न्यूयॉर्क : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मुंबई में 2008 में हुए लश्कर-ए-तैयबा के हमलों की तुलना नरसंहार से की है. उन्होंने इजरायल पर हमास के हमले और मुंबई में 26 नवबंर 2008 को हुए हमलों और इजरायल में हमास के आतंकवादी हमलों के बीच एक समानता का जिक्र किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं.
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Just finished a @UN Security Council Ministerial on the situation in the Middle East. The United States remains committed to continuing our diplomatic efforts to prevent the conflict from widening. pic.twitter.com/m7dHdbnx3U
— Secretary Antony Blinken (@SecBlinken) October 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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बता दें कि हमास ने इसी साल बीते 7 अक्टूबर को इजरायल पर चौतरफा हमला किया था. इस हमले के बाद दुनिया भर में इजरायल समर्थक देशों ने हमास को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया है. इसी हमले को लेकर संयुक्त राज्य सुरक्षा परिषद में मंत्रिस्तरीय बैठक हो रही है. जिसमें बोलते हुए, ब्लिंकन ने उन सदस्य देशों की निंदा की जो आतंकवादी समूहों को हथियार, धन और प्रशिक्षण सहित सहायता प्रदान करते हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हमें किसी भी राष्ट्र के अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता को दोहराने से रोकने के अधिकार को समर्थन देना चाहिए। इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस पूरे निकाय में कोई भी राष्ट्र अपने लोगों के वध को बर्दाश्त नहीं कर सकता है या बर्दाश्त नहीं करेगा.
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Blinken: A civilian is a civilian is a civilian, no matter their nationality, ethnicity, age, gender, faith. pic.twitter.com/dAPYgUOhC6
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अपने बयान में, ब्लिंकन ने हमास की ओर से इजरायल के खिलाफ किए गए आतंकवादी हमलों और मुंबई में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ओर से किए गए हमलों के बीच समानता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार इस बात का समर्थन किया है कि आतंकवाद को कोई कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं. वे गैरकानूनी और अनुचित हैं, चाहे वे नैरोबी या बाली इस्तांबुल या मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज बेरी में लोगों को निशाना बनाते हों.
उन्होंने कहा कि ये सभी हमले नरसंहार की श्रेणी में रखे जाने चाहिए. चाहे ये हमले आईएसआईएस की ओर से किये गये हों या इसे अंजाम देने वाले बोको हरम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या हमास हो. वे गैरकानून और अनुचित हैं चाहे पीड़ितों को किसी भी कारण से लक्षित किया गया हो. उन्होंने आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले सदस्य देशों की निंदा की. उन्होंने सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि हमें उन देशों के खिलाफ भी काम करना होगा जो हमास या ऐसे जघन्य कृत्यों में शामिल किसी अन्य आतंकवादी समूह को हथियार, वित्तपोषण और प्रशिक्षण के मामले में सहायता प्रदान करते हैं. ब्लिंकन की टिप्पणियां पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के संदर्भ में थीं. 2008 में हुए इन हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी.