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दुबई : भारतीय छात्र ने बनाया रोबोटिक हैंड सेनिटाइजर - सेनिटाइजर की बोतल संक्रमित

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कक्षा सात में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो 30 सेंटीमीटर की दूरी से हाथ को पहचानकर सेनिटाइजर देता है. इससे सेनिटाइजर की बोतल संक्रमित होने से बचेगी. पढ़ें पूरी खबर...

सौ. स्प्रिंग डेल्स स्कूल
सौ. स्प्रिंग डेल्स स्कूल
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Published : Mar 21, 2020, 11:27 PM IST

दुबई : कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर 'सुरक्षित रहें और स्वच्छ रहें' ध्येय से प्रेरित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कक्षा सात में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो 30 सेंटीमीटर की दूरी से हाथ को पहचानकर सेनिटाइजर देता है.

स्थानीय मीडिया के रिपोर्टों के अनुसार दुबई में स्प्रिंग डेल्स स्कूल के छात्र सिद्ध सांघवी ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें एक वीडियो दिखाया, जिसमें लोग हाथ को कीटाणु मुक्त करने के लिए सेनिटाइजर की बोतल से सेनिटाइजर लेने के लिए उसे हाथ से छू रहे थे, जिससे बोतल संक्रमित हो रही थी.

एक समाचार पत्र ने सांघवी के हवाले से कहा कि हालांकि इससे उद्देश्य प्रभावित होता है क्योंकि कोरोना वायरस दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है.

युवा आविष्कारक ने कहा, 'इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न एसटीईएम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कुछ बनाया जाए, जिससे मशीन बिना आपके संपर्क में आए सेनिटाइजर स्वचालित रूप से वितरित करे.'

पढ़ें : दुबई के रास्ते पाक पहुंचा भारतीय लोगों का समूह वाघा सीमा पर फंसा : सूत्र

कृत्रिम मेधा में रुचि रखने वाले सांघवी ने कहा कि रोबोटिक हैंड सेनेटाइजर से हाथ को कीटाणु मुक्त करना मजेदार हो सकता है.

दुबई : कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर 'सुरक्षित रहें और स्वच्छ रहें' ध्येय से प्रेरित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कक्षा सात में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो 30 सेंटीमीटर की दूरी से हाथ को पहचानकर सेनिटाइजर देता है.

स्थानीय मीडिया के रिपोर्टों के अनुसार दुबई में स्प्रिंग डेल्स स्कूल के छात्र सिद्ध सांघवी ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें एक वीडियो दिखाया, जिसमें लोग हाथ को कीटाणु मुक्त करने के लिए सेनिटाइजर की बोतल से सेनिटाइजर लेने के लिए उसे हाथ से छू रहे थे, जिससे बोतल संक्रमित हो रही थी.

एक समाचार पत्र ने सांघवी के हवाले से कहा कि हालांकि इससे उद्देश्य प्रभावित होता है क्योंकि कोरोना वायरस दूषित सतहों को छूने से फैल सकता है.

युवा आविष्कारक ने कहा, 'इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न एसटीईएम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कुछ बनाया जाए, जिससे मशीन बिना आपके संपर्क में आए सेनिटाइजर स्वचालित रूप से वितरित करे.'

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कृत्रिम मेधा में रुचि रखने वाले सांघवी ने कहा कि रोबोटिक हैंड सेनेटाइजर से हाथ को कीटाणु मुक्त करना मजेदार हो सकता है.

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