संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को बंद दरवाजे के पीछे एक आपातकालीन बैठक की. इसमें अमेरिका ने सभी 15 सदस्यों से हमास द्वारा किए गए इन जघन्य आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करने की मांग की, लेकिन इसपर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने बाद में कहा कि बड़ी संख्या में देशों ने हमास के हमले की निंदा की.
हालांकि, परिषद के सभी सदस्यों ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे संभवत: उनमें से एक का पता लगा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अमेरिकियों ने बैठक के दौरान यह कहने की कोशिश की कि रूस हमलों की निंदा नहीं कर रहा है, लेकिन यह झूठ है.
उन्होंने कहा, यह मेरी टिप्पणियों में था. हम नागरिकों पर हुए सभी हमलों की निंदा करते हैं. नेबेंजिया ने कहा कि रूस का संदेश है कि लड़ाई तुरंत रूके, संघर्ष विराम हो और सार्थक बातचीत हो जो दशकों से रुकी हुई है. चीनी राजदूत झांग जून ने बैठक में आगे बढ़ते हुए पहले भी इसी तरह की स्थिति व्यक्त की थी. उन्होंने कहा कि चीन नागरिकों पर सभी हमलों की निंदा करता है, हालांकि उन्होंने हमास का जिक्र नहीं किया. झांग ने कहा कि वास्तव में महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थिति को और बढ़ने से रोका जाए और नागरिकों के और अधिक हताहत होने से रोका जाए. वास्तव में जो महत्वपूर्ण है वह दो-राष्ट्रों के समाधान पर वापस लौटना है.
रॉबर्ट वुड ने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस अकारण आक्रमण और आतंकवादी हमलों के लिए हमास की निंदा करने पर केंद्रित है. साथ ही कहा कि हमास को इजराइली लोगों के खिलाफ अपनी हिंसक आतंकवादी गतिविधि को समाप्त करना होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या दो राष्ट्र समाधान पर बातचीत फिर से शुरू करना और दशकों पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष को समाप्त करना महत्वपूर्ण नहीं है, उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए समय होगा.
अभी समय है कि हमें बंधक बनाने जैसे हमास द्वारा की जा रही हिंसा से निपटना है. हमें सबसे पहले पहली चीजों से निपटना होगा. चीन के राजदूत ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा परिषद, जिस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी है, उसकी आवाज सुनी जाए. लेकिन रूस के नेबेंजिया ने कहा कि किसी भी देश ने परिषद के विचार के लिए कोई बयान नहीं दिया है.