ETV Bharat / international

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल के 'भूदान ग्रोव' में पट्टिका का अनावरण किया - इजराइल विदेश मंत्री यात्रा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार से अपने पांच दिवसीय इजराइल दौरे पर हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव (भूदान उपवन)' पट्टिका का सोमवार को अनावरण किया. पढ़ें पूरी खबर...

विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर
author img

By

Published : Oct 18, 2021, 5:43 PM IST

यरूशलम : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव (भूदान उपवन)' पट्टिका का सोमवार को अनावरण किया और इस प्रकार भारत-इजराइल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित होने से पहले के समय में दोनों देशों के बीच रहे संबंधों के अल्प ज्ञात पक्षों को सामने लाने की पहल की.

'भूदान और ग्रामदान' जैसे सर्वोदय अभियान

विकास के लिए गांव को बुनियादी इकाई मानने की महात्मा गांधी की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नेता 'भूदान और ग्रामदान' जैसे सर्वोदय अभियान के समाजवादी विचारों के क्रियान्वयन के तरीके खोजने के दौरान इजराइल के अनेक दौरों पर गए थे. उन्होंने इजराइल के सामुदायिक और सहकारिता संस्थानों -किबुत्जिम और मोशाविम के अलग स्वरूपों के सामाजिक ढांचे का अध्ययन किया.

सर्वोदय अभियान के नेता का इजराइली दौरा

सर्वोदय अभियान के नेता जयप्रकाश नारायण सितंबर 1958 में इजराइल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे. उनके दौरे के बाद 27 सदस्यीय सर्वोदय दल छह महीने के अध्ययन दौरे पर वहां गया. भारत लौटने के दौरान इस दल ने 22 मई 1960 को 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव' के लिए पौधारोपण किया.

जयशंकर ने जेपी और भूदान कर्मियों के दौरे को 'हमारे परस्पर इतिहास का एक ऐसा पहलू' बताया 'जिसे वह महत्व नहीं मिला जिसका कि वह हकदार था.' उन्होंने कहा कि इस पट्टिका का अनावरण बहुत उचित समय पर हो रहा है क्योंकि पिछले वर्ष आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती थी.

ज्यूइश नेशन फंड ने सौंपा प्रमाण-पत्र

'भूदान ग्रोव' पट्टिका का अनावरण करने के बाद ज्यूइश नेशन फंड ने जयशंकर को प्रमाण-पत्र सौंपा.

रविवार शाम को अपने संबोधन में जयशंकर ने भारतीय यहूदी समुदाय के साथ इस साझा ऐतिहासिक रिश्ते के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद, आधुनिक काल में इस बारे में भी कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनकी जानकारी कम लोगों को है, जैसे कि भारत के प्रमुख समाजवादी राजनीतिक नेताओं और धाराओं ने इजराइल में किबुत्ज आंदोलन के साथ किस तरह की समानता महसूस की.'

आंदोलनों से जुड़े नेताओं ने किया था इजराइली दौरा

उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े प्रमुख राजनीतिक नेताओं में से एक जयप्रकाश नारायण 1958 में इजराइल गए. आजादी के आंदोलन के एक और शीर्ष नेता विनोबा भावे के कई अनुयायी किबुत्ज आंदोलन को समझने के लिए 1960 में इजराइल गए थे.'

यहूदी नरसंहार में मारे गए लोगों को पुष्पांजलि अर्पित

विदेश मंत्री ने यहूदी नरसंहार (होलोकास्ट) के दौरान मारे गए लाखों यहूदी लोगों की याद में बनाए गए स्मारक याद वाशेम पर पुष्पांजलि अर्पित की.

इसके बाद उन्होंने स्मारक पर आगंतुक पत्रिका में लिखा, 'यह स्मारक इस बात का गवाह है कि व्यक्ति किस हद तक बुरा हो सकता है, यह मानवीय गुण-सहनशक्ति और दृढ़ता का भी प्रतीक है. लोगों के लिए यह स्मारक हमेशा साहस और सच्चाई का प्रतीक रहेगा.' जयशंकर इजराइल के विदेश मंत्री येर लेपिड से भी मुलाकात करेंगे.

