यरुशलम : नेतन्याहू के सहयोगी एवं संसद अध्यक्ष यारीव लेविन ने मंगलवार को मतदान की तिथि और समय की घोषणा की. नई सरकार बनाने के लिए आठ राजनीतिक दलों के बीच हुए गठबंधन से इजराइल का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है.
120 सदस्यों वाली संसद नीसेट में गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत से कुछ ही अधिक सदस्यों का समर्थन है. गठबंधन को तोड़ने के लिए नेतन्याहू के समर्थकों ने संसद सदस्यों के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के अलावा उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. लेकिन इसके बावजूद गठबंधन सरकार बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
नेतन्याहू ने अपने पूर्व दक्षिणपंथी सहयोगियों पर वामपंथियों तथा अरब पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. गठबंधन के नेताओं के बीच हुए समझौते के मुताबिक नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी एवं अतिराष्ट्रवादी नेता नाफतली बेनेट शुरुआती दो वर्ष के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे.
इसके बाद याइर लेपिड प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालेंगे, जिन्हें गठबंधन का प्रमुख रणनीतिकार माना जा रहा है. लेपिड ने संसद अध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि गठबंधन सरकार आगे बढ़कर इजराइल के लोगों के लिए काम करने को तैयार है.
गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से भी कम समय के दौरान इजराइल में चार बार आम चुनाव हो चुके हैं. नेतन्याहू को पद पर बने रहना चाहिए अथवा नहीं, इसको लेकर लोगों के विचार काफी बंटे हुए हैं. नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिसकी जांच चल रही है.
कोविड-19 महामारी के कारण पिछले वर्ष आपातकालीन सरकार का गठन किया गया था. राजनीतिक मतभेदों के कारण वह सरकार दिसंबर में ही गिर गई थी. इसके बाद मार्च में हुए चुनाव के बाद नेतन्याहू सरकार बनाने में विफल रहे थे.
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इजराइल में सत्ता परिवर्तन समेत अन्य राजनीतिक हलचल ऐसे समय में हो रही हैं जब हाल में यरुशलम में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच 11 दिनों तक हिंसक झड़पें हुईं थीं.
(पीटीआई-भाषा)