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इस्लामिक स्टेट ने ली तालिबान पर हुए हमलों की जिम्मेदारी

चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है.

चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट
चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट
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Published : Sep 20, 2021, 4:29 PM IST

काहिरा : चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है. आईएस ने अपनी मीडिया इकाई आमाक समाचार एजेंसी की वेबसाइट के माध्यम से रविवार को हमलों की जिम्मेदारी ली, जिससे तालिबान को उसके दीर्घकालिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से खतरे का संकेत मिलता है.

आईएस के गढ़ माने जाने वाले जलालाबाद में शनिवार और रविवार को हुए हमलों में तालिबान के कई सदस्यों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए थे. तालिबान ने अमेरिका और नाटो के सैनिकों की वापसी के बीच पिछले महीने काबुल में प्रवेश कर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.

इसे भी पढ़ें-बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की सजा पर छह महीने तक फिर रोक

अफगानिस्तान पर शासन करने के जारी प्रयासों के बीच तालिबान को भीषण आर्थिक एवं सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. आईएस के लगातार जारी हमले उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने से पहले से ही तालिबान और आईएस के बीच दुश्मनी चली आ रही है.

दोनों ही समूह इस्लाम की कठोर व्याख्या करते हैं, लेकिन तालिबान का ध्यान जहां अफगानिस्तान पर नियंत्रण पर केंद्रित है, वहीं आईएस अफगानिस्तान और दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां भी है, वहां तथाकथित जिहाद का आह्वान करता है.

(पीटीआई-भाषा)

काहिरा : चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार हमलों की जिम्मेदारी ली है. आईएस ने अपनी मीडिया इकाई आमाक समाचार एजेंसी की वेबसाइट के माध्यम से रविवार को हमलों की जिम्मेदारी ली, जिससे तालिबान को उसके दीर्घकालिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से खतरे का संकेत मिलता है.

आईएस के गढ़ माने जाने वाले जलालाबाद में शनिवार और रविवार को हुए हमलों में तालिबान के कई सदस्यों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए थे. तालिबान ने अमेरिका और नाटो के सैनिकों की वापसी के बीच पिछले महीने काबुल में प्रवेश कर अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.

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अफगानिस्तान पर शासन करने के जारी प्रयासों के बीच तालिबान को भीषण आर्थिक एवं सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. आईएस के लगातार जारी हमले उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने से पहले से ही तालिबान और आईएस के बीच दुश्मनी चली आ रही है.

दोनों ही समूह इस्लाम की कठोर व्याख्या करते हैं, लेकिन तालिबान का ध्यान जहां अफगानिस्तान पर नियंत्रण पर केंद्रित है, वहीं आईएस अफगानिस्तान और दुनिया के अन्य हिस्सों में जहां भी है, वहां तथाकथित जिहाद का आह्वान करता है.

(पीटीआई-भाषा)

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