जकार्ता: इंडोनेशिया की पुलिस ने फिलीपींस के कैथोलिक गिरजाघर में हुए आत्मघाती धमाके में इंडोनेशिया के आतंकी और उसकी पत्नी के होने की बात कही. पुलिस ने घटना स्थल पर मिले अवशेषों की डीएनए जांच के बाद इस बात को पुख्ता किया.
बता दें, इंडोनेशिया के एक आतंकी और उसकी पत्नी ने जनवरी में फिलीपींस के कैथोलिक गिरजाघर में आत्मघाती बम विस्फोट किया था, जिसमें 21 लोग मारे गए थे.
पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर मिले अवशेषों की डीएनए जांच के बाद ये बात पुख्ता हुई कि दोनों हमलावर शादीशुदा थे. रूली रियान जेके की शादी उल्फा हांडयानी सालेह से हुई थी.
इंडोनेशियाई राष्ट्रीय पुलिस के प्रवक्ता डेडी प्रासेत्यो ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि उनके माता-पिता के साथ डीएनए मिलान करने पर ये बात सामने आई है कि दोनों की शादीशुदा पति पत्नी ही आत्मघाती हमलावर थे.
गौरतलब है कि, दंपति ने पहले भी इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें इंडोनेशिया सरकार के डी-रेडिकलाइजेशन प्रोग्राम से गुजरना पड़ा था.
इंडोनेशियाई आतंकी नेटवर्क जमाह अनशरुत दौलाह (JAD) से जुड़े दो आतंकवादियों ने फिलीपींस चर्च हमले के संदिग्ध के रूप में दंपति की पहचान पहले ही कर ली थी.
जेएडी के सदस्यों ने पिछले साल इंडोनेशिया के दूसरे सबसे बड़े शहर सुराबया में चर्चों में किए गए कई आत्मघाती धमाकों में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी.
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आईएस ने गिरजाघर विस्फोट के लिए जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि दो आत्मघाती हमलावरों ने विस्फोटक बेल्ट को कमर में बांध कर घटना को अंजाम दिया था.
जोलो के हमले के कुछ दिनों पहले मतदाताओं ने दक्षिण में मुस्लिम स्व-शासन के विस्तार को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से कैथोलिक फिलीपींस के बड़े पैमाने पर इस्लामी अल्पसंख्यक के लिए स्वतंत्रता या स्वायत्तता के लिए एक दशक पुराने विद्रोह को समाप्त करना था.
मई 2017 में दक्षिणी शहर मारावी को आईएस समर्थक आतंकवादियों द्वारा सीज किए जाने के बाद मार्शल शासन के दौरान दक्षिणी फिलीपींस में चर्च पर हमला हुआ था.
फिलीपींस के हमले के कई महीनों बाद, इस्लामी चरमपंथियों द्वारा ईस्टर पर्व पर श्रीलंका में किए गए आत्मघाती बम विस्फोट में 258 लोगों की जान चली गई थी.