पढ़ें : जयशंकर ने भारत-इजराइल संबंधों में भारतवंशी यहूदी समुदाय के योगदान की सराहना की

(पीटीआई-भाषा)

यरूशलम : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव (भूदान उपवन)' पट्टिका का सोमवार को अनावरण किया और इस प्रकार भारत-इजराइल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित होने से पहले के समय में दोनों देशों के बीच रहे संबंधों के अल्प ज्ञात पक्षों को सामने लाने की पहल की.

'भूदान और ग्रामदान' जैसे सर्वोदय अभियान

विकास के लिए गांव को बुनियादी इकाई मानने की महात्मा गांधी की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नेता 'भूदान और ग्रामदान' जैसे सर्वोदय अभियान के समाजवादी विचारों के क्रियान्वयन के तरीके खोजने के दौरान इजराइल के अनेक दौरों पर गए थे. उन्होंने इजराइल के सामुदायिक और सहकारिता संस्थानों -किबुत्जिम और मोशाविम के अलग स्वरूपों के सामाजिक ढांचे का अध्ययन किया.

सर्वोदय अभियान के नेता का इजराइली दौरा

सर्वोदय अभियान के नेता जयप्रकाश नारायण सितंबर 1958 में इजराइल के नौ दिवसीय दौरे पर गए थे. उनके दौरे के बाद 27 सदस्यीय सर्वोदय दल छह महीने के अध्ययन दौरे पर वहां गया. भारत लौटने के दौरान इस दल ने 22 मई 1960 को 'यरूशलम फॉरेस्ट' में 'भूदान ग्रोव' के लिए पौधारोपण किया.

जयशंकर ने जेपी और भूदान कर्मियों के दौरे को 'हमारे परस्पर इतिहास का एक ऐसा पहलू' बताया 'जिसे वह महत्व नहीं मिला जिसका कि वह हकदार था.' उन्होंने कहा कि इस पट्टिका का अनावरण बहुत उचित समय पर हो रहा है क्योंकि पिछले वर्ष आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती थी.

ज्यूइश नेशन फंड ने सौंपा प्रमाण-पत्र

'भूदान ग्रोव' पट्टिका का अनावरण करने के बाद ज्यूइश नेशन फंड ने जयशंकर को प्रमाण-पत्र सौंपा.

रविवार शाम को अपने संबोधन में जयशंकर ने भारतीय यहूदी समुदाय के साथ इस साझा ऐतिहासिक रिश्ते के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद, आधुनिक काल में इस बारे में भी कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनकी जानकारी कम लोगों को है, जैसे कि भारत के प्रमुख समाजवादी राजनीतिक नेताओं और धाराओं ने इजराइल में किबुत्ज आंदोलन के साथ किस तरह की समानता महसूस की.'

आंदोलनों से जुड़े नेताओं ने किया था इजराइली दौरा

उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े प्रमुख राजनीतिक नेताओं में से एक जयप्रकाश नारायण 1958 में इजराइल गए. आजादी के आंदोलन के एक और शीर्ष नेता विनोबा भावे के कई अनुयायी किबुत्ज आंदोलन को समझने के लिए 1960 में इजराइल गए थे.'

यहूदी नरसंहार में मारे गए लोगों को पुष्पांजलि अर्पित

विदेश मंत्री ने यहूदी नरसंहार (होलोकास्ट) के दौरान मारे गए लाखों यहूदी लोगों की याद में बनाए गए स्मारक याद वाशेम पर पुष्पांजलि अर्पित की.

इसके बाद उन्होंने स्मारक पर आगंतुक पत्रिका में लिखा, 'यह स्मारक इस बात का गवाह है कि व्यक्ति किस हद तक बुरा हो सकता है, यह मानवीय गुण-सहनशक्ति और दृढ़ता का भी प्रतीक है. लोगों के लिए यह स्मारक हमेशा साहस और सच्चाई का प्रतीक रहेगा.' जयशंकर इजराइल के विदेश मंत्री येर लेपिड से भी मुलाकात करेंगे.

पढ़ें : जयशंकर ने भारत-इजराइल संबंधों में भारतवंशी यहूदी समुदाय के योगदान की सराहना की

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.