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दक्षिणी अफगानिस्तान में पुलिस मुख्यालय पर तालिबान का कब्जा

हेलमंद की एक सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को इमारत पर कब्जा कर लिया, कुछ पुलिस अधिकारियों ने तालिबानियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अन्य पास स्थित गवर्नर के कार्यालय में चले गए, जिस पर अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है.

दक्षिणी अफगानिस्तान
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Published : Aug 12, 2021, 11:49 AM IST

काबुल : तालिबान ने दक्षिणी अफगानिस्तान (South Afganisthan) में एक प्रांतीय राजधानी के पुलिस मुख्यालय पर गुरुवार को कब्जा कर लिया. दक्षिणी अफगानिस्तान पर चरमपंथी संगठन का कब्जा होने वाला है और इसी बीच, इलाके में हवाई हमले हुए हैं. संदेह है कि ये हमले अमेरिका ने किए हैं. तालिबान के गढ़ हेलमंद प्रांत में अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में संघर्ष बढ़ गया है, जहां चारों ओर से घिरे सरकारी बलों को राजधानी पर कब्जा बनाए रखने की उम्मीद थी. सप्ताह भर के हमले के बाद तालिबानियों ने देश के नौ अन्य शहरों पर पहले ही कब्जा कर लिया है.

अफगान सुरक्षा बलों (afghan security forces) और सरकार ने कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी देश में कई दिन से जारी संघर्ष पर कोई टिप्पणी नहीं की. बहरहाल, देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) महीने के अंत में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी से पहले अपने देश के विशेष बलों और अमेरिकी वायुसेना (US Air Force) पर भरोसा करते हुए जवाबी हमले की कोशिश कर रहे हैं. तालिबान की बढ़त से काबुल पर फिलहाल सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी रफ्तार से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार (afghan government) कब तक अपने कब्जे वाले इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी. हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं.

लश्कर गाह के आसपास लड़ाई हफ्तों से चल रही है. हेलमंद की राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को बुधवार को निशाना बनाकर एक आत्मघाती कार बम विस्फोट किया गया. हेलमंद की एक सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को इमारत पर कब्जा कर लिया, कुछ पुलिस अधिकारियों ने तालिबानियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अन्य पास स्थित गवर्नर के कार्यालय में चले गए, जिस पर अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है.

पढ़ें : अफगानिस्तान का सेना प्रमुख बदला गया : अधिकारी

नियाजी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि तालिबान के हमले में सुरक्षा बल के कई कर्मी हताहत हुए, लेकिन उन्हें इनकी संख्या की जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि एक और आत्मघाती कार बम विस्फोट से प्रांतीय जेल को निशाना बनाया गया, लेकिन अब भी इस पर सरकार का नियंत्रण है. तालिबान ने पिछले सप्ताह हमलों के दौरान अपने सैंकड़ों सदस्यों को आजाद कराया और अमेरिका द्वारा सरकार को मुहैया कराए गए हथियारों और वाहनों को जब्त कर लिया.

नियाजी ने इलाके को निशाना बनाकर किए जा रहे हवाई हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि इनमें आम नागरिकों के हताहत होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि तालिबान ने अपनी सुरक्षा के लिए आम नागरिकों के घरों का इस्तेमाल किया और सरकार ने आम नागरिकों का ख्याल रखे बिना हवाई हमले किए.

ऐसा माना जा रहा है कि अफगान बलों की मदद के लिए अमेरिकी वायु सेना ने कुछ हवाई हमले किए हैं. ऑस्ट्रेलिया स्थित सुरक्षा कंपनी ‘द कोवेल ग्रुप’ के अनुसार, विमानन क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी वायुसेना के बी-52 बमवर्षक, ए-15 लड़ाकू विमान, ड्रोन और अन्य विमान हवाई हमले कर रहे है, लेकिन इसमें हताहत हुए लोगों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

इस बीच, तालिबान काबुल के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 130 किलोमीटर (80 मील) दूर गजनी प्रांत की राजधानी में आगे बढ़ता दिख रहा है. गजनी में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता वाहिदुल्ला जुमाजादा ने स्वीकार किया कि विद्रोहियों ने राजधानी पर कई दिशाओं से हमले शुरू किए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वहां अब भी सरकार का नियंत्रण है.

