकेगा. साथ ही, राष्ट्रपति ने कार्रवाई रोकने की अन्य देशों की मांग को ‘धमकी’ करार देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया.
तुर्की के इस कदम की भारत सहित कई देशों ने निंदा की है. जिसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति ने इस्तांबुल में दिए एक भाषण में के दौरान एक बयान में कहा, 'यह कोई मायने नहीं रखता कि लोग क्या कह रहे हैं, हम नहीं रूकेंगे.'
एर्दोआन ने सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि तुर्की, सीरिया सीमा से लगते इलाके को 'आतंकी राज्य' बनने से रोकना चाहता है.
इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने सीरियाई कुर्द लड़ाकों का संदर्भ देते हुए दावा किया था कि सीरिया में अंकारा द्वारा की गई कार्रवाई में 109 आतंकवादी मारे गये.
तुर्की का यह हमला सीरिया के आठ साल पुराने युद्ध को नए सिरे से भड़का सकता है, जिससे हजारों लोगों के विस्थापित होने की आशंका है.
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ब्रिटेन की निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने खबर दी है कि लोगों ने टल अबयाद से भागना शुरू कर दिया था.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तरी सीरिया में किये गये तुर्की के सैन्य आक्रमण पर चर्चा के लिए गुरुवार को बैठक आपात बैठक भी बुलाई थी.