मास्को : रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख की रिपोर्ट की गई टिप्पणियों के अनुसार, मॉस्को ने एक उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती की है. इस तैनाती के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस के दुश्मन उसके खिलाफ कुछ भी करने से पहले दो बार सोंचें.
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🇷🇺Russia Puts Nuclear Sarmat Missile on Combat Duty.
— Intel Drop (@IntelDrop_) September 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The RS-28 Sarmat, Super-Heavy Intercontinental Ballistic Missile has officially entered active combat service with the Strategic Missile Forces of the Russian Federation. The missile is replacing the R-36M2 ICBM, which has… pic.twitter.com/AlypynMIHg
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— Intel Drop (@IntelDrop_) September 1, 2023
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The RS-28 Sarmat, Super-Heavy Intercontinental Ballistic Missile has officially entered active combat service with the Strategic Missile Forces of the Russian Federation. The missile is replacing the R-36M2 ICBM, which has… pic.twitter.com/AlypynMIHg
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने कहा कि शुक्रवार को रूसी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरमाट मिसाइलों को 'कॉम्बैट ड्यूटी' पर तैनात कर दिया गया है. रूसी सरकार द्वारा संचालित समाचार एजेंसी तासने रोसोस्मोस प्रमुख के हवाले से कहा कि सरमाट स्ट्रेटेजिक सिस्टम को कॉम्बैट अलर्ट पर डाला गया है.
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FOR YOUR INFORMATION, Russia has now put its most powerful and dreadful Sarmat Intercontinental Ballistic missiles on standby, ready for combat.
— J. C. Okechukwu (@jcokechukwu) September 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
SARMAT Intercontinental ballistic missile popularly known and referred to as “Satan 2” in the west, is capable of carrying at least… pic.twitter.com/6T2KSsRWwb
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— J. C. Okechukwu (@jcokechukwu) September 2, 2023
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— J. C. Okechukwu (@jcokechukwu) September 2, 2023
SARMAT Intercontinental ballistic missile popularly known and referred to as “Satan 2” in the west, is capable of carrying at least… pic.twitter.com/6T2KSsRWwb
तास ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विशेषज्ञों के अनुमानों के आधार पर, RS-28 SARMAT उत्तर और दक्षिण ध्रुवों दोनों पर दुनिया भर में किसी भी स्थान पर 10 टन तक वजन वाले एक मिरवेड वारहेड को गिराने में सक्षम है. व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को कहा कि वह उन रिपोर्टों की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं जो रूस और सरमाट की स्थिति को लेकर सामने आ रहे हैं.
पुतिन ने फरवरी में कहा था कि सरमाट, रूस के शस्त्रागार में कई उन्नत हथियारों में से एक, जल्द ही तैनाती के लिए तैयार हो जाएगा. 2022 में, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर हमला करने के कुछ दो महीने बाद, पुतिन ने कहा कि सरमाट 'बाहरी खतरों से रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि था कि जो आक्रामक बयानबाजी के जरीये हमारे देश को धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं वह ऐसा करने से पहले दो बार सोच लें.
रूसी अधिकारियों का कहना है कि सरमाट एक भूमिगत साइलो-आधारित मिसाइल है जिसे 15 परमाणु वारहेड्स तक ले जा सकते हैं, हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने 10 वारहेड होने की अपनी क्षमता का अनुमान लगाया है. नाटो के सहयोगी देशों के बीच इस मिसाइल का कोडनेम 'सतन (SATAN)' है. कहा जाता है कि इस मिसाइल के पास कथित तौर पर एक प्रारंभिक लॉन्च चरण है, जिसकी वजह से निगरानी प्रणालियों को इसके टेक ऑफ को ट्रैक करने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है.
200 टन से अधिक का वजन वाले सरमाट में लगभग 18,000 किमी (11,000 मील) की दूरी तय करने की क्षमता है. इसे रूस की पुरानी पीढ़ी की इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICMBs) को बदलने के लिए विकसित किया गया था जो 1980 के दशक में तैयार किये गये थे.
रूस ने अप्रैल 2022 में देश के प्लेसेटस्क क्षेत्र में सरमाट मिसाइल का परीक्षण किया, जो मॉस्को के उत्तर में लगभग 800 किमी (लगभग 500 मील) स्थित है. इस परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में कामचटक प्रायद्वीप पर अपने लक्ष्य मार गिराया था.
(एएनआई)