अंकारा: तुर्की- सीरिया में आए महाविनाशकारी भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा अभी भी बढ़ता ही जा रहा है. ध्वस्त ईमारतों से शवों का निकलने का सिलसिला जारी है. तुर्की सीरिया में राहत बचाव अभियान अभी भी जारी है. वैसे अब मलबे में किसी के जीवित होने की उम्मीद कम ही है. राहत बचाव दल शवों को निकालने के प्रयास में जुटे हैं. वहीं, बेघर हुए लाखों लोखों को राहत शिविरों में रखा गया है.
जानकारी के अनुसार तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंपों के कारण मरने वालों की संख्या संयुक्त रूप से बढ़कर 50,000 से अधिक हो गई है. इस क्षेत्र में 1,60,000 से अधिक इमारतें ढह गई हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. तकरीबन 5,20,000 अपार्टमेंट इस भूकंप में तबाह हो गई हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही 50 हजार के करीब लोगों के मरने की आशंका जाहिर की थी. केवल तुर्की में 44 हजार लोग मारे गए हैं.
डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) ने शुक्रवार रात में कहा कि भूकंप के कारण तुर्की में मरने वालों की संख्या बढ़कर 44,218 हो गई. सीरिया में ताजा आंकड़ों के अनुसार 5,914 लोगों की मौत हो गई. इसी के साथ दोनों देशों में संयुक्त मरने वालों की संख्या 50,000 से ऊपर हो गई है.
तुर्की में पांच लाख घरों की जरूरत: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि सरकार की प्रारंभिक योजना अब कम से कम 15 अरब की लागत से 200,000 अपार्टमेंट और 70,000 ग्रामीण घर बनाने की है. अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन ने अनुमान लगाया था कि घरों के पुनर्निर्माण और बुनियादी ढांचे पर 25 अरब डॉलर खर्च होंगे.
एर्दोगन की सरकार ने तबाही को देखते हुए निर्माण गुणवत्ता पर जोर दिया. हालांकि, उनके किसी भी प्रतिक्रया का विरोध किया जा रहा है. राहत बचाव को लेकर भी उनकी आलोचना की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने कहा कि यह अनुमान है कि विनाशकारी भूकंप से 15 लाख लोग को बेघर हो गए हैं. साथ ही 500,000 नए घरों की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने कहा कि इसने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपील की गई 100 करोड़ डॉलर की धनराशि में से 1135 लाख डॉलर का इस्तेमाल मलबे के पहाड़ों को साफ करने पर केंद्रित करेगा.