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दक्षिण कोरिया ने अपना पहला जासूसी उपग्रह लॉन्च किया

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को कड़ी टक्कर दी है. इसने भी जासूसी उपग्रह अमेरिका की मदद से लॉन्च किया. इससे कुछ दिनों पहले उत्तर कोरिया में जासूसी उपग्रह लॉन्च करने का दावा किया था. South Korea launches spy satellite

South Korea launches its first spy satellite after rival North Korea does the same
दक्षिण कोरिया ने अपना पहला जासूसी उपग्रह लॉन्च किया
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By PTI

Published : Dec 2, 2023, 9:42 AM IST

वेंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस: दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च किया. इससे ठीक एक हफ्ते पहले उत्तर कोरिया ने अपने जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का दावा किया था. इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया गया.

जासूसी उपग्रह
जासूसी उपग्रह

अमेरिका की मदद से लॉन्च किया जासूसी उपग्रह: यह पांच जासूसी उपग्रहों में से पहला था जिसे दक्षिण कोरिया ने स्पेसएक्स के साथ एक अनुबंध के तहत 2025 तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है. यह कार्यक्रम इस सप्ताह की शुरुआत में निर्धारित किया गया था लेकिन मौसम की स्थिति के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया था. दक्षिण कोरिया के पास अंतरिक्ष में अपना कोई सैन्य टोही उपग्रह नहीं है और उसने उत्तर कोरिया की हरकतों पर नजर रखने के लिए आंशिक रूप से अमेरिकी जासूसी उपग्रहों का सहारा लिया है.

देश की रक्षा को काफी बढ़ावा देगा उपग्रह: जब दक्षिण कोरिया की जासूसी उपग्रह उत्तर कोरिया के खिलाफ देश की रक्षा को काफी बढ़ावा देगी. इस साल की शुरुआत में दो प्रक्षेपण विफलताओं के बाद उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह अपने मल्लिगयोंग-1 जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया. दक्षिण कोरिया ने पुष्टि की कि उपग्रह कक्षा में प्रवेश कर गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें यह सत्यापित करने के लिए और समय चाहिए कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं.

उत्तर कोरिया का बड़ा दावा: उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि नेता किम जोंग उन ने मल्लीगयोंग-1 उपग्रह के द्वारा वाशिंगटन में व्हाइट हाउस और पेंटागन और वर्जीनिया में एक नौसेना बेस और एक शिपयार्ड में अमेरिकी विमान वाहक की ली गई तस्वीरों की समीक्षा की. उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि उपग्रह ने गुआम और हवाई में अमेरिकी सैन्य सुविधाओं और दक्षिण कोरिया में प्रमुख स्थलों की तस्वीरें भी प्रसारित की.

उत्तर कोरिया ने अभी तक वो तस्वीरें जारी नहीं की है. बाहरी विशेषज्ञ इस बात को लेकर संशय में हैं कि क्या इसका उपग्रह उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरें भेज सकता है और उचित सैन्य टोही कर सकता है. उत्तर कोरियाई उपग्रह प्रक्षेपण की अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों ने तत्काल कड़ी निंदा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्ताव उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उपग्रह प्रक्षेपण पर प्रतिबंध लगाते हैं, उन्हें लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी के परीक्षण के लिए कवर के रूप में देखते हैं.

उत्तर कोरिया ने गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ती अमेरिकी शत्रुता से निपटने के लिए उसके पास जासूसी उपग्रह लॉन्च करने का संप्रभु अधिकार है. इसने कहा कि वह इसके अलावी भी लॉन्च करेगा. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग की प्रभावशाली बहन किम यो जोंग ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए मुख्य खतरा (उत्तर कोरिया के) संप्रभु अधिकार के प्रयोग से नहीं है, बल्कि इसे परेशान करने और दमन करने के लिए अमेरिका की मनमानी व्यवहार से है.

ये भी पढ़ें-जासूसी उपग्रह : उत्तर कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपण में रूसी सहायता की अटकलें

वेंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस: दक्षिण कोरिया ने शुक्रवार को अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च किया. इससे ठीक एक हफ्ते पहले उत्तर कोरिया ने अपने जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का दावा किया था. इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया गया.

जासूसी उपग्रह
जासूसी उपग्रह

अमेरिका की मदद से लॉन्च किया जासूसी उपग्रह: यह पांच जासूसी उपग्रहों में से पहला था जिसे दक्षिण कोरिया ने स्पेसएक्स के साथ एक अनुबंध के तहत 2025 तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है. यह कार्यक्रम इस सप्ताह की शुरुआत में निर्धारित किया गया था लेकिन मौसम की स्थिति के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया था. दक्षिण कोरिया के पास अंतरिक्ष में अपना कोई सैन्य टोही उपग्रह नहीं है और उसने उत्तर कोरिया की हरकतों पर नजर रखने के लिए आंशिक रूप से अमेरिकी जासूसी उपग्रहों का सहारा लिया है.

देश की रक्षा को काफी बढ़ावा देगा उपग्रह: जब दक्षिण कोरिया की जासूसी उपग्रह उत्तर कोरिया के खिलाफ देश की रक्षा को काफी बढ़ावा देगी. इस साल की शुरुआत में दो प्रक्षेपण विफलताओं के बाद उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह अपने मल्लिगयोंग-1 जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया. दक्षिण कोरिया ने पुष्टि की कि उपग्रह कक्षा में प्रवेश कर गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें यह सत्यापित करने के लिए और समय चाहिए कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं.

उत्तर कोरिया का बड़ा दावा: उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि नेता किम जोंग उन ने मल्लीगयोंग-1 उपग्रह के द्वारा वाशिंगटन में व्हाइट हाउस और पेंटागन और वर्जीनिया में एक नौसेना बेस और एक शिपयार्ड में अमेरिकी विमान वाहक की ली गई तस्वीरों की समीक्षा की. उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि उपग्रह ने गुआम और हवाई में अमेरिकी सैन्य सुविधाओं और दक्षिण कोरिया में प्रमुख स्थलों की तस्वीरें भी प्रसारित की.

उत्तर कोरिया ने अभी तक वो तस्वीरें जारी नहीं की है. बाहरी विशेषज्ञ इस बात को लेकर संशय में हैं कि क्या इसका उपग्रह उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरें भेज सकता है और उचित सैन्य टोही कर सकता है. उत्तर कोरियाई उपग्रह प्रक्षेपण की अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य लोगों ने तत्काल कड़ी निंदा की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्ताव उत्तर कोरिया द्वारा किसी भी उपग्रह प्रक्षेपण पर प्रतिबंध लगाते हैं, उन्हें लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी के परीक्षण के लिए कवर के रूप में देखते हैं.

उत्तर कोरिया ने गुस्से में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बढ़ती अमेरिकी शत्रुता से निपटने के लिए उसके पास जासूसी उपग्रह लॉन्च करने का संप्रभु अधिकार है. इसने कहा कि वह इसके अलावी भी लॉन्च करेगा. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग की प्रभावशाली बहन किम यो जोंग ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए मुख्य खतरा (उत्तर कोरिया के) संप्रभु अधिकार के प्रयोग से नहीं है, बल्कि इसे परेशान करने और दमन करने के लिए अमेरिका की मनमानी व्यवहार से है.

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