अंकारा/दमिश्क : छह फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 28,000 से अधिक हो गई है. बचाव अभियान जारी है. राहतकर्मी अभी भी ध्वस्त इमारतों के मलबे में 'जिंदगी' की तलाश कर रहे हैं. ऐसे ही एक अभियान में पश्चिमी सीरिया के इदलिब प्रांत में एक पूरे परिवार को बचाया गया है. बचाए गए लोगों में तीन बच्चे और दो वयस्क हैं. अभियान के दौरान बचाए गए लोगों के जिंदा निकलने पर भीड़ ने नारे लगाए 'अल्लाहु अकबर!' 'ईश्वर महान है!' (Survivors still being found)
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A true miracle...the sounds of joy embrace the sky... joy beyond belief.
— The White Helmets (@SyriaCivilDef) February 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
An entire family was rescued from under the rubble of their house this afternoon, Tuesday, February 7, in the village of Bisnia, west of #Idlib.#Syria #earthquake pic.twitter.com/Cb7kXLiMjT
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— The White Helmets (@SyriaCivilDef) February 7, 2023
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An entire family was rescued from under the rubble of their house this afternoon, Tuesday, February 7, in the village of Bisnia, west of #Idlib.#Syria #earthquake pic.twitter.com/Cb7kXLiMjT
शनिवार को एक दर्जन से अधिक लोगों को बचाया गया, जिसमें अंतक्य में एक 7 महीने का बच्चा और सोमवार के भूकंप के केंद्र के निकटतम तुर्की शहर कहारनमारस में एक परिवार शामिल है. टेलीविजन नेटवर्क हैबरटर्क ने बताया कि सीरिया की सीमा से लगे गाजियांटेप प्रांत में, नूरदागी शहर में एक ध्वस्त इमारत से पांच लोगों के एक परिवार को बचाया गया और इस्लाहिये शहर में एक व्यक्ति और उसकी 3 साल की बेटी को मलबे से निकाला गया. ट
तुर्की में बचाया गया दो महीने का बच्चा : तुर्की के हते प्रांत में एक 7 साल की बच्ची को भी बचाया गया. कहारनमारस प्रांत के एल्बिस्तान जिले में भूकंप आने के 132 घंटे बाद 20 वर्षीय मेलिसा उल्कु और एक अन्य व्यक्ति को मलबे से बचाया गया. हते प्रांत में ही दो महीने के एक बच्चे को भी मलबे से निकाला गया. घटना का क्लिप वायरल हो गया है. राहत बचाव कर्मी बच्चे को ले जाते दिखाई दे रहे हैं.
तुर्की टीवी स्टेशन एनटीवी ने बताया कि हते प्रांत के इस्केंडरन में एक 44 वर्षीय व्यक्ति को 138 घंटे बाद बचाया गया. बचावकर्मियों ने इसे एक चमत्कार कहा, एक ने कहा कि वे किसी के जीवित होने की उम्मीद नहीं कर रहे थे, लेकिन जब वे खुदाई कर रहे थे, तो उन्होंने उसकी आंखें देखीं और उसने अपना नाम बताया. उसी प्रांत में, एनटीवी ने यह भी बताया कि भूकंप के 140 घंटे बाद अंताक्या में हमजा नाम का एक बच्चा जीवित पाया गया.
हालांकि हर कोशिश खुशी से खत्म नहीं होती. 50 घंटे तक चले शानदार रेस्क्यू के बाद मलबे से निकाले गए ज़ेनेप कहरामन की रात भर अस्पताल में जीवित रहने के बाद मौत हो गई. उसे बचाने वाली ISAR जर्मन टीम हैरान और दुखी थी.