(पीटीआई-भाषा)

काबुल : तालिबान ने दक्षिणी अफगानिस्तान (South Afganisthan) में एक प्रांतीय राजधानी के पुलिस मुख्यालय पर गुरुवार को कब्जा कर लिया. दक्षिणी अफगानिस्तान पर चरमपंथी संगठन का कब्जा होने वाला है और इसी बीच, इलाके में हवाई हमले हुए हैं. संदेह है कि ये हमले अमेरिका ने किए हैं. तालिबान के गढ़ हेलमंद प्रांत में अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में संघर्ष बढ़ गया है, जहां चारों ओर से घिरे सरकारी बलों को राजधानी पर कब्जा बनाए रखने की उम्मीद थी. सप्ताह भर के हमले के बाद तालिबानियों ने देश के नौ अन्य शहरों पर पहले ही कब्जा कर लिया है.

अफगान सुरक्षा बलों (afghan security forces) और सरकार ने कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी देश में कई दिन से जारी संघर्ष पर कोई टिप्पणी नहीं की. बहरहाल, देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) महीने के अंत में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी से पहले अपने देश के विशेष बलों और अमेरिकी वायुसेना (US Air Force) पर भरोसा करते हुए जवाबी हमले की कोशिश कर रहे हैं. तालिबान की बढ़त से काबुल पर फिलहाल सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी रफ्तार से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार (afghan government) कब तक अपने कब्जे वाले इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी. हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं.

लश्कर गाह के आसपास लड़ाई हफ्तों से चल रही है. हेलमंद की राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को बुधवार को निशाना बनाकर एक आत्मघाती कार बम विस्फोट किया गया. हेलमंद की एक सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि तालिबान ने गुरुवार को इमारत पर कब्जा कर लिया, कुछ पुलिस अधिकारियों ने तालिबानियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और अन्य पास स्थित गवर्नर के कार्यालय में चले गए, जिस पर अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है.

पढ़ें : अफगानिस्तान का सेना प्रमुख बदला गया : अधिकारी

नियाजी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि तालिबान के हमले में सुरक्षा बल के कई कर्मी हताहत हुए, लेकिन उन्हें इनकी संख्या की जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि एक और आत्मघाती कार बम विस्फोट से प्रांतीय जेल को निशाना बनाया गया, लेकिन अब भी इस पर सरकार का नियंत्रण है. तालिबान ने पिछले सप्ताह हमलों के दौरान अपने सैंकड़ों सदस्यों को आजाद कराया और अमेरिका द्वारा सरकार को मुहैया कराए गए हथियारों और वाहनों को जब्त कर लिया.

नियाजी ने इलाके को निशाना बनाकर किए जा रहे हवाई हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि इनमें आम नागरिकों के हताहत होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि तालिबान ने अपनी सुरक्षा के लिए आम नागरिकों के घरों का इस्तेमाल किया और सरकार ने आम नागरिकों का ख्याल रखे बिना हवाई हमले किए.

ऐसा माना जा रहा है कि अफगान बलों की मदद के लिए अमेरिकी वायु सेना ने कुछ हवाई हमले किए हैं. ऑस्ट्रेलिया स्थित सुरक्षा कंपनी ‘द कोवेल ग्रुप’ के अनुसार, विमानन क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी वायुसेना के बी-52 बमवर्षक, ए-15 लड़ाकू विमान, ड्रोन और अन्य विमान हवाई हमले कर रहे है, लेकिन इसमें हताहत हुए लोगों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

इस बीच, तालिबान काबुल के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 130 किलोमीटर (80 मील) दूर गजनी प्रांत की राजधानी में आगे बढ़ता दिख रहा है. गजनी में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता वाहिदुल्ला जुमाजादा ने स्वीकार किया कि विद्रोहियों ने राजधानी पर कई दिशाओं से हमले शुरू किए थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वहां अब भी सरकार का नियंत्रण है.

(पीटीआई-भाषा)

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